अमृतपाल के समर्थन में रैली, बघेल बोले देश विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थन में लोगों के एक समूह द्वारा रैली निकालने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में देश विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को रैली के वीडियो फुटेज की जांच करने और पैदल मार्च के दौरान देश विरोधी नारे लगाने या इस तरह की गतिविधियों का समर्थन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इससे पहले, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में शून्य काल के दौरान रैली का मुद्दा उठाया और कहा कि रायपुर में खालिस्तान समर्थकों ने पैदल मार्च निकाला . उन्होंने इस दौरान राज्य में कानून व्यवस्था की “बिगड़ती” स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा.

भाजपा के अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल समेत विपक्षी विधायकों ने खुफिया विभाग की विफलता का दावा करते हुए पुलिस पर निशाना साधा और कहा कि पुलिस की जानकारी के बिना राजधानी में इस तरह की रैली कैसे निकाली गयी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में अपराधों की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने इस विषय पर काम रोककर चर्चा कराने की मांग की.

प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि देश विरोधी गतिविधि में शामिल किसी को भी राज्य में बख्शा नहीं जाएगा.
सभापति ने जैसे ही विपक्ष की चर्चा की मांग को खारिज किया, भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.

कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद, भाजपा विधायकों ने फिर से इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बाद में सदन में रैली पर बयान देंगे. इस बीच, सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा ने इस बात से इनकार किया कि यह रैली खालिस्तान के समर्थन में निकाली गई थी.

बाद में सदन में अपना बयान देते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘कल 35-40 लोग बिना सूचना के अचानक नारा लगाते हुए निकले. सिख समाज के बलिदान और देश सेवा को भुलाया नहीं जा सकता है लेकिन देश विरोधी गतिविधियों को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की कार्यवाही में जो सम्मलित होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. सारे फुटेज खंगाले जा रहे हैं एक भी राष्ट्र विरोधी नारा लगा होगा तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’’ तब भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को एक प्रस्ताव के रूप में माना जाना चाहिए और ध्वनि मत से सदन में पारित किया जाना चाहिए.

भाजपा के ही एक अन्य सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ऐसी रैली (कथित तौर पर खालिस्तान के समर्थन में) पंजाब के बाद सिर्फ रायपुर में निकाली गई और इससे छत्तीसगढ़ की छवि खराब हुई है, इसलिए मुख्यमंत्री के बयान को एक प्रस्ताव माना जाना चाहिए और उनकी पार्टी इसका समर्थन करती है.

इस पर मंत्री चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है और बयान को प्रस्ताव मानने की सिफारिश की है. अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि मुख्यमंत्री के वक्तव्य को जिस प्रकार से प्रतिपक्ष ने लिया है और इसे प्रस्ताव के रूप मे समिल्लित करने का निवेदन किया है, मैं इसे ऐसा करने की अनुमति देता हूं. बुधवार को कथित रूप से अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों के समर्थन में सिख समुदाय के कुछ लोगों ने एक रैली निकाली थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजकों को नोटिस दिया था.

रैली में शामिल बाबा बुड्ढा साहेब कमेटी के सदस्य दिलेर सिंह ने मीडियार्किमयों को बताया कि अमृतपाल सिंह निर्दोष है. उन्होंने पंजाब सरकार पर उसे झूठा फंसाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि अमृतपाल सिंह नशे के खिलाफ लड़ रहा है और युवाओं को इससे दूर रखते हुए उसे धर्म से जोड़ रहे हैं.

रायपुर पुलिस ने रैली के आयोजकों को नोटिस जारी कर बृहस्पतिवार को सिविल लाइंस थाने में जवाब देने को कहा था.
हालांकि, दिलेर सिंह का एक वीडियो बृहस्पतिवार को पुलिस ने साझा किया, जिसमें सिंह ने दावा किया है कि उसके संबंध में गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है.

दिलेर ने कहा कि पंजाब में सिख लोगों के खिलाफ की जा रही “अवैध” कार्रवाई के खिलाफ यह रैली आयोजित की गई थी. सिंह ने कहा ‘‘हम छत्तीसगढ़ में रहते हैं और छत्तीसगढ़ के लोगों से प्यार करते हैं. हम हर धर्म का सम्मान करते हैं.हम खालिस्तान नहीं चाहते और इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. हम सिर्फ सिख धर्म की बात करते हैं और हम सिखों के लिए आवाज उठाते हैं. हमारे समुदाय के लोगों के मुद्दे को उठाना हमारी जिम्मेदारी और हमारा अधिकार है.’’

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