मंगलुरु विस्फोट के आरोपी ने ISIS से प्रशिक्षण लिया था: केंद्रीय मंत्री
बेंगलुरु. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने शुक्रवार को कहा कि मंगलुरु विस्फोट के आरोपी ने ‘इस्लामिक स्टेट से प्रशिक्षण’ लिया था. इसके बाद उसने 40 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया था. विस्फोट के आरोपी मोहम्मद शारिक (24) के बारे में उपलब्ध जानकारी को भयावह बताते हुए उन्होंने कहा कि आरोपी भारत विरोधी पोस्टर लगाए जाने के मामले में इसलिए जमानत पर बाहर आ गया था क्योंकि गहन जांच नहीं हुई.
उनका इशारा नवंबर 2020 में मंगलुरु शहर में कुछ सार्वजनिक दीवारों पर आतंकवादी समूहों की प्रशंसा करने वाले नारों से संबंधित पोस्टर दिखाई देने की ओर था. इस मामले के संबंध में शारिक को गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
करंदलाजे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘उसने (शारिक ने) 40 से ज्यादा लोगों को आईएसआईएस का प्रशिक्षण दिया था. यह बात भी सामने आई है कि उसने खुद भी आईएसआईएस का प्रशिक्षण लिया था.’’ उल्लेखनीय है कि 19 नवंबर को मंगलुरु में एक आॅटोरिक्शा में विस्फोट हुआ था, जिसे पुलिस ने जांच के बाद आतंकी कृत्य करार दिया था. राज्य सरकार ने आगे की जांच के लिए मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दिया था.
केंद्र ने मेंगलुरु विस्फोट मामले की जांच एनआईए से कराने का निर्देश दिया : कर्नाटक के गृह मंत्री
कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को मेंगलुरु विस्फोट मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. ज्ञानेंद्र ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने चलते आॅटोरिक्शा में कुकर बम विस्फोट मामले की एनआईए जांच की सिफारिश की थी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया और देश की प्रमुख जांच एजेंसी द्वारा जांच का आदेश दिया.
कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा, ‘‘कांकानाडी पुलिस थाने की सीमा के भीतर हुई इस घटना के संबंध में, राज्य सरकार ने प्रारंभिक जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों और अन्य सूचनाओं के आधार पर एनआईए जांच की सिफारिश करने का निर्णय लिया था.’’ केंद्रीय गृह मंत्रालय में अवर सचिव विपुल आलोक ने एक आदेश में कहा, ‘‘ केंद्र सरकार की यह राय है कि एनआईए अधिनियम, 2008 के तहत एक अनुसूचित अपराध किया गया है और अपराध की गंभीरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसकी जांच एनआईए द्वारा की जानी चाहिए. ’’
आदेश में कहा गया, ‘‘ इसलिए, अब एनआईए अधिनियम, 2008 की धारा आठ के साथ पठित धारा छह की उप-धारा (5) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार एनआईए को उपरोक्त मामले की जांच करने का निर्देश देती है. ’’ इस महीने की 19 तारीख को मेंगलुरू में एक आॅटोरिक्शा में धमाका हुआ था जिसमें यात्री और चालक घायल हो गये थे. पुलिस ने इसे आतंकी कार्रवाई करार दिया और यात्री को इस घटना के लिये आरोपित किया है जिसकी पहचान मोहम्मद शारिक के रूप में की गयी है.
एक अनजान से संगठन ‘‘इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल’’ (आईआरसी) ने कर्नाटक के मंगलुरु में 19 नवंबर को हुए धमाके को कथित तौर पर अंजाम देने का दावा किया है. आईआरसी ने कहा है कि उसके ‘मुजाहिद भाई मोहम्मद शारिक’ ने ‘कादरी में एक ंिहदू मंदिर’ पर हमले की कोशिश की थी.