पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते : मलेशिया में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा
क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है: खुर्शीद

कुआलालंपुर/नयी दिल्ली/लंदन/मैड्रिड. मलेशिया की यात्रा पर पहुंचे सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की भारत की नीति पर जोर देते हुए कहा कि “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.” कुआलालंपुर स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को यह जानकारी दी.
उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया में प्रधानमंत्री के विभाग (कानून एवं संस्थागत सुधार) में उप मंत्री वाईबी एम. कुला सेगरन के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी और ‘पार्टी केदिलन राक्यत इन मलेशिया’ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण और राष्ट्रीय संकल्प से अवगत कराया.
पोस्ट के मुताबिक, “चर्चा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया पर केंद्रित थी. आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की भारत की नीति पर जोर दिया गया और यह स्पष्ट किया गया कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.” प्रतिनिधिमंडल की यह प्रतिक्रिया पहलगाम आतकंवादी हमले के बाद भारत के सिंधु जल संधि को स्थगित करने के सिलसिले में थी. नयी दिल्ली ने दो टूक कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को शह देना बंद नहीं करता, तब तक संधि स्थगित रहेगी.
विश्व बैंक की मध्यस्थता में 1960 में हुई इस संधि में सिंधु और इसकी पांच सहायक नदियों-सतलुज, व्यास, रावी, झेलम और चिनाब- के पानी के इस्तेमाल के लिए दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच जल बंटवारे और सूचनाओं के आदान-प्रदान के खाके को परिभाषित किया गया है. उच्चायोग ने बताया कि संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने वाईबी सिम त्जे त्जिन के नेतृत्व वाले पार्टी केडिलन राक्यत के प्रतिनिधिमंडल के साथ “रचनात्मक वार्ता” की.
उसने पोस्ट किया, “आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की भारत की नीति को रेखांकित किया गया और सीमा पार खतरों के खिलाफ हमारी राष्ट्रीय एकता की पुष्टि की गई.” उच्चायोग ने कहा, “केडिलन के प्रतिनिधियों ने प्रतिनिधिमंडल की ओर से दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरण की सराहना की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आगे की राह तथा प्रत्येक राष्ट्र की जिम्मेदारियों पर रचनात्मक चर्चा की.” उच्चायोग के अनुसार, संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी केडिलन राक्यत के साथ बैठक के दौरान राष्ट्रीय एकता के लिए उप मंत्री वाईबी सरस्वती कंडासामी के साथ भी बातचीत की.
एक बयान के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ कतई बर्दाश्त न करने के भारत के सिद्धांतबद्ध और अडिग रुख को रेखांकित किया. बयान के अनुसार, यहां प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख का जिक्र किया और इस बात पर जोर दिया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भविष्य में आतंकवादी हमलों का जवाब देने और उन्हें नाकाम करने के भारत के अधिकार का प्रदर्शन था.
बयान में कहा गया है कि भारतीय मूल के मलेशियाई मुसलमानों सहित सभी प्रवासी भारतीयों ने आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की.
इसमें कहा गया है कि संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने कुआलालंपुर में रामकृष्ण मिशन का दौरा किया और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. बयान के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल ने पंचवटी प्रार्थना कक्ष और निवेदिता हाउस का भी दौरा किया. इसमें कहा गया है कि संसदसीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी), नयी दिल्ली के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भी बातचीत की, जो मौजूदा समय में मलेशिया के अध्ययन दौरे पर है.
बयान के अनुसार, संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने तोरण द्वार का भी दौरा किया, जो भारत के लोगों की ओर से मलेशिया को दिया गया एक उपहार है. इसका उद्घाटन 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मलेशिया यात्रा के दौरान किया गया था. भारतीय उच्चायोग ने कहा कि कुआलालंपुर के ‘लिटिल इंडिया’ में स्थित तोरण द्वार न सिर्फ एकता, बल्कि भारत और मलेशिया के बीच मजबूत एवं लगातार जारी दोस्ती का प्रतीक है.
प्रतिनिधिमंडल में झा के अलावा सांसद अपराजिता सारंगी, अभिषेक बनर्जी, बृज लाल, जॉन ब्रिटास, प्रदान बरुआ, हेमांग जोशी, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने दुनिया के 33 देशों की राजधानी की यात्रा कर आतंकवाद से पाकिस्तान के संबंधों को उजागर करने का जिम्मा सौंपा है.
क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है: खुर्शीद
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखने वाले प्रतिनिधिमंडलों में से एक में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने सोमवार को कहा कि यह दुखद है कि देश में लोग राजनीतिक निष्ठाओं का आकलन कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है? पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता संजय झा की अध्यक्षता वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं. यह प्रतिनिधिमंडल जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनिशया और मलेशिया की यात्रा पर गया है.
खुर्शीद ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”जब आतंकवाद के खिलाफ भारत का संदेश दुनिया तक पहुंचाने के मिशन पर हों, तो यह दुखद है कि देश में लोग राजनीतिक निष्ठाओं का आकलन कर रहे हैं. क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है?” खुर्शीद का यह पोस्ट कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर उदित राज और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के हमलों के बाद आया है. उदित राज ने तो थरूर को भाजपा का ‘सुपर प्रवक्ता’ करार दिया था. थरूर सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे हैं और इस समय ब्राजील में हैं.
