प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर कसा ‘हिंदू विकास दर’ बनाम ‘भारत की विकास दर’ का तंज

खरगे पर निशाना साधने मोदी ने सुनाई कांग्रेस शासन के दौरान लिखी नीरज की कविता

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस विफलता की वजह से दुनिया ने ‘हिंदू विकास दर’ शब्द गढ़ा और ‘शाही परिवार’ की गलत नीतियों के कारण पूरे हिन्दू समाज को दोषी ठहराया गया और दुनिया भर में बदनाम किया गया.

‘लाइसेंस परमिट राज’ के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों की तीखी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया अब ‘भारत की विकास दर’ देख रही है और भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है. राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सारी पाबंदियां और लाइसेंस राज की नीतियों ने भारत को दुनिया की सबसे धीमी आर्थिक वृद्धि दर में धकेल दिया था.

उन्होंने कहा, “इस कमजोर वृद्धि दर को, इस विफलता को, दुनिया में हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहा जाने लगा. एक समाज का पूरा अपमान! विफलता सरकार में बैठे हुए लोगों की, समझ शक्ति का अभाव बैठे हुए लोगों का, दिन रात भ्रष्टाचार में डूबे हुए लोगों का और गाली पड़ी एक बहुत बड़े समाज को, हिंदू रेट ऑफ ग्रोथङ्घ!” उन्होंने कहा, “शाही परिवार के आर्थिक कुप्रबंधन और गलत नीतियों के कारण, पूरे समाज को दोषी ठहराया गया और दुनिया भर में बदनाम किया गया.” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की आर्थिक क्षमता को पहचानने लगी है और आज दुनिया तेज गति से आगे बढ़ने वाले देश के रूप में देख रही है.

उन्होंने कहा, “…तो आज दुनिया भारत रेट ऑफ ग्रोथ, देख रही है और हर भारतीय को इस पर गर्व है और हम अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार कर रहे हैं.” ‘हिंदू विकास दर’ शब्द अर्थशास्त्री राज कृष्णा द्वारा गढ़ा गया था और इसे 1950 और 1980 के दशक के दौरान दर्ज की गई 4 प्रतिशत की धीमी औसत वृद्धि के लिए संर्दिभत किया गया है.

खरगे पर निशाना साधने मोदी ने सुनाई कांग्रेस शासन के दौरान लिखी नीरज की कविता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा सरकार की आलोचना करने के लिए उन्होंने जो कविता सुनाई थी, वह कांग्रेस के शासनकाल के दौरान लिखी गई थी. मोदी ने कांग्रेस पर हमला करने के लिए प्रसिद्ध हिंदी कवि गोपालदास ‘नीरज’ द्वारा लिखी गई एक कविता भी पढ़ी. खरगे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सरकार पर कटाक्ष करने के लिए नीरज की एक कविता को उद्धृत किया था.

उन्होंने कहा,
“ज्यों लूट ले कहार ही दुल्हन की पालकी, हालत यही है आजकल हिन्दुस्तान की.
औरों के घर की धूप उसे क्यूं पसंद हो, बेची हो जिसने रौशनी अपने मकान की.”

राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने इस कविता का जिक्र किया और कहा कि खरगे वरिष्ठ नेता हैं और वह हमेशा उनका सम्मान करते रहेंगे क्योंकि सार्वजनिक जीवन में इतना लंबा समय बिताना छोटी बात नहीं है. उन्होंने खरगे पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें ‘अपने घर’ में तो यह बातें सुनने को नहीं मिलेगी, इसलिए वह बता रहे हैं. मोदी ने कहा कि खरगे को पता था कि यह कविता कब की है.

उन्होंने कहा, “भीतर कांग्रेस की दुर्दशा का इतना दर्द पड़ा था लेकिन वहां हालत यह है कि बोल नहीं सकते, तो उन्होंने सोचा ये अच्छा मंच है यहीं बोल दें, और इसलिए उन्होंने नीरज की कविता के माध्यम से अपने घर के हालात यहां प्रस्तुत किए.” प्रधानमंत्री ने कहा कि खरगे को वह भी नीरज की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का जो दौर था, उस समय नीरज ने यह कविताएं लिखी थीं और उसमें उन्होंने कहा था, “है बहुत अंधियारा अब सूरज निकलना चाहिए, जिस तरह से भी हो यह मौसम बदलना चाहिए.” मोदी ने कहा कि नीरज ने कांग्रेस के उस कालखंड में यह कविता कही थी.

उन्होंने कहा, “1970 में जब कांग्रेस, चारों तरफ कांग्रेस ही कांग्रेस का राज चलता था, उस समय नीरज जी का एक और कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था, ‘फिर दीप जलेगा’. उसमें उन्होंने कहा था कि ”मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा. मोदी ने कहा”और हमारा सौभाग्य देखिए, अटल बिहारी वाजपेयी ने भी 40 साल पहले कहा था, ”सूरज निकलेगा, अंधेरा छटेगा, कमल खिलेगा.” प्रधानमंत्री ने कहा कि नीरज ने जो कहा था वो यह था कि जब तक कांग्रेस का राज था, उसका सूरज चमकता रहा, देश ऐसे ही अंधेरे में रहता रहा, कई दशक तक ऐसे ही हाल बने रहे.

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