पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से राज्य को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान: बघेल

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा कि केंद्र के पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से राज्य को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. उन्होंने दोहराया कि केंद्र सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों पर लगाए गए सेस को वापस लेना चाहिए.

बघेल सोमवार को दंतेवाड़ा जिले में अपने जनसंपर्क अभियान ‘भेंट मुलाकात’ के लिए रवाना होने से पहले रायपुर के पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में आठ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर कटौती की घोषणा की थी.

जब संवाददाताओं ने बघेल से पूछा कि क्या छत्तीसगढ़ सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती करेगी, तब बघेल ने कहा, ‘‘निर्मला सीतारमण ?जी का बयान आया है कि राज्यों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा. यह मुझे बिल्कुल समझ नहीं आया. यदि केंद्र सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी करती है, तो राज्यों को मिलने वाला हिस्सा भी प्रभावित होगा. अधिकारियों ने मुझे बताया कि करीब 500 करोड़ रुपये के आसपास राज्य सरकार को नुकसान हो रहा है.’’ उन्होंने पूछा कि केंद्र सरकार द्वारा जो सेस लगाया है उसे वापस क्यों नहीं लिया जा रहा है. बघेल ने कहा कि यूपीए के समय जो केंद्रीय उत्पाद शुल्क का दर था, उस दर को फिर से लागू किया जाए, तभी पूरे देश की जनता को पेट्रोल और डीजल सस्ता मिलेगा.

गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा था कि पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती से केंद्रीय करों में राज्यों के ‘हिस्से’ पर असर नहीं होगा. सीतारमण ने कहा था कि पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर आठ रुपये और डीजल की कीमत में प्रति लीटर छह रुपये की कटौती इन ईंधनों पर लगाए जाने वाले सड़क एवं अवसंरचना उपकर में की गई है, जिसके संग्रह को राज्यों के साथ कभी साझा नहीं किया जाता.

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