खुर्शीद ने रविवार को इंडोनेशिया में थिंक टैंक के साथ बातचीत के दौरान कहा था कि कश्मीर में लंबे समय से ”बड़ी समस्याएं” थीं और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से आखिरकार इनका अंत हो गया. इस टिप्पणी का सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने स्वागत किया और इसे लेकर एक राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया.
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने खुर्शीद की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की आलोचना की तथा उन पर राष्ट्रीय हित की अनदेखी करने का आरोप लगाया. पूनावाला ने कहा, ”शशि थरूर और मनीष तिवारी के बाद एक और कांग्रेस नेता ने वास्तविकता सामने रखी है और कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन को आईना दिखाया है.” उन्होंने कहा, ”सलमान खुर्शीद ने कहा है कि जब सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत को पहले रखकर पाकिस्तान को बेनकाब करने के मिशन पर है, तो कुछ लोग राजनीतिक निष्ठाओं का आकलन रहे हैं. क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है? यह उन लोगों के चेहरे पर करारा तमाचा है, जो लगातार भारत की सैन्य ताकत और भारत के कूटनीतिक प्रयासों पर संदेह कर रहे हैं.”
आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है ब्रिटेन: हिंद-प्रशांत मंत्री ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से कहा
ब्रिटेन की हिंद-प्रशांत मामलों की मंत्री कैथरीन वेस्ट ने सोमवार को लंदन में विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में एक बैठक में भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से कहा कि ब्रिटेन आतंकवाद से निपटने के भारत के प्रयासों में उसके साथ है. प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प का उल्लेख किया और कहा कि पूरी मानवता के हित में इसे खत्म किया जाना चाहिए.
कैथरीन वेस्ट ने ब्रिटेन की ओर से एक बार फिर अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए भारत के योगदान की सराहना की. बैठक के बाद सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में भारतीय उच्चायोग ने कहा, “प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद से अपने दम पर निपटने के भारत के संकल्प को दोहराया. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद सभी देशों के लिए खतरा बना हुआ है और इसलिए दुनिया को पूरी मानवता के हित में इस संकट को मिटाने की जरूरत है.”
बयान में कहा गया है, “मंत्री ने एक बार फिर भारत में हुए आतंकवादी हमलों की ब्रिटेन की ओर से निंदा की. उन्होंने वैश्विक रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भारत के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता व वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान पर बात की. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत के प्रयासों में उसके साथ है; एक ऐसे राष्ट्र के रूप में जो खुद आतंकवादी हमलों से पीड़ित है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन का मानना है कि आतंकवादी कृत्य करने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. सभी देशों को इस दिशा में काम करना चाहिए.”
स्पेन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन दिया
स्पेन ने आतंकवाद का मुकाबला करने संबंधी भारत के प्रयासों के प्रति सोमवार को अपना ”स्पष्ट समर्थन” जताया. द्रमुक सांसद कनिमोई के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां विदेश मंत्री जोस मैनुअल एल्बरेस से मुलाकात की और आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की भारत की नीति से अवगत कराया. प्रतिनिधिमंडल अपनी पांच देशों की यात्रा के अंतिम चरण में तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को यहां पहुंचा.
मैड्रिड स्थित भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्री एल्बरेस से मुलाकात की और उन्हें ”भारत के रुख से अवगत कराया तथा आतंकवाद से निपटने में भारत के प्रयासों पर चर्चा की.” इसमें कहा गया, ”विदेश मंत्री एल्बरेस ने आतंकवाद से निपटने में भारत के प्रयासों के प्रति स्पेन के स्पष्ट समर्थन को व्यक्त किया तथा वैश्विक शांति के महत्व को दोहराया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर स्पेन, भारत के साथ खड़ा है.” इससे पहले दिन में, प्रतिनिधिमंडल ने स्पेन में आतंकवाद पीड़ितों के एक संगठन के साथ बैठक के दौरान ”एक सुरक्षित और अधिक दयालु दुनिया” के लिए भारत के संकल्प को दोहराया और (भारत-पाकिस्तान) सीमा पार खतरों का सामना करने में नयी दिल्ली के अनुभव को साझा किया.
यह उन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है जिन्हें भारत ने 33 देशों की राजधानियों का दौरा करने का दायित्व सौंपा है, ताकि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक यह संदेश पहुंचाया जा सके कि पाकिस्तान का आतंकवाद से संबंध है.
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे.
स्पेन स्थित भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”आतंकवाद के 4,800 से अधिक पीड़ितों के साथ खड़े एक संगठन द्वारा आयोजित बैठक में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद से मिलने वाली पीड़ा पर गहन चर्चा की.” प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार खतरों का सामना करने में भारत के अनुभव को साझा किया तथा एक सुरक्षित, अधिक दयालु विश्व के निर्माण के लिए साझा संकल्प की पुष्टि की.
यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल स्पेन सरकार के प्रतिनिधियों और नागरिक संस्था के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा तथा आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति से अवगत कराएगा. कनिमोई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”कल स्पेन में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, मुझे तमिल समुदाय से मिलकर बहुत खुशी हुई. घर से दूर रहने वाले इतने सारे भारतीयों से जुड़ना अद्भुत अनुभव था.”