EWS से पटेल समुदाय की कई समस्याओं का हुआ समाधान, इस बार भाजपा के साथ खड़ा है समुदाय

अहमदाबाद. भारतीय जनता पार्टी के नेता हार्दिक पटेल का कहना है कि केंद्र द्वारा मौजूदा कोटे में छेड़छाड़ किए बिना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण करने के फैसले से गुजरात में पटेल समुदाय के कई मुद्दे हल हो गए हैं और समुदाय आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत सुनिश्चित करेगा.

गुजरात में 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुआ रहे पटेल ने कहा कि आंदोलन ने 2017 के गुजरात चुनाव में लगभग 20 विधानसभा क्षेत्रों को सीधे प्रभावित किया था. उन्होंने 2017 के चुनावों के दौरान कांग्रेस का समर्थन किया था. केंद्र ने जनवरी 2019 में संविधान में संशोधन कर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू किया था.

उसने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों की आनुपातिक सीटों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रदान करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में सीटों की कुल संख्या बढ़ाने के निर्देश भी जारी किए.

इस महीने की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने 3:2 के बहुमत के फैसले में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखा, जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी गरीबों को शामिल नहीं किया गया था.

पटेल ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘पाटीदार एकजुट हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने का फैसला किया है. 2017 के चुनावों में, मुद्दा अलग था. 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटे ने गुजरात के पटेलों सहित अन्य वर्गों से गरीबों और वंचितों के लिए आरक्षण का लाभ बढ़ाया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बार पटेल यह सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा को प्रचंड बहुमत मिले.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की और ईडब्ल्यूएस कोटे पर उनके फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया. उन्होंने कहा कि इससे 50 से अधिक समुदायों के गरीबों को लाभ होगा.

पटेल ने कहा, ‘‘इससे (ईडब्ल्यूएस आरक्षण से) भाजपा को काफी फायदा होगा. पिछली बार, पाटीदार आंदोलन ने लगभग 20 सीटों पर प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डाला था और कई अन्य सीटों पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा था. लेकिन अब न केवल पटेल बल्कि कई समुदायों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.’’ गुजरात विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रभाव के बारे में पूछने पर पटेल ने कहा कि वह अरंिवद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को भाजपा के लिए किसी खास चुनौती के रूप में नहीं देखते. उनके मुताबिक, कांग्रेस निकटतम प्रतिद्वंद्वी है, हालांकि चुनावों में वह काफी अंतर से दूसरे स्थान पर रहेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘आप चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है. लेकिन भगवान विष्णु और महेश के खिलाफ उसके नेताओं की टिप्पणियों ने गुजरात के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.’’ उन्होंने कहा,‘‘ ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस चुनाव में दूसरे नंबर पर रहेगी.’’ भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ने के मुद्दे पर, 29 वर्षीय पटेल ने कहा कि उनके मुद्दों का समाधान हो गया है और वह हमेशा ‘‘भाजपा-की सोच वाले और वैचारिक रूप से ंिहदुत्व और राष्ट्रवाद के करीब’’ थे.

हार्दिक पटेल 2015 और 2016 के बीच गुजरात में पाटीदार आंदोलन के चेहरे के रूप में प्रमुखता से उभरे. वह 2020 में कांग्रेस में शामिल हुए और इसकी गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. इस साल की शुरुआत में, वह भाजपा में शामिल हो गए, जिसने उन्हें अहमदाबाद के वीरमगाम निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है. पार्टी के नेता उन्हें ‘‘जुझारू नेता’’ बताते रहे हैं.

गुजरात में मुख्यमंत्रियों को बदलने के बारे में पूछे जाने पर, हार्दिक ने कहा कि भाजपा पूरे गुजराती समाज की पार्टी है और ‘‘यह उचित समय पर हर जाति को प्रतिनिधित्व देती है’’. उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात के लोगों को भाजपा पर पूरा भरोसा है. वे इसके सभी फैसलों को स्वीकार करते हैं और पार्टी को वोट देते समय प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को देखते हैं.’’

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