यौन शोषण से बचने के लिए महिला पहली मंजिल से कूदी, होटल संचालक गिरफ्तार
कार्यस्थलों पर लोगों को यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून के बारे में जागरूक करें : केरल महिला आयोग

कोझीकोड/तिरुवनंतपुरम. कर्नाटक के त्रिशूर जिले से एक होटल संचालक को गिरफ्तार किया गया जिस पर आरोप है कि उसने एक महिला कर्मचारी से दुष्कर्म करने की कोशिश की और खुद को बचाने के लिए वह पहली मंजिल से कूद गयी. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. आरोपी की पहचान देवदास के रूप में हुई है. आरोपी देवदास को मुक्कम पुलिस ने मंगलवार रात एक बस यात्रा के दौरान कुन्नमकुलम से गिरफ्तार किया.
एक सूत्र ने कहा कि जांचकर्ताओं को आरोपी की गतिविधियों के बारे में सूचना मिली और पुलिस र्किमयों की एक टीम ने उसका पीछा किया और बीच रास्ते में बस रुकवाकर उसे पकड़ लिया. आरोपी को बुधवार तड़के मुक्कम पुलिस थाने लाया गया. पुलिस ने बताया कि देवदास शनिवार रात महिला कर्मचारी के कमरे में घुस गया था. पुलिस ने बताया कि घटना के दौरान मौजूद आरोपी के दो साथी रियाज और सुरेश फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है. महिला ने पुलिस को बताया कि यौन शोषण के प्रयास से बचने के लिए उसने पहली मंजिल से कूदने का फैसला किया. इस दौरान उसे गंभीर चोटें आईं.
कन्नूर के पय्यनूर की रहने वाली महिला कुछ महीने पहले ही देवदास के होटल में काम करने आई थी. महिला ने यह बयान दिया कि जब वह अपने कमरे में फोन पर वीडियो गेम देख रही थी, तब तीनों आरोपी उसके कमरे में घुस आए और उसे अपने बचाव के लिए कूदने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं दिखा. पड़ोसियों और स्थानीय लोगों ने महिला की चीखें सुनी और तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया.
देवदास को महिला के परिवार द्वारा वीडियो जारी करने के बाद गिरफ्तार किया गया. वीडियो में आरोपियों द्वारा किए गए शोषण के प्रयास और महिला के कूदने की घटना दिखाई दे रही थी. पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. होटल मालिक की गिरफ्तारी जल्द ही की जाएगी. महिला का इलाज अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जारी है. वह गंभीर रूप से घायल हुई है लेकिन उसकी स्थिति अब स्थिर है.
कार्यस्थलों पर लोगों को यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून के बारे में जागरूक करें : केरल महिला आयोग
केरल महिला आयोग की अध्यक्ष पी सतीदेवी ने बुधवार को कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम (पॉश) अधिनियम के लागू होने के 12 साल बाद भी, अधिकांश प्रतिष्ठानों में महिला कर्मचारियों के बीच इस कानून के बारे में जागरूकता बहुत सीमित है. आईटी कर्मचारियों और ‘टेक्नोपार्क’ के गैर-तकनीकी कर्मचारियों के लिए पॉश अधिनियम पर केरल महिला आयोग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सतीदेवी ने महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संस्थान में निगरानी प्रणाली की स्थापना की वकालत की.
यह कार्यक्रम केरल महिला आयोग के राज्यव्यापी अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य पॉश अधिनियम, 2013 के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. इस कानून का उद्देश्य कार्यस्थलों पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाना है. सतीदेवी ने कहा कि महिलाएं घर में, कार्यस्थल पर और यहां तक ??कि यात्रा के दौरान भी विभिन्न प्रकार के शोषण, भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार होती हैं. पूर्व सांसद सतीदेवी ने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाएं इस कानून के प्रति जागरूक हों और हर संस्थान को कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक निगरानी प्रणाली स्थापित करनी चाहिए.