अदालत ने इमरान खान की जमानत आठ जून तक बढ़ाई

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को हिंसा भड़काने और राजद्रोह से संबंधित दो मामलों में मिली जमानत को मंगलवार को आठ जून तक के लिए बढ़ा दिया. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएवसी) की एकल पीठ ने राज्य के संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आरोपों और खान के समर्थकों द्वारा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता मोहसिन रांझा के साथ बदसलूकी से संबंधित मामले की सुनवाई की.

मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख की जमानत आठ जून तक बढ़ा दी. अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री को आज अदालत में पेशी से भी छूट दी थी. मुख्य न्यायाधीश फारूक ने अदालत परिसर से खान की गिरफ्तारी से संबंधित प्राथमिकी के बारे में भी सवाल किया. अटॉर्नी जनरल ने इसके जवाब में कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खान (70) को जमानत देते हुए नौ मई के बाद दर्ज सभी मामलों में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. अग्रिम राहत के लिए उन्हें 15 मई को लाहौर उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा गया था. खान के खिलाफ पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से कई मामले दर्ज किए गए हैं. खान का आरोप है कि सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं.

इस बीच, लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने मंगलवार को खान की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें पिछले सप्ताह अल कादिर ट्रस्ट मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद पंजाब प्रांत में उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में जमानत देने का अनुरोध किया गया है. गौरतलब है कि खान (70) को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पिछले सप्ताह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था और जवाबदेही अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार मामले में आठ दिन के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत में भेज दिया था. उच्चतम न्यायालय ने खान को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी को ‘‘गैर कानूनी’’ करार दिया और उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था.

‘आपको देखकर अच्छा लगा इमरान खान’:पाक के प्रधान न्यायाधीश ने दी अलोचनाओं पर सफाई

पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का उच्चतम न्यायालय में स्वागत करने के लिए हुई उनकी आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अदालती शिष्टाचार के तहत था और इसके कोई राजनीतिक निहितार्थ नहीं थे.

दरअसल इमरान खान की अल कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया था. खान को उच्चतम न्यायालय में पेश किया गया था जहां बांदियाल ने उनसे कहा था ‘‘ आपके देख कर अच्छा लगा.’’ इसके बाद प्रधान न्यायाधीश की सत्तारूढ़ दल ने निंदा की थी. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से आयोजित मंत्रिमंडल की एक बैठक में शरीफ ने कहा था कि जिस प्रकार से बांदियाल ने खान का स्वागत किया, वह देश की न्याय पालिका पर एक धब्बा है.

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा,‘‘ खान का स्वागत करने के लिए मेरी आलोचना की जा रही है, हालांकि मैं इस वाक्य का अक्सर इस्तेमाल करता हूं.’’ जिओ न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में प्रधान न्यायाधीश के हवाले से कहा,‘‘ मैं सभी को सम्मान की दृष्टि देखता हूं क्योंकि सम्मान सभी के लिए अहम है.’’ समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी खबर में प्रधान न्यायाधीश के हवाले से कहा,‘‘ प्रत्येक व्यक्ति सम्मान और अच्छा बर्ताव पाने का हकदार है.’’

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने खान की जमानत शुक्रवार को मंजूर कर ली थी. खान (70) को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था और जवाबदेही अदालत ने उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में आठ दिन के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत में भेज दिया था.

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