सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में लगाने का फैसला पेशेवर आधार पर लिया गया: वेदांता प्रमुख

नयी दिल्ली/मुंबई. वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माण के प्रस्तावित संयंत्र को महाराष्ट्र से गुजरात ले जाने पर पैदा हुए विवाद के बीच बृहस्पतिवार को कहा कि इस संयंत्र की जगह का फैसला पूरी तरह पेशेवर और स्वतंत्र परामर्श के आधार पर किया गया है.

अग्रवाल ने अपने कई ट्वीट में इस संयंत्र को स्थानांतरित करने से जुड़े विवाद पर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भले ही चिप विनिर्माण संयंत्र को गुजरात ले जाने का फैसला किया गया है लेकिन उनका समूह महाराष्ट्र में भी निवेश के लिए प्रतिबद्ध है.

वेदांता और उसकी साझेदार फॉक्सकॉन के सेमीकंडक्टर चिप संयंत्र पहले महाराष्ट्र में लगाने की चर्चा थी. लेकिन दो दिन पहले वेदांता ने अचानक गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर इस संयंत्र को गुजरात में स्थापित करने की घोषणा कर दी. इस संयंत्र पर करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है. हालांकि, इस घोषणा के फौरन बाद महाराष्ट्र और गुजरात के राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. कई दलों ने इसे महाराष्ट्र सरकार की नाकामी के तौर पर भी पेश किया.

अग्रवाल ने इस संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘वेदांता-फॉक्सकॉन गठजोड़ करोड़ों डॉलर वाले इस निवेश के लिए माकूल जगह का आकलन पेशेवर ढंग से करता रहा है. यह एक वैज्ञानिक एवं वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें कई साल भी लग जाते हैं. हमने यह प्रक्रिया दो साल पहले शुरू की थी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें एक बाहरी पेशेवर एजेंसी की सेवाएं भी ली गईं. हमने गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों का चयन किया और पिछले दो साल से हम इनमें से हरेक राज्य की सरकार के साथ बात करते रहे हैं.’’ वेदांता समूह के प्रमुख ने कहा कि गुजरात का अंतिम रूप से चयन कंपनी की उम्मीदों पर खरा उतरने की वजह से किया गया. हालांकि, उन्होंने उन अपेक्षाओें का ब्योरा नहीं दिया लेकिन यह जरूर कहा कि समूह 1,000 एकड़ जमीन मुफ्त में चाहता था जबकि पानी एवं बिजली को भी रियायती दरों पर मुहैया कराने की मांग रखी गई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी अपेक्षाएं पूरी होने पर कुछ महीने पहले ही गुजरात को इस संयंत्र के लिए चुन लिया था. लेकिन जुलाई में महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिस्पर्द्धी पेशकश कर अन्य राज्यों को पीछे छोड़ने की कोशिश की. लेकिन हमें यह संयंत्र एक ही जगह लगाना है लिहाजा पेशेवर एवं स्वतंत्र परामर्श के आधार पर हमने गुजरात को ही अंतिम तौर पर चुना.’’ उन्होंने कहा कि इस दीर्घकालिक निवेश से भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का स्वरूप ही बदल जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम अखिल भारतीय पारिस्थितिकी तैयार करेंगे और महाराष्ट्र में भी निवेश के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. हमारे गुजरात संयंत्र में एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र की भूमिका अहम होगी.’’

वेदांता-फॉक्सकॉन संयंत्र गुजरात जाना महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा पर हमला है : शिवसेना

भारतीय समूह ‘वेदांता’ और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ‘फॉक्सकॉन’ का सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में स्थापित होने की घोषणा पर शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह महाराष्ट्र की ‘‘प्रतिष्ठा’’ पर हमला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा कि यह तो महज शुरुआत है और एक दिन एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार ‘‘मुंबई को भी बेच’’ सकती है. उसने आरोप लगाया कि इससे पहले मुंबई से एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र भी गुजरात ले उड़ा था.

गौरतलब है कि दो दिन पहले वेदांता-फॉक्सकॉन का सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात स्थापित करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नाम लिए बिना शिवसेना के मुखपत्र ने आरोप लगाया कि इस परियोजना की तरह कुछ लोग मुंबई-ठाणे ‘जीतने’ और महाराष्ट्र की समृद्धि को कम करने की महत्वाकांक्षा भी पालते हैं.

शिवसेना ने आरोप लगाया कि यही वजह है कि महाराष्ट्र में एक ‘‘कठपुतली मुख्यमंत्री’’ बनाया गया. उसने दावा किया कि जब 2014-19 तक भाजपा के देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तो गिफ्ट सिटी परियोजना गुजरात को सौंप दी गयी थी और इसी तरह मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सेमीकंडक्टर संयंत्र हाथ से जाने दिया. संपादकीय में दावा किया गया है, ‘‘कल वे मुंबई तक का सौदा करने से नहीं हिचकेंगे. फॉक्सकॉन तो बस शुरुआत है. यह महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा पर गंभीर हमला है.’’

