सूडान में संघर्ष के बीच लोगों का देश छोड़ने का सिलसिला जारी
सूडान संकट: जेद्दा से 231 भारतीय अहमदाबाद पहुंचे

काहिरा/अहमदाबाद. सूडान की सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल में जारी संघर्ष के बीच लोगों का मिस्र के साथ लगी सूडान की उत्तरी सीमाओं से निकलने का सिलसिला जारी है. मंगलवार को राजधानी खार्तूम में विस्फोट और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं. कई सूडानी नागरिक और विदेशी नागरिक देश के मुख्य बंदरगाह पोर्ट सूडान पहुंचे और उन हजारों लोगों में शामिल हो गये जो ंिहसाग्रस्त देश से बाहर निकलने के लिए कई दिनों से प्रतीक्षा कर रहे हैं. अन्य लोगों को खचाखच भरी बसों और ट्रकों से सूडान के उत्तरी पड़ोसी देश मिस्र में ले जाया गया है.
खार्तूम निवासी अब्दुल्ला अल-फतह ने कहा, ‘‘राजधानी के ज्यादातर क्षेत्र खाली हो गये हैं. हमारी गली के सभी निवासी यहां से चले गये हैं.’’ निवासियों का कहना है कि खार्तूम में लड़ाई तीसरे सप्ताह भी जारी है. उन्होंने कहा कि रिहायशी इलाकों में भीषण झड़पें हो रही हैं.
जनरल अब्देल फतह बुरहान नीत सेना और जनरल मोहम्मद हमदान दागलो नीत अर्द्धसैनिक बल के बीच 15 अप्रैल से संघर्ष जारी है.
पोर्ट सूडान विदेशी सरकारों के लिए अपने नागरिकों को हवाई और समुद्र मार्ग से निकालने का केंद्र बन गया है.
सूडानी विश्वविद्यालय के एक छात्र यूसुफ अब्देल-रहमान ने अपने परिवार के साथ सोमवार देर रात मिस्र में प्रवेश किया. रहमान ने बताया कि उनका परिवार सप्ताहांत में सबसे पहले अरकिन क्रॉसिंग पर गया. उन्होंने बताया कि वहां बहुत भीड़भाड़ थी और वे सीमा शुल्क क्षेत्र तक नहीं पहुंच सके. उन्होंने बताया कि उन्होंने तब अशकित क्रॉसिंग पर जाने का फैसला किया और वहां से वे मिस्र में जा पाये.
उन्होंने फोन से बताया, ‘‘अरकिन में बहुत खराब स्थिति है. महिलाएं, बच्चे और मरीज बिना भोजन, पानी के रेगिस्तान में फंसे हुए हैं.’’ कई सूडानी लोगों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की है कि सशस्त्र लोगों ने उनके घरों पर धावा बोल दिया और लूटपाट की.
सूडान से हजारों लोग पहले ही मिस्र, चाड, दक्षिण सूडान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और इथियोपिया सहित पड़ोसी देशों में भाग चुके हैं.
सूडान में संघर्ष के दौरान कम से कम 3,34,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के प्रवक्ता पॉल डिलोन ने जिनेवा में मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सीमाओं पर लोगों की बहुत भीड़भाड़ देख रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि 900 से एक हजार लोग प्रतिदिन इथियोपिया की सीमा पर पहुंचते हैं, जहां ‘‘भोजन, आश्रय, पानी, चिकित्सा सुविधाओं की बहुत कमी है.’’ उन्होंने कहा कि कम से कम 20,000 लोग चाड पहुंचे. चाड की सीमाएं जेनेना के दारफुर शहर से लगी है, जहां पिछले सप्ताह हुई झड़पों में कई लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं. शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने कहा कि सूडान से निकलने वाले लोगों की संख्या आठ लाख को पार कर सकती है.
उन्होंने सोमवार को ट्विटर पर कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा नहीं होगा, लेकिन अगर ंिहसा नहीं रुकी तो हम और लोगों को सूडान से पलायन करते देखेंगे.’’ निवासियों ने बताया कि मंगलवार तड़के राजधानी के कई हिस्सों में विस्फोटों और गोलियों की आवाजें सुनाई दीं. उन्होंने बताया कि सेना के मुख्यालय, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और खार्तूम में रिपब्लिकन पैलेस के आसपास भयंकर झड़पें हुईं.
सूडान की सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल ने रविवार को कहा था कि वे मानवीय संघर्ष-विराम अगले 72 घंटे के लिए बढ़ाएंगे. सूडानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक नागरिकों और लड़ाकों सहित लगभग 530 लोग मारे गये हैं, जबकि 4,500 अन्य घायल हुए हैं.
सूडान संकट: जेद्दा से 231 भारतीय अहमदाबाद पहुंचे
ंिहसाग्रस्त सूडान से नागरिकों को वापस लाने के भारत के अभियान ‘आॅपरेशन कावेरी’ के तहत 231 भारतीय मंगलवार को अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे. इनमें गुजरात के 208 लोग शामिल हैं. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन लोगों का स्वागत किया.
सांघवी ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि विशेष विमान से आए 231 भारतीयों में 208 गुजरात के, 13 पंजाब के और 10 लोग राजस्थान के हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकों को हवाई अड्डे से उनके गंतव्य तक भेजने के लिए राज्य सरकार ने व्यवस्था की है. मंत्री के अनुसार, सूडान में बस चुके गुजरात के कम से कम 360 निवासी ‘आॅपरेशन कावेरी’ के तहत लौट आए हैं.
सांघवी ने कहा, ‘‘ राजकोट के निवासियों को हवाई अड्डे से पांच वॉल्वो बसों के जरिए उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा. सूडान से लौट रहे 10 बुजुर्ग लोगों की चिकित्सकीय जांच के लिए चिकित्सा दलों को तैनात किया गया है. आव्रजन प्रक्रिया को तेज बनाने के लिए हवाई अड्डे पर 15 काउंटर बनाए गए हैं.’’
भारत लौटने पर इन लोगों ने राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया. सूडान में कारोबार करने वाले राजकोट के एक निवासी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘‘ सूडान में हालात बदतर हो रहे हैं और हम डरे हुए थे. हमें रोज बम धमाकों की आवाजें सुनाई देती थी. सूडानी सैनिक और विद्रोही आम नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचा रहे थे लेकिन जेल से भागे कैदी घरों और दुकानों में लूटपाट कर रहे हैं. स्थिति में सुधार होने तक वापस लौटने के सिवाय हमारे पास और कोई रास्ता नहीं था.’’ गौरतलब है कि ‘आॅपरेशन कावेरी’ के तहत भारत, खार्तूम में संषर्घ प्रभावित क्षेत्रों तथा पोर्ट सूडान में फंसे अपने नागरिकों को बसों के जरिए निकल रहा है और इसके बाद उन्हें वायु सेना के विमानों तथा नौसेना के जहाजों से सऊदी अरब के जेद्दा शहर ले जाया जा रहा है. जेद्दा से भारतीय नागरिकों को भारतीय वायु सेना के अथवा अन्य विमानों के जरिए स्वदेश लाया जा रहा है.
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