सिद्धरमैया एमयूडीए घोटाले में सिर से पांव तक लिप्त, तुरंत पद से इस्तीफा दें: भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन घोटाला मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ‘सिर से पांव तक’ लिप्त हैं, लिहाजा उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
भाजपा ने यह मांग एमयूडीए के अध्यक्ष के मारीगौड़ा के इस्तीफे के बाद की. सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बीएम को जमीन आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच मारीगौड़ा ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ”एमयूडीए के अध्यक्ष का इस्तीफा और सिद्धरमैया द्वारा जमीन वापस करने की पेशकश से साफ होता है कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री सिर से पांव तक खुद लिप्त हैं. इस बारे में अब कोई संदेह नहीं है.” उन्होंने कहा, ”मैं सिद्धरमैया से कहना चाहता हूं कि अगर आपमें थोड़ी भी नैतिकता बची है तो आपको तुरंत पद छोड़ देना चाहिए. आपको आज के सूर्यास्त का इंतजार भी नहीं करना चाहिए.” एमयूडीए भूखंड आवंटन घोटाले मामले में लोकायुक्त पुलिस ने 25 सितंबर को विशेष न्यायालय के आदेश के बाद 27 सितंबर को सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी एम, उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी 30 सितंबर को मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की, जिसमें एमयूडीए की ओर से उनकी पत्नी पार्वती बी एम को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताएं करने का आरोप है. पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे ‘जमीन हड़पने वालों की पार्टी’ करार दिया और सिद्धरमैया पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा, ”जांच जारी है और यह जारी रहेगी… जांच से पता चल जाएगा कि क्या कोई अनियमितता हुई थी.” उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के पति राबर्ट वाद्रा के खिलाफ विभिन्न आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, ”गांधी परिवार अच्छी तरह जानता है कि देश की जमीन कैसे हड़पी जाती है.” उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धरमैया ने जमीन हड़पने की कला ‘गांधी परिवार’ से ही सीखी होगी.
भाजपा नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर भी निशाना साधा और कर्नाटक में उनके परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को पांच एकड़ जमीन के आवंटन में कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठाया. पात्रा ने कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पडी द्वारा संसद की एक समिति के समक्ष प्रस्तुत किए गए प्रतिवेदन का हवाला देते हुए आरोप लगाया, ”खरगे परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट ने न केवल बेंगलुरु में हाई-टेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क के निकट पांच एकड़ जमीन पर कब्जा किया बल्कि वक्फ बोर्ड की जमीन भी हड़प ली.” कई विपक्षी सांसदों ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति की बैठक का बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया था कि समिति नियमों के अनुसार काम नहीं कर रही है.
समिति के समक्ष अपनी दलील में मणिप्पडी ने खरगे और रहमान खान सहित कर्नाटक के कई कांग्रेस नेताओं और अन्य पर वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाने में संलिप्त होने के आरोप लगाए थे. पात्रा ने प्रवर्तन निदेशालय के इस दावे को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा कि बेल्लारी लोकसभा सीट पर सात लाख से अधिक लोगों को इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए 200-200 रुपये दिए गए थे और यह पैसा कर्नाटक के पूर्व आदिवासी मंत्री बी नागेंद्र और उनके सहयोगियों द्वारा कथित वाल्मीकि घोटाले में गबन की गई नकदी से आया था.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने आरोपपत्र में यह भी दावा किया है कि विधायक ने अपने और अपने सहयोगियों के लिए विमान बुक कराने, बिजली बिल का भुगतान, वाहन रखरखाव और घरेलू कर्मचारियों का मासिक वेतन देने जैसे निजी खर्चों को पूरा करने के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल किया.
पात्रा ने कहा, ”इसके बावजूद हमें उन्हें (सिद्धरमैया) सिंहासन छोड़ने के लिए कहने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करना पड़ रहा है. इस तरह की बेशर्मी केवल कांग्रेस में ही संभव है.” उन्होंने लोगों से कर्नाटक के मुख्यमंत्री के इस्तीफे के लिए उन पर दबाव बनाने की अपील भी की. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती द्वारा भूखंड लौटाने की पेशकश किये जाने के बाद, एमयूडीए ने उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस लेने का एक अक्टूबर को फैसला किया था. सिद्धरमैया ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों और अपने इस्तीफे की मांग को खारिज किया है.