जीएसटी राजस्व अप्रैल में 1.68 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर

नयी दिल्ली. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल, 2022 में 1.68 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. वित्त मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि कर अनुपालन में सुधार से जीएसटी संग्रह का आंकड़ा बेहतर हुआ है. अप्रैल, 2022 में जीएसटीआर-3बी में कुल 1.06 करोड़ जीएसटी रिटर्न भरे गए. इनमें से 97 लाख रिटर्न मार्च, 2022 के हैं.

अप्रैल, 2021 की तुलना में अप्रैल 2022 में जीएसटी संग्रह 20 प्रतिशत बढ़ा है. अप्रैल 2021 में जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये रहा था. मंत्रालय ने कहा कि सकल जीएसटी संग्रह अप्रैल में 1.68 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर पहुंच गया. यह पिछले उच्च स्तर मार्च, 2022 के 1.42 लाख करोड़ रुपये से करीब 25,000 करोड़ रुपये अधिक है.

मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल में सकल जीएसटी संग्रह 1,67,540 करोड़ रुपये रहा. इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) का हिस्सा 33,159 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) का हिस्सा 41,793 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का हिस्सा 81,939 करोड़ रुपये रहा. आईजीएसटी में 36,705 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए. वहीं इसमें उपकर का हिस्सा 10,649 करोड़ रुपये (857 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए) रहा.

मंत्रालय के मुताबिक, इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि अनुपालन के स्तर में सुधार हुआ है. कर प्रशासन ने इस बारे में कई उपाय किए हैं जिनके सकारात्मक नतीजे मिल रहे हैं. विभाग ने करदाताओं को अपना रिटर्न समय पर भरने के लिए प्रेरित करने के साथ कर अनुपालन को भी सुगम किया है.

मंत्रालय ने कहा कि समीक्षाधीन महीने में वस्तुओं के आयात से राजस्व पिछले साल के समान महीने से 30 प्रतिशत ऊंचा रहा, जबकि घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात) से राजस्व 17 प्रतिशत अधिक रहा. मार्च, 2022 में कुल 7.7 करोड़ ई-वे बिल निकाले गए. यह फरवरी, 2022 के 6.8 करोड़ के आंकड़े से 13 प्रतिशत अधिक है. मंत्रालय ने कहा कि इन आंकड़ों से कारोबारी गतिविधियों में सुधार का पता चलता है.

अप्रैल, 2022 में कुल पंजीकृत कंपनियों या इकाइयों में से 84.7 प्रतिशत ने जीएसटीआर-3बी जमा किया. एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा 78.3 प्रतिशत था. इसक अलावा 83.11 प्रतिशत जीएसटी पंजीकृत इकाइयों ने आपूर्ति या बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-1 दाखिल किया. एक साल पहले यह संख्या 73.9 प्रतिशत थी. किसी एक दिन में सबसे ऊंचा कर संग्रह 20 अप्रैल को हासिल हुआ. उस दिन 9.58 लाख लेनदेन के जरिये 57,847 करोड़ रुपये के जीएसटी का भुगतान हुआ.

डेलॉयट इंडिया के भागीदार एम एस मणि ने कहा कि मार्च की तुलना में अप्रैल में जीएसटी संग्रह हमेशा ऊंचा रहता है. लेकिन इस बार अप्रैल में रिकॉर्ड संग्रह के लिए कई अनुकूल कारक हैं. इनमें से एक कारक वेंडरों द्वारा समय पर अनुपालन की स्थिति में ही इनपुट कर क्रेडिट की अनुमति से जुड़े बदलाव से संबंधित है.

टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के भागीदार विवेक जालान ने कहा कि जीएसटी के ऊंचे संग्रह से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के प्रभाव से उबर रही है और तेजी से आगे बढ़ रही है. इसके अलावा उत्पादन लागत में भारी मूल्यवृद्धि तथा जीएसटीआर-2बी के क्रियान्वयन से जीएसटी राजस्व बढ़ाने में मदद मिली है.

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