राहुल, अडाणी के मुद्दे पर संसद में हंगामा जारी, सातवें दिन भी गतिरोध कायम

नयी दिल्ली. भारत के लोकतंत्र के बारे में राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान और अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को भी संसद के दोनों सदनों में पूरे दिन गतिरोध बना रहा.

सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदन दो बार के स्थगन के बाद 23 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिये गये. दोनों सदन में प्रश्नकाल एवं शून्यकाल हंगामे की भेंट चढ़ गये. हालांकि लोकसभा में हंगामे के बीच जम्मू कश्मीर का 2023-24 का बजट तथा केंद्र के आम बजट से जुड़ी वित्त वर्ष 2022-23 की अनुदान की अनुपूरक मांगों को बिना चर्चा के ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
दोनों ही सदनों में बुधवार को चैत्र शुक्लादि, गुड़ी पड़वा आदि त्योहारों के कारण बैठक नहीं होगी.

लोकसभा में आज प्रश्नकाल आरंभ होने के साथ ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए. उन्होंने ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे लगाए. भारतीय जनता पार्टी के भी कुछ सदस्यों ने राहुल गांधी से उनके बयान के लिए माफी की मांग करते हुए नारेबाजी की.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने सभी दलों के नेताओं से व्यक्तिगत रूप से आग्रह किया था, यहां भी कर रहा हूं कि सदन चलने दें. बजट सत्र महत्वपूर्ण है.’’ हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने पूर्वाह्न 11 बजकर करीब सात मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

सदन की कार्यवाही दो बजे फिर शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये.
निचले सदन में शोर-शराबे के बीच भाजपा के सदस्य जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के बजट पर चर्चा होने जा रही है, ऐसे में क्षेत्र के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए विपक्ष के सदस्यों को अपने स्थान पर बैठना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश इस बजट में केंद्र शासित प्रदेश के हर वर्ग और हर क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखा गया है और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है. हंगामे के बीच ही सदन ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी.

सदन ने वर्ष 2022-23 की अनुदान की अनुपूरक मांग के दूसरे बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को भी बिना चर्चा के मंजूरी प्रदान कर दी. इस दौरान सदन में हंगामा जारी था और पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की.

व्यवस्था बनते नहीं देख राजेन्द्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 2 बजकर 25 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी.
उधर, राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उन्हें 11 नोटिस मिले हैं.

धनखड़ ने कहा कि उन्हें कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रंजीत रंजन, कुमार केतकर, सैयद नासिर हुसैन, अमी याज्ञनिक, नीरज डांगी और जेबी मेथर हाशेम सहित कुछ अन्य सदस्यों से नियम 267 के तहत नोटिस मिले है. उन्होंने कहा कि इन नोटिस के जरिए, अडाणी समूह के खिलाफ लेखा धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेरफेर के आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता पर चर्चा की मांग की गई है.

उन्होंने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के इलामारम करीम ने अमेरिका स्थित ‘‘शॉर्ट सेलर’’ ंिहडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग करते हुए नोटिस दिया है. आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह ने अडाणी समूह से जुड़ी कंपनी द्वारा राजस्थान और महाराष्ट्र में बिजली वितरण में कथित अनियमितता किए जाने की जांच की मांग पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था.

सभापति ने कहा कि उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए हैं. इसके बाद विपक्षी सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और उन्होंने सभापति से विपक्ष के नेता को बोलने देने का अनुरोध किया. आसन से अनुमति मिलने के बाद अपनी बात रखने के लिए जैसे ही विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे खड़े हुए, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाने शुरू कर दिए. हंगामे को देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सभापति ने सदन की बैठक मंगलवार को नहीं होने की घोषणा की. इसके बाद सभापति ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा कराने की बात कही. ंिकतु इसी बीच नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आसन से कुछ कहने की अनुमति मांगी.

खरगे ने कहा, ‘‘राहुल गांधी इस सदन के सदस्य नहीं हैं और उन्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है….’’ नेता प्रतिपक्ष अपनी बात पूरी कर पाते, इससे पहले ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी से माफी की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. सदन में हंगामा होने के कारण सभापति ने बैठक को 23 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया.

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही भाजपा सदस्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की जेपीसी से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं.

विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण पिछले सप्ताह उच्च सदन में ना तो प्रश्नकाल और ना ही शून्यकाल हो सका था. इस दौरान कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कामकाज भी नहीं हो सका. बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ है. यह छह अप्रैल तक प्रस्तावित है.

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