अभिनेता के तौर पर परिपक्व हुआ हूं : बंगाली अभिनेता देव

कोलकाता. जाने-माने बंगाली अभिनेता देव ने रविवार को कहा कि वह एक अभिनेता के तौर पर परिपक्व हो गए हैं और विविध एवं यथार्थावादी भूमिकाएं निभा रहे हैं. देव ने कहा कि उन्होंने ‘चंदर पहाड़’ (2013), अमेजॉन ओबिजान (2017) और अर्शीनगर (2015) जैसी फिल्मों के साथ खुद को फिर से गढ़ा है. वह पहले ‘चैलेंज’ (2009), ‘परन जय जलिया रे’ (2009), ‘खोकाबाबू’ (2012) और ‘रंगबाज’ (2013) जैसी मुख्यधारा की ‘मसाला’ फिल्मों के लिए जाने जाते थे.

उन्होंने ‘कॉकपिट’ और ‘चंप’ (दोनों 2017) और ‘टॉनिक’ (2021) जैसी यथार्थवादी फिल्में भी बनाई. उनकी नई फिल्म ‘प्रजापति’ क्रिसमस में रिलीज होने के लिए तैयार है. ‘जुल्फिकार’ (2016) में एक ‘मूक’ व्यक्ति की भूमिका निभाने के लिए समीक्षकों की सराहना पाने वाले देव ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हर व्यक्ति को खुद को बदलना चाहिए, समकालीन समय के हिसाब से खुद को ढालना चाहिए. खुद को यथार्थवादी भूमिकाओं में ढालना एक अभिनेता के रूप में खुद को बदलने का एक तरीका है.’’

उन्होंने ‘खोका 420’ (2013) और ‘पगलू’ (2011) जैसी फिल्मों में अपने पहले के अभिनय के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘उस समय ऐसी फिल्मों का अपना अलग दर्शक वर्ग होता था, लेकिन सिनेमा प्रेमियों की पसंद अब बदल गई है.’’ देव ने कहा, ‘‘ ‘टॉनिक’ (2021) से ‘कचर मानुष’ (2022) तक मैंने विभिन्न प्रकार की फिल्में बनाई हैं और अलग-अलग भूमिकाओं में खुद को ढाला है.’’ उन्होंने कहा कि ‘प्रजापति’ में दर्शकों के लिए प्रासंगिक अलग-अलग भावनाओं को दिखाया गया है.

अभिनेता ने कहा, ‘‘यह फिल्म एक पिता और पुत्र के बीच के खूबसूरत रिश्ते पर आधारित है. यह बौद्धिक पहलू वाली एक व्यावसायिक फिल्म है.’’ उन्होंने कहा कि यह फिल्म बच्चों, उनके माता-पिता और बुजुर्गों सभी के दिलों को समान रूप से छुएगी. फिल्म में उनके पिता की भूमिका निभाने वाले अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के बारे में देव ने कहा, ‘‘पटकथा सुनने के बाद मिथुन बहुत भावुक हो गए थे. दो साल पहले जब मैंने पहली बार एक रियलिटी शो की शूटिंग के बाद उन्हें इस विषय के बारे में बताया था, तो उन्होंने कहा था, ‘‘मैं आपकी फिल्म में हूं’’.

देव ने कहा, ‘‘स्टूडियो में संवादों को डब किए जाने के दौरान, मैंने मिथुन दा की आंखों में आंसू देखे. यह उस अभिनेता की ओर से एक बड़ी तारीफ है, जो पहले ही 352 फिल्मों में काम कर चुके हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मिथुन दा जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं, सेट पर चुटकुले सुनाते हैं और मेरी टांग खिंचाई करते हैं. मैं उनकी फिल्में देखते हुए बड़ा हुआ हूं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध अभिनेता के साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है.’’

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