भाग्य बहादुरों का साथ देता है, रोहित ने सेमीफाइनल से पहले कहा

मुंबई. भारत ने पिछले कुछ हफ्तों में विश्व कप के लीग चरण में सभी बाधाओं को पार करते हुए अपना विजय अभियान जारी रखा लेकिन कप्तान रोहित शर्मा चाहते हैं कि न्यूजीलैंड के खिलाफ बुधवार को होने वाले सेमीफाइनल में भाग्य भी उनकी टीम का साथ दे.
रोहित ने सेमीफाइनल की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा ”समय आ गया है कि भाग्य आपका साथ दे और भाग्य बहादुरों का साथ देता है.” रोहित ने कहा कि सिर्फ सेमीफाइनल मुकाबले में उतरने के कारण मेजबान टीम को अपनी मानसिकता और रवैये को लेकर कोई बड़ा बदलाव करने की जरूरत नहीं है.

मौजूदा विश्व कप में भारत सबसे अधिक दबदबा बनाने वाली टीम रहा है जिसने अपने सभी नौ लीग मैच जीते और अंक तालिका में शीर्ष पर रहा. टीम अब वानखेड़े स्टेडियम में पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी. सेमीफाइनल से पूर्व भारत के एकमात्र ट्रेनिंग सत्र से पूर्व रोहित ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि हम जो कर रहे हैं, हमें उससे कुछ अलग करने की जरूरत है.” कप्तान ने कहा कि भारतीय क्रिकेटरों के रूप में दबाव हमेशा उनकी यात्रा का हिस्सा रहा है और सेमीफाइनल के लिए मैदान पर उतरते हुए भी कुछ इससे अलग नहीं होगा.

रोहित ने कहा, ”यह लीग मैच हो या सेमीफाइनल, विश्व कप मुकाबले में हमेशा दबाव होता है. हम पहले मैच से लेकर अंतिम मैच तक इससे अच्छी तरह निपटे हैं. टीम ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है.” उन्होंने कहा, ”हमारा ध्यान अगले दो मैचों में अच्छा क्रिकेट खेलने पर है. भारतीय क्रिकेटरों के रूप में हमेशा हमारे ऊपर दबाव होता है. मैच पर ध्यान लगाने की जरूरत है और दूसरी टीम की चुनौतियों और दबाव पर नहीं.” रोहित के मन में न्यूजीलैंड के लिए काफी सम्मान है जिसे उन्होंने प्रतियोगिता की संभवत: ‘सबसे अनुशासित’ टीम करार दिया. भारतीय कप्तान ने कहा कि उनमें विरोधी टीम को काफी अच्छी तरह पढ़ने का गुण है.

उन्होंने कहा, ”न्यूजीलैंड संभवत: सबसे अनुशासित टीम है. वे स्मार्ट क्रिकेट खेलते हैं, वे विरोधी टीम को काफी अच्छी तरह समझते हैं. सभी आईसीसी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल और फाइनल में खेलने को लेकर उनके प्रदर्शन में बेहद निरंतरता है.” रोहित ने कहा कि उनकी टीम पर 1983 की कपिल देव और 2011 की महेंद्र सिंह धोनी की टीम उपलब्धि को दोहराने का दबाव है लेकिन मौजूदा खिलाड़ियों का ध्यान अपने प्रदर्शन में सुधार पर है.

उन्होंने कहा, ”यह इस टीम की खूबसूरती है. जब हमने पहली बार विश्व कप जीता था तो टीम के आधे खिलाड़ी पैदा भी नहीं हुए थे. जब हमने पिछली बार विश्व कप जीता तो आधे खिलाड़ी क्रिकेट भी नहीं खेल रहे थे.” रोहित ने कहा, ”मैं उन्हें इस बारे में बात करते हुए नहीं देखता कि हमने पहला और आखिरी विश्व कप कैसे जीता. ध्यान सिर्फ बेहतर होना और सुधार के लिए क्या किया जाए इस पर है. ध्यान हमेशा वर्तमान पर होता है.”

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