जी7, क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री मोदी हिरोशिमा पहुंचे

हिरोशिमा/नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन और चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) समूह के शीर्ष नेताओं की बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचे. इस दौरान वह वैश्विक चुनौतियों पर विश्व के नेताओं के साथ विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और सामूहिक रूप से उनके हल के तरीकों पर चर्चा करेंगे.

मोदी जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की तीन देशों की यात्रा के पहले चरण के तहत यहां पहुंचे और उनके इस दौरान 40 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लेने की संभावना है. मोदी ने ट्वीट किया, ह्लजी7 शिखर सम्मेलन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए हिरोशिमा पहुंचा. विभिन्न विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करूंगा.ह्व प्रधानमंत्री मोदी ने तीन देशों की छह-दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान में कहा कि वह जी7 देशों और अन्य आमंत्रित साझेदारों के साथ दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों और उनसे सामूहिक रूप से निपटने की जरूरत पर विचारों के आदान-प्रदान को लेकर उत्सुक हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, ”इस जी7 शिखर सम्मेलन में मेरी उपस्थिति विशेष रूप से मायने रखती है, क्योंकि इस साल जी20 की अध्यक्षता भारत के पास है. मैं जी7 देशों और अन्य आमंत्रित भागीदारों के साथ दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों और उन्हें सामूहिक रूप से हल करने की आवश्यकता पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक हूं.” यहां हवाई अड्डे पर जापान व भारत के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया. मोदी जब अपने होटल पहुंचे तो भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने बच्चों और भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत भी की.

उन्होंने ट्वीट किया, ह्लमैं शहर में यादगार स्वागत के लिये हिरोशिमा के भारतीय समुदाय का आभारी हूं.ह्व मोदी मुख्य रूप से, जी7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 19 मई से 21 मई तक हिरोशिमा में रहेंगे, जिसमें उनके खाद्य, उर्वरक और ऊर्जा सुरक्षा समेत विश्व के सामने मौजूद चुनौतियों पर अपने विचार रखने की संभावना है. मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले विश्व के कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं. जी7 में जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली के साथ-साथ यूरोपीय संघ शामिल हैं.

प्रधानमंत्री मोदी, जापान से पोर्ट मोरेस्बी जायेंगे, जहां वह 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे. प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में 22 से 24 मई तक ऑस्ट्रेलिया में होंगे. क्वाड सम्मेलन पहले सिडनी में होना था, लेकिन अब यह हिरोशिमा में होगा, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने वाशिंगटन में महत्वपूर्ण कर्ज-सीमा वार्ता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपना वहां का दौरा स्थगित कर दिया था.

व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे वे महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता और हिंद प्रशांत क्षेत्र के लोगों के लिए मायने रखने वाले अन्य मुद्दों पर अपने सहयोग को मजबूत कर सकते हैं. मोदी की पापुना न्यू गिनी की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की उस देश की पहली यात्रा होगी.

मोदी ने कहा, ह्लमैं आभारी हूं कि सभी 14 प्रशांत-द्वीपीय देशों (पीआईसी) ने इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन (एफआईपीआईसी) में भाग लेने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.ह्व मोदी के 2014 में फिजी के दौरे के दौरान एफआईपीआईसी की शुरुआत की गई थी.
ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा पर, मोदी ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज से मिलने के लिए उत्सुक हैं.

उन्होंने कहा, ह्ल मैं द्विपक्षीय बैठक के लिए उत्सुक हूं, जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेने और इस साल मार्च में नयी दिल्ली में आयोजित पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्षिक शिखर सम्मेलन पर अनुवर्ती कार्रवाई करने का अवसर होगी.ह्व उन्होंने कहा, ह्लमैं ऑस्ट्रेलियाई मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और अग्रणी कारोबारियों के साथ भी बातचीत करूंगा और सिडनी में एक विशेष कार्यक्रम में भारतीय समुदाय से मिलूंगा.

हिरोशिमा में मोदी और जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय वार्ता संभव

हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय वार्ता होने की संभावना है. जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी. अगर मोदी और जेलेंस्की हिरोशिमा में मिलते हैं, तो यह पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात होगी. यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था.

प्रधानमंत्री मोदी का जापान के अपने समकक्ष किशिदा फुमियो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन सहित कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने का कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच मुलाकात दोनों देशों के वरिष्ठ राजनयिकों के बीच कई बैठकों के बाद होने जा रही है.

मोदी शुक्रवार सुबह तीन देशों (जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया) की छह-दिवसीय यात्रा पर हिरोशिमा रवाना हुए. वह यहां जी7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेंगे. साथ ही, वह जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सहित कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी जी7 शिखर बैठक में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं. वे जापान के निमंत्रण पर वहां आ रहे हैं, जो इस शक्तिशाली समूह की अभी अध्यक्षता कर रहा है.

यूक्रेन के राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव ने कहा कि जेलेंस्की शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा कि वहां महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय होंगे, ऐसे में वहां अपने हितों की रक्षा के लिए उनकी मौजूदगी जरूरी होगी. ज्ञात हो कि यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था. यह यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमला शुरू होने के बाद किसी प्रमुख यूक्रेनी नेता की भारत की पहली यात्रा थी. झापरोवा ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को एक पत्र सौंपा था. यह पत्र जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखा था.

यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके यूक्रेनी समकक्ष जेलेंस्की से फोन पर कई बार बात कर चुके हैं. पिछले साल चार अक्टूबर को जेलेंस्की से फोन पर हुई बातचीत में मोदी ने कहा था कि यूक्रेन संकट का कोई ”सैन्य समाधान” नहीं हो सकता है और भारत शांति स्थापना के किसी भी प्रयास में सहयोग देने के लिए तैयार है. भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है. इसने हमेशा कहा है कि वार्ता और कूटनीति के जरिये इस संकट का समाधान निकाला जाना चाहिए.

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