भाजपा ने पश्चिम एशिया संकट को ‘वर्चस्व को लेकर मुस्लिम जगत की आपसी लड़ाई’ बताया

इंदौर. पश्चिम एशिया के संकट को ‘वर्चस्व को लेकर मुस्लिम जगत की आपसी लड़ाई’ करार देते हुए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को उम्मीद जताई कि इस मसले का शांतिपूर्ण तरीके से जल्दी समाधान होगा. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ”पश्चिम एशिया का संकट कुछ और नहीं, बल्कि मुस्लिम जगत के देशों की एक-दूसरे पर वर्चस्व को लेकर आपसी लड़ाई है. इस लड़ाई का एक ध्रुव सुन्नी जगत का नेता सऊदी अरब है, तो दूसरा ध्रुव है ईरान जो शिया जगत का अगुवा है.” उन्होंने इजराइल-हमास युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इस संघर्ष के समय ईरान को लगा था कि इजराइल के खिलाफ ‘भावनात्मक मुद्दा’ उठाने पर पूरा मुस्लिम जगत उसके (ईरान के) साथ आ जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

त्रिवेदी ने कहा, ”इसलिए आज आप देख रहे हैं कि ईरान पर हुए हमले के वक्त सुन्नी जगत काफी हद तक शांत रहा. यही नहीं, एक तरफ ईरान पर हमला हो रहा था और दूसरी ओर पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर कह रहे थे कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए.” भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने जोर देकर कहा कि भारत सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करता है.

त्रिवेदी ने कहा, ”हम आशा करते हैं कि एक सकारात्मक भावना पनपेगी और पश्चिम एशिया के संकट का शांतिपूर्ण तरीके से जल्दी समाधान होगा.” उन्होंने वर्ष 1975 में भारत पर आपातकाल लगाने के लिए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि ‘आपातकाल की मानसिकता’ कांग्रेस में बरकरार है.

त्रिवेदी ने कहा कि ‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’ के आपत्तिजनक नारे पर कांग्रेस का भरोसा अब भी कायम है और राहुल गांधी सरीखे नेता खुद को संविधान से ऊपर समझते हैं. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लगाया था. इस दौरान नागरिक अधिकारों को निलंबित करते हुए विपक्षी नेताओं और असंतुष्ट लोगों को जेल में बंद कर दिया गया था और प्रेस पर सेंसरशिप लागू की गई थी.

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