गुजरात के लोग भाजपा के प्रदेश नेताओं एवं उसकी भ्रष्ट सरकार से परेशान हो चुके हैं: गढ़वी

खंभालिया: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा गुजरात में अपना चुनाव प्रचार पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द केंद्रित करने के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी इसुदान गढ़वी ने शनिवार को कहा कि यह दर्शाता है कि कैसे गुजरात के लोग सत्तारूढ़ दल के प्रदेश नेताओं से आजिज आ चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी भाजपा के करीब 25 साल के निर्बाध शासन को खत्म करने की ओर अग्रसर है।

‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में गढ़वी ने कहा कि गुजरात के लोग विधानसभा चुनाव में अपने मुख्यमंत्री के तौर पर एक भरोसेमंद नेता के पक्ष में वोट डालेंगे तथा मोदी उनके दिमाग में कोई कारक नहीं होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी प्रधानमंत्री हैं और वह 2024 तक केंद्र की सत्ता में रहेंगे। विधानसभा चुनाव राज्य सरकार चुनने के लिए है। गुजरात के लोग भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश नेताओं से परेशान हो चुके हैं। उनके बीच कोई व्यापक जनाधार वाला नेता नहीं है जबकि मुझे राज्य के सभी हिस्सों में समर्थन मिल रहा है।’’

कुछ चुनावी प्रेक्षकों का मानना है कि कभी एक लोकप्रिय गुजराती समाचार प्रस्तोता रहे गढ़वी को खंभालिया में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा हैं और सामाजिक समीकरण उनके पक्ष में नहीं है। गढ़वी ने हालांकि कहा कि चुनाव में आप का उतरने का मतलब ही है कि पारंपरिक समीकरण न तो उनके निर्वाचन क्षेत्र में और न ही गुजरात में काम करेंगे।

वैसे उन्हें लोगों से जुड़े एवं साफसुथरी छवि वाले नेता के रूप में देखा जाता है और उसका श्रेय उनकी टेलीविजन की पृष्ठभूमि को भी जाता है। आलोचकों ने हालांकि उनकी पार्टी को ‘बिना सैनिकों के जनरल’ वाली पार्टी भी कहा है। उनका इशारा इस ओर है कि पूरी तरह चुनाव मशीनरी से लैस प्रतिद्वंद्वियों खासकर भाजपा की तुलना में आप के पास स्पष्ट नजर आ रहे नेतृत्व के बावजूद जमीनी नेटवर्क की कमी है।

गढ़वी ने इन बातों को खारिज किया और राज्य में भाजपा के लिए एक भरोसेमंद चुनौती के रूप में आप के उभरने के पक्ष में आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि आप ने राज्य में करीब 52,000 मतदान केंद्रों पर 11-15 लोगों की अपनी टोलियां बनायी हैं और उनकी पार्टी ने सत्ता में आने पर जो करने का वादा किया है, उन वादों के संबंध में 50 लाख से अधिक मतदाताओं ने उसकी गारंटी (घोषणापत्र) पत्र भी लिये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम भाजपा और कांग्रेस द्वारा की जा रही राजनीति के पुराने तौर-तरीकों में यकीन नहीं करते हैं जहां पंचायत सदस्यों एवं स्थानीय जातीय नेताओं को वोट जुटाने की खातिर चुनाव के दौरान पार्टियों में शामिल कर लिया जाता था। जमीनी कार्यकर्ता हमारे साथ हैं, इसलिए लोग हमारे साथ हैं। यह आठ दिसंबर को चुनाव नतीजे में दिखेगा।’’ गढ़वी ने दावा किया कि वर्तमान लोकप्रिय वोट हिस्सेदारी आकलन के संदर्भ में उनकी पार्टी भाजपा से आगे हैं और कांग्रेस काफी पीछे है।

अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले गढ़वी ने खुद को ‘किसान का बेटा’ बताया और कहा कि ‘बिजली, पानी और दाम’’ के आप के तीन वादों ने किसान समुदाय का समर्थन जीत लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने गुजरात में ‘‘भ्रष्ट’’ सरकार चलायी तथा कांग्रेस जनता के मुद्दों को प्रभावी ढंग से नहीं उठाकर अपनी भूमिका निभाने में विफल रही।

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