‘द कश्मीर फाइल्स’ पर वाद-विवाद से दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे : इजराइली दूत

‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बयान को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आए इजराइली फिल्मकार

मुंबई/जम्मू/यरूशलम. भारत में इजराइल के महावाणिज्य दूत कोबी शोशनी ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर फिल्मकार नदव लापिद की टिप्पणियों से खुद की और देश की दूरी बनाते हुए मंगलवार को कहा कि इस फिल्म पर वाद-विवाद से भारत और इजराइल के बीच संबंध मजबूत होंगे. शोशनी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अभिनेता अनुपम खेर के साथ मंच साझा करते हुए कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ दुष्प्रचार नहीं है बल्कि एक ‘‘मजबूत फिल्म’’ है जो कश्मीरी लोगों की पीड़ा को दिखाती है.

खेर ने सहमति जताते हुए कहा कि फिल्म के संबंध में लापिद की टिप्पणी से पैदा हुए विवाद ने भारत और इजराइल को करीब ला दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई कुछ चीजों का विरोध करता है, तो आपको पता चलता है कि दोनों देश कितने साथ-साथ हैं. महावाणिज्य दूत द्वारा यहां आना साबित करता है कि यह एक रिश्ता है. और यह दर्द का रिश्ता है क्योंकि दोनों देशों ने पलायन और नरसंहार का सामना किया है, जो सच्चाई है.” शोशनी के अनुसार, कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ कश्मीर में जो हुआ, खेर उसका प्रतिनिधित्व करते हैं.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सुबह सबसे पहले मैंने अपने मित्र अनुपम खेर से माफी मांगने के लिए उन्हें फोन किया. ऐसे भाषण के लिए माफी मांगी जो किसी की निजी राय है. लापिद की टिप्पणियों का इजराइल सरकार से आधिकारिक और अनाधिकारिक रूप से कोई लेना-देना नहीं है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस विवाद से भारत-इजराइल संबंध प्रभावित होंगे, राजनयिक ने कहा कि इससे संबंध और मजबूत होंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक क्षति थी, निश्चित रूप से हमें इसे स्वीकार करने की आवश्यकता है. राजदूत ने आज सुबह इसे स्पष्ट किया और मैंने भी ऐसा किया. यह अच्छा है कि इससे कश्मीर में पीड़ित लोगों का सवाल उठा. मैं यहां भारत में अपने दोस्तों को अपना समर्थन देने आया हूं. भारत और इजराइल पूर्ण लोकतंत्र हैं. अभिव्यक्ति की आजादी दोनों देशों में महत्वपूर्ण है.’’ उन्होंने सोमवार शाम को ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा था कि उनकी इस फिल्म पर लापिद से अलग राय है.

‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बयान देकर लापिद ने भारी भूल की, उम्मीद है खेद जताएंगे: इजराइली निर्देशक वोलमैन

जानेमाने इजराइली फिल्मकार डैन वोलमैन ने कहा कि उनके सहयोगी तथा मित्र नदव लापिद द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के बारे में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव (इफ्फी) के समापन समारोह में निजी राय व्यक्त करना अनुचित था.  मशहूर इजराइली फिल्मों ‘हाइड एंड सीक’, ‘टाइड हैंड्स’ और ‘एन इजराइली लव स्टोरी’ के निर्देशक वोलमैन ने कहा कि लापिद को अपने बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए.

इफ्फी के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से 2018 में सम्मानित किये जा चुके वोलमैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने पुरस्कार विजेताओं की घोषणा के दौरान एक फिल्म के बारे में अपनी निजी राय रखकर भारी भूल की जिस फिल्म ने पुरस्कार जीता भी नहीं था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विचार से उनकी बात अनुचित थी. यह मेरे लिए असहज करने वाला था और मैं ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में उनके विचार साझा नहीं करता. मुझे उम्मीद है कि वह खेद जताएंगे.’’ वोलमैन ने कहा कि जूरी अध्यक्ष लापिद को स्पर्धा में शामिल फिल्मों की गुणवत्ता के बारे में चर्चा के लिए चुना गया था, लेकिन समापन समारोह के मंच पर नहीं.

‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बयान को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आए इजराइली फिल्मकार
इजराइली फिल्म निर्देशक और भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के अंतरराष्ट्रीय जूरी अध्यक्ष नदव लापिद ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर अपनी टिप्पणियों को लेकर विवादों में घिर गए हैं. इजराइल के राजूदत ने लापिद के बयान की आलोचना की और कहा कि उन्होंने भारत के निमंत्रण का दुरुपयोग किया.

