भारत ने 4,389 करोड़ रुपये आयात शुल्क चोरी को लेकर ओप्पो को दिया नोटिस

नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि चीन की स्मार्टफोन कंपनी ओप्पो को 4,389 करोड़ रुपये की आयात शुल्क चोरी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. ओप्पो इंडिया को यह नोटिस कंपनी के कार्यालय परिसरों और इसके प्रमुख प्रबंधन कर्मचारियों के आवासों की तलाशी के दौरान जब्त दस्तावेजों के आधार पर आठ जुलाई को जारी किया गया. प्राप्त दस्तावेजों से यह संकेत मिलते हैं कि कंपनी ने कुछ आयातों के विवरण में जानबूझकर गलत घोषणा की. साथ ही चीन स्थित कंपनियों समेत विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों को रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क भेजे.

चीन की ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ओप्पो, वनप्लस और रियलमी ब्रांड नाम से घरेलू बाजार में अपने स्मार्टफोन बेचती है. मंत्रालय के अनुसार, ग्वांगडोंग ओप्पो मोबाइल टेलीकम्युनिकेशन्स कॉरपोरेशन लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी ओप्पो मोबाइल्स इंडिया की जांच के दौरान राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने करीब 4,389 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया है.

इस बारे में ओप्पो इंडिया ने एक ई-मेल के जवाब में कहा कि इस मामले में उसका ‘अलग दृष्टिकोण’ है और कंपनी कानूनी उपायों समेत उचित कदम उठाएगी. मोबाइल विनिर्माता कंपनी ने कहा, ‘‘कारण बताओ नोटिस में दाखिल आरोपों को लेकर हमारा दृष्टिकोण अलग है. हमारा मानना ??है कि यह एक पूरे उद्योग का मुद्दा है जिस पर कई कंपनियां काम कर रही हैं.’’

उसने कहा, ‘‘ओप्पो इंडिया डीआरआई से मिले नोटिस की समीक्षा कर रही है और हम अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस का जवाब देने जा रहे हैं तथा संबंधित सरकारी विभागों के साथ आगे काम करेंगे.’’ कंपनी ने कहा, ‘‘ओप्पो इंडिया एक जिम्मेदार कंपनी है और कामकाज के बेहतर ढांचे में विश्वास रखती है. इस संबंध में जरूरत के अनुसार उचित कदम उठाए जाएंगे….’’ ओप्पो इंडिया पूरे भारत में विनिर्माण, कलपुर्जे जोड़ने, खुदरा व्यापार, मोबाइल हैंडसेट और चार्जर, पावरबैंक जैसे संबंधित सामानों के वितरण का कारोबार करती है.

मंत्रालय के अनुसार, ‘‘गलत जानकारी देकर ओप्पो इंडिया ने 2,981 करोड़ रुपये की शुल्क छूट का गलत लाभ उठाया गया. अन्य लोगों के अलावा, ओप्पो इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधन कर्मचारियों और घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से भी इस संबंध में पूछताछ की गई.’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘पूछताछ में इन सभी लोगों ने अपने स्वैच्छिक बयानों में आयात के समय सीमा शुल्क अधिकारियों के सामने गलत जानकारी देने की बात को स्वीकार किया.’’ जांच में यह भी पता चला कि ओप्पो इंडिया ने टेक्नोलॉजी/ब्रांड/आईपीआर (बौद्धि संपदा अधिकार) लाइसेंस आदि के उपयोग के बदले चीन में स्थित विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों को ‘रॉयल्टी’ और ‘लाइसेंस शुल्क’ के लिए धनराशि का हस्तांतरण/ भुगतान के भी प्रावधान किए थे.

वित्त मंत्रालय ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ओप्पो इंडिया को 4,389 करोड़ रुपये की मांग करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में सीमा शुल्क कानून,1962 के प्रावधानों के तहत ओप्पो इंडिया, उसके कर्मचारियों और ओप्पो चीन पर उपयुक्त दंड का भी प्रस्ताव है. मंत्रालय ने कहा कि ओप्पो इंडिया ने स्वेच्छा से सीमा शुल्क मद में 450 करोड़ रुपये जमा कराए हैं.

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