विदेश हस्तक्षेप आयोग को निज्जर हत्याकांड की जांच का अधिकार नहीं: कनाडाई उच्चायोग

नयी दिल्ली. कनाडाई उच्चायोग ने यहां बृहस्पतिवार को कहा कि कनाडा का विदेशी हस्तक्षेप आयोग सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के लिए अधिकृत नहीं है. उच्चायोग ने यह टिप्पणी विदेशी हस्तक्षेप आयोग की एक रिपोर्ट में निज्जर हत्याकांड का उल्लेख आने के बाद की है. आयोग ने कनाडा में 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में चीन, रूस और कुछ अन्य देशों द्वारा दखलंदाजी के आरोपों की जांच की थी.

इसने कहा, ”पीआईएफआई (विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच) को निज्जर हत्याकांड की जांच करने का अधिकार प्राप्त नहीं है.” उच्चायोग ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ”जिस बयान पर सवाल उठाया जा रहा है वह केवल यह दर्शाता है कि अंतत? इस जटिल मामले के संबंध में जवाबदेही तय करना अदालतों पर निर्भर है, जो अभी भी जांच के अधीन है.” कनाडा में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ”संभावित” संलिप्तता संबंधी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सितंबर 2023 के आरोपों के बाद, नयी दिल्ली और ओटावा के बीच संबंधों में अत्यधिक तनाव पैदा हो गया था.

भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ”बेतुका” करार देते हुए खारिज कर दिया. पिछले साल की दूसरी छमाही में संबंधों में और गिरावट आ गई, जब ओटावा ने निज्जर हत्याकांड से उच्चायुक्त संजय वर्मा सहित कई भारतीय राजनयिकों को जोड़ दिया. हालांकि, भारत ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और वर्मा को वापस बुला लिया. वहीं, कनाडा सरकार ने कहा कि उन्हें (वर्मा) और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया गया है. भारत ने भी कार्यवाहक कनाडाई उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.

रिपोर्ट में पीआईएफआई ने चीन, रूस और भारत को कनाडा की चुनावी प्रक्रिया में कथित हस्तक्षेप करने वाले देशों में शामिल किया है.
नयी दिल्ली ने भारत पर लगाए गए ”आरोपों” को मंगलवार को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि असल में यह कनाडा ही है जो भारत के आंतरिक मामलों में ”लगातार हस्तक्षेप” कर रहा है.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हमने कथित हस्तक्षेप की कथित गतिविधियों के बारे में एक रिपोर्ट देखी है. दरअसल, कनाडा लगातार भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है.” मंत्रालय ने कहा, ”इससे अवैध प्रवासन और संगठित आपराधिक गतिविधियों के लिए माहौल भी बना है.” रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि ”भारत, कनाडा के खिलाफ विदेशी हस्तक्षेप के लिए गलत सूचना का भी इस्तेमाल करता है, जो एक ऐसा हथकंडा है जिसका भविष्य में अधिक बार इस्तेमाल किए जाने की संभावना है.”

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