यूरोपीय संघ ने रूस से अधिकांश तेल आयात पर पाबंदी का लिया फैसला

ब्रसेल्स. यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस के खिलाफ सबसे बड़ा कदम उठाते हुए यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने इस साल के अंत तक रूसी तेल के अधिकांश आयात को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है. यूरोपीय नेताओं ने सोमवार रात को रूस से किए जाने वाले 90 फीसदी तेल आयात को रोकने का फैसला लिया. इस फैसले को अगले छह महीनों में लागू कर दिया जाएगा. यूक्रेन को वित्तीय मदद देने के लिए लंबे समय से लंबित पैकेज पर केंद्रित यूरोपीय देशों के एक शिखर सम्मेलन में यह फैसला किया गया.

यूरोप तेल की अपनी 25 फीसदी जरूरत और प्राकृतिक गैस की 40 फीसदी जरूरत के लिए रूस पर निर्भर करता है. ऐसे में उनके लिए अधिकांश तेल आयात प्रतिबंधित करना एक मुश्किल भरा फैसला था. खास तौर पर ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस पर बुरी तरह आश्रित देश ऐसा करने से बचना चाहते थे.

हालांकि रूस ने इसे अधिक तवज्जो नहीं दी है. ईयू के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए विएना स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठनों में रूस के स्थायी प्रतिनिधि मिखाइल उलियानोव ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘रूस को दूसरे आयातक मिल जाएंगे.’’ आर्थिक नुकसान उठाने के बावजूद रूस अपनी ऊर्जा आपूर्ति को रोके हुए है. रूस की प्रमुख ऊर्जा कंपनी गैजप्रॉम ने कहा है कि वह नीदरलैंड्स की कंपनी गैसटेरा को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति नहीं करेगी और डेनमार्क के संबंध में भी ऐसा ही कदम उठाने पर विचार कर रही है. कंपनी बुल्गारिया, पोलैंड और फिनलैंड को आपूर्ति पहले ही बंद कर चुकी है.

इस प्रतिबंध में समुद्र के रास्ते लाया जाने वाला रूसी तेल भी शामिल है, जिससे पाइपलाइन द्वारा आयात के लिए अस्थायी छूट भी मिलती है. इस फैसले पर आम सहमति के लिए हंगरी की सहमति महत्वपूर्ण थी. हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर आॅरबान ने कहा था कि वह नए प्रतिबंधों का समर्थन तभी करेंगे जब उनके देश को तेल आपूर्ति सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी.

संगठन यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा कि समझौते में रूस से आयात किया जाने वाला दो-तिहाई से अधिक तेल शामिल है. इस प्रतिबंधात्मक पैकेज को अगले कुछ दिनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. मिशेल ने बताया कि नेता यूक्रेन की बदहाल अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए उसे नौ अरब यूरो की सहायता देने पर भी सहमत हुए हैं. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह राशि किस रूप में दी जाएगी. यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यह दंडात्मक कदम ‘‘वर्ष के अंत तक रूस से ईयू के लिए तेल आयात में प्रभावी रूप से लगभग 90 प्रतिशत की कटौती करेगा.’’

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