पुलिस ने बंद की भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह के खिलाफ उत्पीड़न के मुकदमे की जांच

बलिया. बलिया पुलिस ने भोजपुरी फिल्म अभिनेता पवन सिंह और उनके परिजन के विरुद्ध उनकी पत्नी द्वारा लगाए गए मानसिक प्रताड़ना एवं गर्भपात कराने के आरोपों के मामले में कार्रवाई करने में असमर्थता जाहिर करते हुए जांच बंद कर दी है. बलिया शहर कोतवाली के प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के शिकायती पत्र की कोतवाली पुलिस ने जांच की थी, मगर इस संबंध में बलिया पुलिस के स्तर पर कार्रवाई करना सम्भव नहीं है, क्योंकि आरोप से संबंधित घटनास्थल बिहार के आरा जिले का कृष्णा गढ़ थाना क्षेत्र है और इसलिए इस मामले में विधिक कार्रवाई करने का क्षेत्राधिकार आरा पुलिस का है.

उन्होंने बताया कि इस वजह से बलिया पुलिस ने इस मामले में जांच बंद कर दी है. इस बीच, ज्योति सिंह ने जांच बंद किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह इस मामले में कानून के अनुसार अगला कदम उठाएंगी. उल्लेखनीय है कि ज्योति सिंह ने पुलिस अधिकारियों को शिकायती पत्र प्रेषित कर अपने पति के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.

बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के मिड्ढÞी मोहल्ले की रहने वाली ज्योति सिंह ने शिकायती पत्र में कहा है कि उसका विवाह छह मार्च, 2018 को भोजपुरी फिल्म अभिनेता पवन सिंह के साथ जिले के चितबड़ागांव के एक होटल में हुआ था, लेकिन विवाह के कुछ दिन बाद ही उनका पति, उनकी सास प्रतिमा देवी और ननद उन्हें ‘‘कम सुंदर होने और मान प्रतिष्ठा में बराबर नहीं होने’’ का उलाहना देने लगी थी और उन्हें ‘‘आत्महत्या करने के लिए उकसाया’’ जाने लगा था.

ज्योति ने आरोप लगाया कि प्रतिमा देवी ने स्त्री धन के रूप में उन्हें मिले लगभग 50 लाख रुपए अपने पास रख लिए हैं और जब वह गर्भवती हुईं, तो उन्हें गर्भ गिराने वाली दवा खिला दी गई, जिससे उनका गर्भपात हो गया. उन्होंने पवन सिंह पर शराब पीकर गाली गलौज और मारपीट करने का आरोप लगाया था.

ज्योति ने बलिया के परिवार न्यायालय में पवन सिंह के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अन्तर्गत भरण-पोषण के लिए 22 अप्रैल को एक मुकदमा दायर किया. इस मुकदमे में पवन सिंह शनिवार को अदालत में पेश हुए थे. अदालत ने पवन सिंह से इस मामले में 20 दिसंबर तक जवाब देने को कहा है. उसी दिन मामले में अगली सुनवाई होगी.

Back to top button