
नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की जारी जांच के सिलसिले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
एजेंसी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि ईडी ने 59.96 करोड़ रुपये मूल्य के 364 आवासीय भूखंडों और कृषि भूमि के रूप में अचल संपत्तियों को कुर्क करने के अलावा बैंक बचत और सावधि जमा के रूप में 1.24 करोड़ रुपये मूल्य की चल संपत्ति जब्त की है.
ईडी ने राज्य में हुए शराब घोटाले में भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो/आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, रायपुर द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की है.
बयान में कहा गया है, ”पुलिस जांच से पता चला है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अपराध से अर्जित 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की आय से लाभार्थियों की जेबें भरी गईं.” धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल ”शराब सिंडिकेट के शीर्ष” स्तर पर थे.
ईडी ने कहा, ”मुख्यमंत्री के पुत्र होने के नाते, चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के नियंत्रक और प्रमुख अधिकारी थे. सिंडिकेट द्वारा एकत्र किये गए सभी अवैध धन का हिसाब-किताब रखने की ज.म्मिेदारी उनकी ही थी. ऐसे धन के संग्रह और वितरण से जुड़े सभी बड़े फ.ैसले उनके निर्देशों पर लिए जाते थे.” ईडी ने आरोप लगाया है कि चैतन्य बघेल अपराध की आय के प्राप्तकर्ता थे, जिसे उन्होंने अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के माध्यम से बढ़ाया और बेदाग संपत्ति बताया.
उन्होंने कथित तौर पर शराब घोटाले से प्राप्त आय का उपयोग अपनी स्वामित्व वाली कंपनी, बघेल डेवलपर्स के तहत अपनी रियल एस्टेट परियोजना ”विट्ठल ग्रीन” में किया. बयान में कहा गया है, ”चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं. इससे पहले, इस मामले में अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस अधिकारी), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी (पूर्व आबकारी अधिकारी) और कवासी लखमा (विधायक और छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी मंत्री) को ईडी ने गिरफ्तार किया था.” इसमें कहा गया है कि 61.20 करोड़ रुपये की वर्तमान कुर्की, लगभग 215 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों की पूर्व की कुर्की के क्रम में है.