गौरतलब है कि गोवा में 53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इजÞराइली फिल्मकार नदव लापिद ने सोमवार को हिंदी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘‘दुष्प्रचार करने वाली’’ और ‘‘भद्दी’’ फिल्म बताया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और अनुपम खेर एवं रणवीर शौरी जैसे अभिनेताओं और फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने लापिद के बयान की आलोचना की. कांग्रेस और फिल्म समुदाय में कुछ लोगों ने इजराइली फिल्मकार का बचाव किया है.

इफ्फी 2022 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए लापिद ने कहा कि फिल्म समारोह में इस फिल्म का प्रदर्शन किए जाने से वह “परेशान और हैरान” हैं. इस समारोह में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ ही खेर और बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार तथा अभिनेत्री आशा पारेख भी शामिल हुईं. अग्निहोत्री ने नब्बे के दशक में आतंकवाद के कारण घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को दिखाने वाली ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तुलना स्टीवन स्पिलबर्ग की नरसंहार पर आधारित फिल्म ‘‘शिंडलर्स लिस्ट’’ से की.

भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन समेत कई लोगों ने 1993 की आॅस्कर विजेता इस फिल्म का जिक्र किया है. गिलोन ने सिलसिलेवार ट्वीट कर एक खुले पत्र में कहा कि लापिद को ‘‘र्शिमंदा’’ होना चाहिए और उन्होंने इसकी वजह भी दी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस तरह के बयानों की कड़ी ंिनदा करता हूं. इसका कोई औचित्य नहीं है. यह यहां कश्मीर मुद्दे की संवेदनशीलता दिखाता है.’’ इजराइली राजदूत ने फिल्म निर्माता की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ‘‘र्शिमंदा’’ होना चाहिए क्योंकि उन्होंने फिल्म महोत्सव में जज के पैनल की अध्यक्षता करने के भारत के निमंत्रण का ‘‘सबसे अधिक दुरुपयोग’’ किया.

‘द कश्मीर फाइल्स’ के लेखक एवं निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं. इसका निर्माता ‘जÞी स्टूडियोज’ है. फिल्म पाकिस्तान सर्मिथत आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद समुदाय के कश्मीर से पलायन पर आधारित है. ‘द कश्मीर फाइल्स’ इस साल 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. यह इफ्फी के ‘इंडियन पनोरमा सेक्शन’ का हिस्सा थी और इसका 22 नवंबर को प्रदर्शन किया गया था.

इस फिल्म को लेकर हुई आलोचनाओं के बावजूद इसने बॉक्स आॅफिस पर 330 करोड़ रुपये की कमायी की थी. इस फिल्म ने राजनीतिक दलों के बीच उस समय बहस शुरू कर दी थी, जब मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित कई राज्यों ने इसे मनोरंजन कर से छूट दी थी. अंतरराष्ट्रीय फिल्म जूरी का हिस्सा रहे भारतीय फिल्म निर्देशक सुदिप्तो सेन ने लापिद के बयान से दूरी बनायी. उन्होंने कहा कि लापिद के बयान उनकी निजी राय है.

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने लापिद द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ की ंिनदा किए जाने की तुलना नरसंहार को खारिज किए जाने से की, जिसमें हिटलर सरकार ने लाखों यहूदियों की हत्या कर दी थी. मालवीय ने कहा, ‘‘लंबे समय तक लोगों ने नरसंहार को भी मानने से इनकार कर दिया था तथा शिंडलर्स लिस्ट को दुष्प्रचार बताया था जैसा कि कुछ लोग कश्मीर फाइल्स के साथ कर रहे हैं. अंतत: सच की जीत होती है.’’

लापिद के बयान पर भाजपा की गोवा इकाई के प्रवक्ता सेवियो रोड्रिगेज ने मीडिया से कहा, ‘‘फिल्म निर्माता तथा इफ्फी जूरी प्रमुख नदव लापिद द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर दिया बयान पूर्व में कश्मीरी हिंदुओं द्वारा झेली गयी भयावहता का अपमान है.’’ अग्निहोत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सच सबसे खतरनाक चीज है क्योंकि यह लोगों को झूठा बना सकता है.

