नड्डा पर कांग्रेस का पलटवार, हिंसा और घृणा की घटनाओं पर खामोश क्यों हैं प्रधानमंत्री ?

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा विपक्षी दलों पर निशाना साधे जाने के बाद सोमवार को उन पर पलटवार करते हुए कहा कि देश के कई हिस्सों में हुई सांप्रदायिक ंिहसा और घृणा की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश क्यों हैं. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर देश में ंिहसा, घृणा और ध्रुवीकरण को फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि यह देश और जनता के लिए खतरनाक है.

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने विपक्ष पर ‘‘राष्ट्र की भावना पर सीधा हमला करने’’ और देश के ‘‘मेहनती नागरिकों पर आक्षेप लगाने’’ का सोमवार को आरोप लगाया. नड्डा ने देश के नागरिकों के नाम लिखे एक पत्र में कहा कि विपक्षी दलों की ‘‘वोट बैंक की राजनीति, विभाजनकारी राजनीति और चयनात्मक राजनीति की परखी गई या मुझे कहना चाहिए कि धूल में मिली और जंग खा चुकी सोच अब काम नहीं कर रही’’, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ पर जोर दिए जाने से भारतीय सशक्त बन रहे हैं तथा उन्हें और ऊपर उठने के लिए पंख मिल रहे हैं.

कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने एक बयान में कहा कि पिछले आठ वर्ष भारत के इतिहास में संविधान, इसके तानेबाने और हर संस्थान पर हमले के रूप में अंकित होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि भाजपा और उसकी सरकार अपने ही लोगों के साथ युद्ध कर रही है, चाहे वो युवा हों, महिलाएं हों, गरीब हों, अनुसूचित जाति के लोग हों, आदिवासी हों, पिछड़े हों या अल्पसंख्यक हों, सबके साथ युद्ध कर रही है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में मानव विकास के सभी सूचकांकों पर देश पिछड़ गया और 23 करोड़ से अधिक लोग फिर से गरीबी में चले गए.

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘पिछले आठ वर्षों में भाजपा की सरकार के तहत पांच लाख करोड़ रुपये की बैंक जालसाजी हुई तथा नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी जैसे लोगों के 11 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को बट्टे खाते में डाला गया.’’ उन्होंने महंगाई, बेरोगजारी, सार्वजनिक संपत्तियों के निजीकरण और चीन के साथ सीमा पर तनाव की स्थिति को लेकर भी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा.

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘नड्डा जी, आजादी के 53 साल बाद तक आरएसएस ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया. आपकी सरकार ने संविधान को व्यवस्थित ढंग से कमजोर किया और हर संस्था को कमजोर किया. आपकी सरकार ंिहसा और घृणा फैलाकर लोगों को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की अफीम दे रही है.’’ उन्होंने भाजपा अध्यक्ष से सवाल किया, ‘‘देश के कई हिस्सों में दंगे और ंिहसा हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं? वह घृणा को खारिज क्यों नहीं करते? नफरत फैलाने वालों को आप लोगों का राजनीतिक संरक्षण क्यों मिला हुआ है’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा की ओर से नफरत, सांप्रदायिक तनाव और विभाजन पैदा किया जाना देश और लोगों के लिए खतरनाक है.

जनता की जेब काटने का नया तरीका अपना रही है सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगले महीने होने वाली बैठक में पांच प्रतिशत के कर स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किए जाने की संभावना के बीच सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार अब जनता की जेब काटने का नया तरीका अपनाने की तैयारी कर रही है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘अब 1,50,000 करोड़ रुपये की कर वसूली की तैयारी! मोदी सरकार जीएसटी दर 5 प्रतिशत से 8 प्रतिशत बढ़ा कर अब लोगों की जेब काटने का नया तरीका तैयार कर रही है.’’ उन्होंने दावा किया कि जीएसटी दर बढ़ने से मसाले, तेल, चाय-कॉफी, चीनी, मिठाई, कोयला, बायो गैस, किसान की खाद, जीवन रक्षक दवाइयां, 1000 रुपये तक के जूते-चप्पल, अगरबत्ती, बुजÞर्गों की छड़ी, सुनने की कान की मशीन, नेत्रहीनों की घड़ी, कालीन और कई अन्य वस्तुएं एवं सेवाएं महंगी हो जाएंगी.

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘जीएसटी दर बढ़ने से पहले ही लोग महंगाई के बोझ से कराह रहे हैं, थोक खुदरा महंगाई मार्च महीने में 14.55 प्रतिशत की अप्रत्याशित ऊंचाई छू रही है, पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस-सीएनजी-पीएनजी ने कमर तोड़ दी है, नींबू-हरी मिर्च-सब्जी खाना सपना हो गया है,कितना और निचोड़ेंगे देश की जनता को ?’’ गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की अगले महीने होने वाली बैठक में पांच प्रतिशत के कर स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है.

सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके स्थान पर कुछ अधिक खपत वाले उत्पादों को तीन प्रतिशत और शेष को आठ प्रतिशत के स्लैब में डाला जा सकता है. ज्यादातर राज्य राजस्व बढ़ाने को लेकर एकराय रखते हैं ताकि उन्हें मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना पड़े. फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं. इसके अलावा, सोने और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत कर लगता है.

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