सेबी द्वारा जांच की समयसीमा बढ़ाने से ‘अडाणी घोटाले’ को दबाने की धारणा बन सकती है: कांग्रेस

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच की समयसीमा छह महीने बढ़ाने के मकसद से उच्चतम न्यायालय का रुख करने को लेकर सोमवार को कहा कि सेबी से इस कदम से यह धारणा बन सकती है कि इस मामले को दबाया जा रहा है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांच किया जाना जरूरी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऐसा लगता है कि सेबी को अडाणी महाघोटाला मामले में ऐसी कई अनियमितताएं मिली हैं जो जांच के लायक हैं।

हमारी मांग है कि हर जानकारी को उसके तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाए। लेकिन छह महीने की मियाद बढ़ाने से यह धारणा पैदा होने का खतरा है कि जांच को गंभीरता से आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है और इसे दबाया जा रहा है जैसा कि अडाणी समूह से जुड़ी सेबी की दो जांच में हो चुका है।’’ रमेश ने कहा, ‘‘भारत को ‘मोडानी’ मामले की पूरी जांच के लिए जेपीसी की जरूरत है। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि सेबी हर आरोप की तह तक जाने के लिए तेजी से जांच करे।’’

उल्लेखनीय है कि बाजार नियामक सेबी ने अडाणी समूह द्वारा शेयरों की कीमत में हेराफेरी और नियामक प्रकटीकरण में चूक के आरोपों की जांच पूरी करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। सेबी ने जांच की समयसीमा छह महीने बढ़ाने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत ने दो मार्च को सेबी से कहा था कि वह दो महीने के भीतर मामले की जांच पूरी करे। इसके साथ ही न्यायालय ने भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन भी किया था।

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