अग्निहोत्री ने ट्वीट किया, ‘‘सुप्रभात. सच सबसे खतरनाक चीज है. यह लोगों को झूठा बना सकता है.’’ इससे पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’ में काम करने वाले अभिनेता अनुपम खेर ने मंगलवार को कहा कि सत्य हमेशा असत्य पर विजय प्राप्त करेगा. खेर ने महान अमेरिकी फिल्म निर्माता स्टीवन स्पिलबर्ग की प्रख्यात होलोकास्ट ड्रामा ‘शिंडलर्स लिस्ट’ की तस्वीरों के साथ ही ‘द कश्मीर फाइल्स’ की एक तस्वीर भी पोस्ट की. ‘शिंडलर्स लिस्ट’ जर्मन उद्योगपति आॅस्कर शिंडलर पर आधारित थी जिन्होंने एक हजार से ज्यादा पोलिश-यहूदी शरणार्थियों को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अपनी फैक्ट्रियों में काम देकर विनाश से बचाया था.

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने केंद्रीय मंत्री ठाकुर से लापिद के खिलाफ ‘‘गंभीर कार्रवाई’’ करने की मांग की और कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय जूरी प्रमुख के रूप में चुनना महोत्सव के आयोजकों की चूक थी. उन्होंने कहा, ‘‘प्रिय अनुराग ठाकुर जी. कश्मीरी पंडित और नरसंहार का पीड़ित होने के नाते मैं, हमारी त्रासदी को भद्दा बताने के लिए इफ्फी 2022 के जूरी प्रमुख नदव लापिद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता हूं. उन्होंने हमारे जख्मों पर नमक छिड़का है अत: उन्हें माफी मांगनी चाहिए.’’ हालांकि, कुछ लोगों ने पुरस्कार विजेता फिल्म ‘‘सिनोनिम्स’’ के लिए पहचाने जाने वाले लापिद का भी बचाव किया.

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार, भाजपा ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ का जमकर प्रचार किया. भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने इस फिल्म को खारिज कर दिया. जूरी प्रमुख नदव लापिद ने इसे ‘दुष्प्रचार करने वाली, भद्दी फिल्म – फिल्म महोत्सव के लिए अनुचित बताया.’’ शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इजराइली फिल्म निर्माता के भाषण का वीडियो लिंक साझा किया. उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के एक संवेदनशील मुद्दे को दुष्प्रचार की वेदी पर बलिदान कर दिया गया.’’ बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए पहचाने जाने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने फिल्म महोत्सव के समापन समारोह में लापिद की टिप्पणियों को लेकर एक खबर का लिंक साझा किया. उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर यह दुनिया के लिए साफ है….’’

‘द कश्मीर फाइल्स’ टिप्पणी को लेकर रैना ने इजराइली फिल्मकार पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रमुख रवींद्र रैना ने मंगलवार को कहा कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर इजराइली फिल्म निदेशक नदव लापिद द्वारा की गई टिप्पणी केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्थिति के बारे में उनकी जानकारी की कमी दर्शाती है, जबकि फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने उनकी नियुक्ति की जांच की मांग की.

रैना ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्हें (लापिद) पहले जम्मू कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के शिविरों का दौरा करना चाहिए. इस तरह की टिप्पणी की उम्मीद केवल उस व्यक्ति से की जाती है जो जमीनी स्थिति के साथ ही यह नहीं जानता कि आतंकवाद के चलते लोग कितने प्रभावित हुए हैं, चाहे उनका धर्म कोई भी हो.’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सर्मिथत आतंकवाद ने पिछले तीन दशकों में एक लाख लोगों की जान ली है और इसके चलते कश्मीरी पंडितों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा. रैना ने कहा कि फिल्म ‘‘आतंकवाद के पीड़ितों की दुर्दशा की सच्ची तस्वीर दर्शाती है.’’ ग्यारह मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई ‘द कश्मीर फाइल्स’ इफ्फी में ‘इंडियन पैनोरमा सेक्शन’ का हिस्सा थी.

रैना ने भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन के बयान का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘संभवत: उन्होंने (लापिद ने) किसी के भड़काने पर ऐसा बयान दिया. उन्हें आतंकवाद के पीड़ितों – कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों दोनों – से मिलना चाहिए और उनका दर्द महसूस करना चाहिए.’’ गिलोन ने फिल्म की आलोचना करने के लिए लापिद को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें ‘‘र्शिमंदा’’ होना चाहिए क्योंकि उन्होंने फिल्म महोत्सव में जज के पैनल की अध्यक्षता करने के भारत के निमंत्रण का ‘‘सबसे अधिक दुरुपयोग’’ किया.

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