छात्र राजनीति से उभरकर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे सुक्खू; पत्रकार से राजनीतिज्ञ बने अग्निहोत्री

सुखविंदर सिंह सुक्खू: छात्र राजनीति से उभरे नेता के हाथों में अब हिमाचल प्रदेश की कमान

शिमला. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू छात्र राजनीति से उभरकर पार्टी में विभिन्न पदों पर रहते हुए आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं. सुक्खू ने रविवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.

सुक्खू को पार्टी के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह का आलोचक माना जाता था जिन्होंने पांच दशक से अधिक समय तक हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर अपना दबदबा कायम रखा था. सिंह का पिछले साल निधन हो गया था. वीरभद्र सिंह की करिश्माई मौजूदगी के बिना इस राज्य में पार्टी की पहली जीत के साथ, सुक्खू को इस शीर्ष पद पर विराजमान करना यह स्पष्ट करता है कि पार्टी आगे बढ़ने के लिए तैयार है.

सुक्खू एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता सड़क परिवहन निगम में चालक के पद पर कार्यरत थे. सुक्खू अपने शुरुआती दिनों में छोटा शिमला में दूध का काम किया करते थे. छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के साथ अकसर टकराव होने के बावजूद सुक्खू 2013 से 2019 तक रिकॉर्ड छह साल तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने रहे.

हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सत्ता छीनने के बाद सुक्खू और प्रतिभा सिंह दोनों ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया था. सुक्खू शीर्ष पद पर काबिज होने वाले निचले हिमाचल के पहले कांग्रेसी नेता हैं. भाजपा के प्रेम कुमार धूमल के बाद वह हमीरपुर जिले से दूसरे मुख्यमंत्री हैं.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले और कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख रहे नादौन सीट से विधायक सुक्खू को शनिवार को सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान का सुक्खू पर विश्वास तभी जाहिर हो गया था जब उन्हें कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और बड़ी संख्या में उनके समर्थकों को पार्टी का टिकट मिला था.

उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संगठन को मजबूत किया और कार्यकर्ताओं तथा विधायकों के साथ उनके तालमेल ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बना दिया. राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव 12 नवंबर को हुआ था और नतीजों की घोषणा बृहस्पतिवार को की गई. जुलाई 2021 में वीरभद्र सिंह के निधन के बाद से राज्य में यह पहला चुनाव था.

सुक्खू कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेन्ट्स यूनियन आॅफ इंडिया (एनएसयूआई) की राज्य इकाई के महासचिव थे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी की थी. जमीनी स्तर पर काम करते हुए वह दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद चुने गए थे. उन्होंने 2003 में नादौन से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और 2007 में सीट बरकरार रखी लेकिन 2012 में वह चुनाव हार गए थे. इसके बाद 2017 और 2022 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की.

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा हैं पत्रकार से राजनीतिज्ञ बने मुकेश अग्निहोत्री
पत्रकार से नेता बने मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा हैं, और अब उपमुख्यमंत्री के पद पर उनकी पदोन्नति के साथ पार्टी को उम्मीद है कि ब्राह्मण समुदाय का समर्थन उसे मिलना जारी रहेगा. निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री (60) मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे रहे लोगों में से एक थे.

लेकिन, कांग्रेस ने नादौन के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री पद के लिए और मुकेश अग्निहोत्री को उनके उपमुख्यमंत्री के रूप में चुना है. सुक्खू और अग्निहोत्री ने रविवार को एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. इस समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा सहित पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए.

ऊना जिले के हरोली से पांच बार विधायक रहे अग्निहोत्री कांग्रेस परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता ओंकार शर्मा ने जिला जनसंपर्क अधिकारी (डीपीआरओ) के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद 1988 में कांग्रेस के टिकट पर संतोकगढ़ (अब हरोली) से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे.

जनसंपर्क और विज्ञापन में पीजी डिप्लोमा करने वाले मुकेश अग्निहोत्री ने ंिहदी दैनिक ‘वीर प्रताप’ में एक संवाददाता के रूप में पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया था और राजनीति में आने से पहले वह ‘जनसत्ता’ में ब्यूरो प्रमुख के पद पर रहे.
मुकेश अग्निहोत्री ने 2003, 2007, 2012, 2017 और 2022 में हरोली से विधानसभा चुनाव जीता. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाने वाले अग्निहोत्री राज्य के उद्योग मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया था.

राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव 12 नवंबर को हुआ था और नतीजों की घोषणा बृहस्पतिवार को की गई. गौरतलब है कि जुलाई 2021 में वीरभद्र सिंह के निधन के बाद से राज्य में यह पहला चुनाव था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button