दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे नौ बांग्लादेशियों पकड़ा

नयी दिल्ली/गुवाहाटी/उन्नाव. हरियाणा के मेवात में ईंट भट्टे पर काम करने वाले नौ बांग्लादेशी नागरिकों के एक परिवार को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है, जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के बाद गिरफ्तारी के डर से फरार थे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अवैध बांग्लादेशियों के बारे में सूचना मिलने पर, पुलिस की एक टीम ने 23 मई को वजीरपुर जेजे कॉलोनी में निगरानी और सत्यापन अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप ऐसे ही एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया.

एक अधिकारी ने बताया कि उससे पूछताछ में पुलिस को उसी परिवार के एक नवजात सहित आठ अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने में मदद मिली, जो वैध दस्तावेजों के बिना भारत में रह रहे थे. उन्हें उत्तर-पश्चिम दिल्ली के भारत नगर इलाके से पकड़ा गया.
उन्होंने बताया कि उनके पास से एक स्मार्टफोन जब्त किया गया है, जिसमें प्रतिबंधित वीडियो कॉल और चैटिंग ऐप था. उन्होंने बताया कि इसका इस्तेमाल परिवार बांग्लादेश में अपने रिश्तेदारों से बात करने के लिए करता था.

पूछताछ के दौरान परिवार ने बताया कि वे पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के रास्ते अवैध रूप से देश में घुसे थे. पुलिस ने बताया कि उन्होंने शुरू में भारतीय नागरिकता का दावा किया, लेकिन वे बांग्लादेश के कुरीग्राम जिले के निकले.
पकड़े गए बांग्लादेशियों में एक 45 दिन का शिशु भी शामिल है. सभी को निर्वासन कार्यवाही के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) को सौंप दिया गया. पुलिस ने बताया कि इस तरह की घुसपैठ को सुविधाजनक बनाने वाले और स्थानीय स्तर पर सहायता करने वालों का पता लगाने के लिए जांच जारी है.

असम के विभिन्न हिस्सों से कई ‘संदिग्ध नागरिकों’ को पकड़ा गया

असम के विभिन्न हिस्सों से कई लोगों को ”संदिग्ध नागरिक” होने के संदेह में ”पकड़ा गया” है और उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह अभियान भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के केंद्र के निर्देश पर चलाया जा रहा है.

असम पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”निर्देशानुसार, हमने अभियान शुरू किया है. कई लोगों को पकड़ा गया है और उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है.” उन्होंने पकड़े गए लोगों की कुल संख्या जैसे विवरण साझा करने से इनकार कर दिया और कहा कि अभियान जारी है. गुवाहाटी पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि शनिवार रात से कामरूप महानगर जिले के विभिन्न स्थानों से लगभग 150 लोगों को ”पकड़ा” गया है.

उन्होंने कहा, ”उन्हें रूपनगर पुलिस रिजर्व में रखा गया है और उनके कागजात की जांच की जा रही है.” अधिकारियों ने बताया कि कानून प्रणाली द्वारा ‘विदेशी’ घोषित किये गए कई लोग फरार हो गए हैं और फिलहाल उनका पता लगाया जा रहा है. एक अन्य अधिकारी ने कहा, ”इसके अलावा, कई संदिग्ध विदेशी भी राज्य में रह रहे हैं. हम इस अभियान में उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.” पूरा अभियान असम पुलिस सीमा संगठन की निगरानी में चलाया जा रहा है, जिसका नेतृत्व महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी कर रहे हैं.

शनिवार को, मोरीगांव जिले में अवैध रूप से रह रहे नौ बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी को विदेशी (नागरिक) न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी नागरिक घोषित किया गया था, लेकिन वे गिरफ्तारी से बच रहे थे. एक अधिकारी ने कहा, ”उक्त विदेशियों को उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ग्वालपाड़ा में निरूद्ध केंद्र में भेजा जाएगा, जिसे अब ट्रांजिट कैंप कहा जाता है. प्रक्रिया जारी है.”

भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में म्यांमा निवासी तीन महिलाएं गिरफ्तार

उन्नाव जिले में पुलिस ने अवैध रूप से रह रही म्यांमा की नागरिक तीन महिलाओं को रविवार को गिरफ्तार किया. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीनों महिलाएं गंगा घाट थाना क्षेत्र के मनोहर नगर इलाके में गंगा नदी के पास एक झुग्गी बस्ती में अपने परिवार के साथ रह रही थीं तथा उनके पास भारत में रहने के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं थे.

गंगा घाट थाने के उपनिरीक्षक गजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें 22 मई को सूचना मिली थी कि नदी के पास कुछ ऐसे लोग रह रहे हैं जो स्थानीय भाषा नहीं बोल पा रहे हैं जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस को तीन महिलाएं मिलीं. सिंह ने बताया कि पूछताछ में उन्होंने खुद को म्यांमा का मूल निवासी बताया तथा तीनों ने बताया कि वे असम के रास्ते कानपुर पहुंची थीं और शुक्लागंज इलाके में नदी किनारे अस्थायी झोपड़ियों में अपने परिवार के साथ रहने लगीं.

उपनिरीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार महिलाओं की पहचान अजीदा (36), सिनवारा बेगम (38) और नूर कायदा (22) के रूप में हुई है.
उनके मुताबिक, महिलाओं ने बताया है कि उनके परिवार में 10 सदस्य हैं और वे मूल रूप से म्यांमा के बुथिदौंग जिले के मौंगडॉ शहर की रहने वाली हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पकड़ी गयी महिलाओं के खिलाफ गंगा घाट थाने में विदेशी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है तथा मामले की विस्तृत जांच की जा रही है.

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