भारत सभी देशों का मित्र है, किसी पर अपनी शर्तें नहीं थोपता: उपराष्ट्रपति

विशाखापत्तनम. उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को कहा कि भारत किसी भी देश पर अपनी शर्तें नहीं थोपता और न ही किसी का आदेश सुनना पसंद करता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा सभी देशों के साथ मित्रवत रहा है और वह हर देश के साथ समान व्यवहार करना चाहता है.

उपराष्ट्रपति ने यहां सीआईआई साझेदारी शिखर सम्मेलन में कहा, ”हम कभी किसी पर अपनी शर्तें थोपना नहीं चाहते, यही हमारी महानता है. इसी तरह हम कभी किसी का आदेश सुनना भी नहीं चाहते. हम एक-दूसरे के पूरक बनना चाहते हैं. हम साथ-साथ ब­ढ़ना चाहते हैं. यही भारत की सबसे बड़ी नीति है. भारत आज विकास कर रहा है और साथ ही भारत सभी के साथ मित्रवत है. हम सभी को एक साथ ब­ढ़ना चाहिए, दूसरों की कीमत पर नहीं, बल्कि एक-दूसरे के हितों की रक्षा करके.” भारत में निवेश के माहौल के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में निवेश आर्किषत करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में व्यापार करना आसान हो रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार श्रम कानूनों, कर प्रणाली और बुनियादी ढांचे सहित सभी क्षेत्रों में सुधार ला रही है. उन्होंने कहा, ”मुझे यकीन है कि दुनिया की सबसे तेजी से ब­ढ़ती अर्थव्यवस्था में निवेश करने का यह सही समय है. आप सही समय पर आए हैं. आप सही जगह पर आए हैं.” उपराष्ट्रपति ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, नीली या हरित अर्थव्यवस्था और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अपार अवसर मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचा भारत में लेनदेन की लागत को कम कर रहा है और इसने पारर्दिशता में भी सुधार किया है. राधाकृष्णन ने कहा कि ये पहल देश को वैश्विक व्यापार प्रणाली में एक भरोसेमंद और कुशल भागीदार बना रही हैं.

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