भारत के साथ सैनिकों को पीछे हटाने के समझौते का कार्यान्वयन ‘सुचारू रूप से’ जारी: चीनी विदेश मंत्रालय

बीजिंग. चीन ने सोमवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए भारत के साथ समझौते का कार्यान्वयन ”इस समय सुचारू रूप से” जारी है, लेकिन इसने देपसांग और डेमचोक में दो टकराव बिंदुओं पर गश्त फिर से शुरू होने के बारे में टिप्पणी नहीं की.

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में कहा, ”चीनी और भारतीय सैनिक उस समाधान को क्रियान्वित कर रहे हैं जिस पर दोनों पक्ष सीमा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर पहुंचे हैं. यह इस समय सुचारू रूप से जारी है.” हालांकि, उन्होंने भारतीय सैनिकों द्वारा दो क्षेत्रों में गश्त शुरू किए जाने से संबंधित विशिष्ट प्रश्न का उत्तर नहीं दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को नयी दिल्ली में मीडिया को बताया था कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में दूसरे टकराव बिंदु देपसांग में सत्यापन गश्त शुरू कर दी है.

पूर्वी लद्दाख में दो टकराव बिंदुओं से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के एक दिन बाद शुक्रवार को डेमचोक में गश्त शुरू हो गई थी. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा था कि पिछले कई हफ्तों की बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है जिससे 2020 में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान निकलेगा.

समझौते के तहत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों के पीछे हटने पर पर सहमति बनी थी, जिसे चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने में एक बड़ी सफलता माना गया. जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद दोनों एशियाई शक्तियों के बीच संबंध खराब हो गए थे.

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