फॉक्सकॉन विवाद पर फडणवीस ने पूछा: ननार रिफाइनरी को वापस भेजने के लिए कौन जिम्मेदार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर संयंत्र के गुजरात चले जाने को लेकर झूठे दावे करने का आरोप लगाया और उससे ननार रिफाइनरी परियोजना को लेकर भी सवाल किया. उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने महाराष्ट्र के बजाय गुजरात में 1.54 लाख करोड़ रूपये के सेमीकडक्टर संयंत्र स्थापित किये जाने की दो दिन पहले घोषणा होने के बाद राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया है.

मास्को की यात्रा पर गये फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘‘यह निराशाजनक है कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए नकारात्मक, झूठा और बेबुनियाद प्रचार किया जा रहा है. यह बस अपनी अक्षमता को ढकना भर है. मैं विपक्षी नेताओं से पूछना चाहता हूं कि किसने महाराष्ट्र से 3.5 लाख करोड़ रूपये की रिफाइनरी वापस भेजी? इन नेताओं को मेरी सलाह है कि नकारात्मक एवं निराश होने के बजाय सक्षम एवं कुशल बनने पर ध्यान दें. ’’ उन्होंने वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल के इस ट्वीट का स्वागत किया कि महाराष्ट्र, गुजरात में स्थापित होने वाले संयुक्त उपक्रम के वास्ते ‘अग्रिम एकीकरण’ के लिए अहम होगा.

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हम अग्रिम एकीकरण के वास्ते महाराष्ट्र को चुनने के आपके फैसले का स्वागत करते हैं. हम हमेशा प्रतिस्पर्धी एवं कारोबारी मित्र रहेंगे.’’ ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने तब स्थानीय लोगों का साथ दिया था जब उन्होंने तटीय रत्नागिरि जिले के ननार में रिफाइनरी परियोजना का विरोध किया था. अग्रवाल ने अपने ट्वीट में कहा कि वेदांता फॉक्सकॉन जे वी अरबों डॉलर के निवेश के लिए उपयुक्त स्थान का पेशेवर ढंग से मूल्यांकन कर रहा था.

उन्होंने कहा, ‘‘ यह वैज्ञानिक एवं वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें कई साल लगते हैं. हमने दो साल पहले यह शुरू किया था. ’’ उन्होंने कहा कि उसने (वेदांता फॉक्सकॉन जे वी ने) गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को छांटा था और इन सरकारों एवं केंद्र सरकार के साथ संवाद किया था एवं उसे ‘‘शानदार सहयोग भी मिला है.’’ अग्रवाल ने कहा, ‘‘ हमने कुछ महीने पहले गुजरात पर निर्णय लिया क्योंकि वह हमारी उम्मीदों पर खरा उतरा. लेकिन जुलाई में महाराष्ट्र नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान उसने प्रतिस्पर्धी पेशकश से अन्य राज्यों को मात देने की भरसक कोशिश की. हमें एक स्थान पर संयंत्र का काम तो शुरू करना ही था और पेशेवेर एवं स्वतंत्र सलाह के आधार पर हमने गुजरात को चुना.’’

उन्होंने कहा कि अरबों डॉलर का दीर्घकालिक निवेश ‘ भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स की दशा-दिशा बदल देगा’’ और वह अखिल भारतीय अनुकूल तंत्र विकसित करेगा. उन्होंने कहा , ‘‘ हम महाराष्ट्र में भी निवेश करने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध हैं. महाराष्ट्र हमारे गुजरात जेवी में अग्रिम एकीकरण के वास्ते हमारा अहम गंतव्य होगा.’’

केन्द्र के दबाव के चलते वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना को गुजरात स्थानांतरित किया गया:महाराष्ट्र कांग्रेस

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार के दबाव के चलते वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना को गुजरात स्थानांतरित किया गया है जबकि राज्य की पूर्व महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने कंपनी को संयंत्र लगाने के लिए बेहतर पैकेज की पेशकश की थी.

कांग्रेस की राज्य इकाई के महासचिव सचिन सावंत ने एक बयान में कहा कि परियोजना को गुजरात के धोलेरा में स्थानांतरित किया गया है . हालांकि यह पुणे के निकट तलेगांव की तुलना में ऐसा स्थान है जहां ‘‘सुविधाएं नहीं ’’ हैं. उन्होंने कहा कि इस कदम से देश को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि इस बात की आशंका है कि परियोजना वहां रुक जाएगी.

 

 

 

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