सहायता केंद्र पर उमड़ी भीड़ पर इजराइली सेना की गोलीबारी; एक की मौत, 48 घायल

दीर अल बलाह. गाजा में इजराइल और अमेरिका के समर्थन वाले फाउंडेशन द्वारा स्थापित एक नए सहायता वितरण केंद्र पर उमड़ी भीड़ पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से कम एक फलस्तीनी नागरिक की मौत हो गई और 48 अन्य घायल हो गए. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी.

मंगलवार को फलस्तीनियों की भीड़ ने सहायता वितरण केंद्र पर कब्जा कर लिया था. भीड़ ने बाड़ों को तोड़ दिया और ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) के एक पत्रकार ने इजराइल के टैंक से गोलाबारी और गोलीबारी की आवाज सुनी तथा एक सैन्य हेलीकॉप्टर से गोलीबारी होते देखी. अभी यह ज्ञात नहीं है कि गोलीबारी में इजराइली सेना शामिल है या निजी सुरक्षा गार्ड अथवा कोई अन्य. फाउंडेशन ने कहा कि उसके सुरक्षा गार्ड ने भीड़ पर गोली नहीं चलाई, बल्कि वे अभियान फिर से शुरू करने से पहले ”पीछे हट गए” थे. इजराइल ने कहा कि उसके सैनिकों ने निकटवर्ती क्षेत्र में चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाईं.

फलस्तीनी क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के प्रमुख अजित सुनघे ने इससे पहले जिनेवा में पत्रकारों से कहा था कि 47 लोग घायल हुए हैं जिसमें अधिकतर गोलीबारी में घायल हुए हैं. एक अलग घटना में इजराइल ने कहा कि उसने यमन की राजधानी सना में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार को हवाई हमले किए. हाल के दिनों में ईरान सर्मिथत हूती विद्रोहियों ने देश को निशाना बनाकर कई मिसाइल दागे थे, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ. इजराइली सेना ने कहा कि उसने विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए गए एक विमान को मार गिराया.

इजराइल ने इससे पहले छह मई को सना में हवाई अड्डे पर हमला किया था, जिससे हवाई अड्डे का र्टिमनल नष्ट हो गया था और रनवे पर गड्ढे हो गए थे. 17 मई को सना के लिए कुछ उड़ानें फिर से शुरू हुईं. गाजा के सबसे दक्षिणी शहर राफा के बाहर वितरण केंद्र को ‘गाजा ‘ूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ (जीएचएफ) ने एक दिन पहले खोला था, जिसे इजराइल ने सहायता कार्यों का जिम्मा संभालने के लिए नियुक्त किया है.

संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय संगठनों ने नयी व्यवस्था को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह गाजा के 23 लाख लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं होगी और यह इजराइल को आबादी को नियंत्रित करने के लिए भोजन को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देता है. उन्होंने इजराइली सैनिकों और आपूर्ति की मांग करने वाले जरूरतमंद लोगों के बीच टकराव के जोखिम के बारे में भी चेतावनी दी. इजराइली सीमा बंद होने के लगभग तीन महीने बाद गाजा अकाल के कगार पर पहुंच गया है और फलस्तीनी भोजन के लिए तड़प रहे हैं.

जीएचएफ ने कहा कि उसने चार केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें से दो ने काम करना शुरू कर दिया है. इन केंद्रों की सुरक्षा का जिम्मा निजी सुरक्षा गार्ड को सौंपा गया है और बाड़बंदी की व्यवस्था की गई है. इजराइली सेना पास में ही तैनात है जिसे इजराइल ‘मोराग’ गलियारा कहता है. यह एक सैन्य क्षेत्र है जो दक्षिणी शहर राफा को अलग करता है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा कि वितरण केंद्र पर ”कुछ समय के लिए हालात काबू में नहीं थे”. उन्होंने कहा कि ”खुशी की बात है कि हमने इसे नियंत्रित कर लिया है.” उन्होंने दोहराया कि इजराइल की योजना गाजा की पूरी आबादी को क्षेत्र के दक्षिणी छोर पर एक ”अलग क्षेत्र” में ले जाने की है, जबकि सेना अन्यत्र हमास से लड़ रही है.

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