एक साथ चुनाव पर मंत्रिमंडल का फैसला लोकतंत्र को और अधिक जीवंत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: मोदी
'एक देश, एक चुनाव' पर बसपा का रुख सकारात्मक : मायावती

नयी दिल्ली/लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकार किए जाने को लोकतंत्र को और अधिक जीवंत तथा सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव पर कोविंद समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया. इस मुद्दे पर गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई थी. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी.
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”मंत्रिमंडल ने एक साथ चुनाव के बारे में उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. मैं इस प्रयास का नेतृत्व करने और हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को बधाई देता हूं.” उन्होंने कहा, ”यह हमारे लोकतंत्र को और अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.” इस रिपोर्ट को मंत्रिमंडल के समक्ष रखना विधि मंत्रालय के 100 दिवसीय एजेंडे का हिस्सा था.
उच्च स्तरीय समिति ने पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने और उसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की है. समिति ने उसके द्वारा की गई सिफारिशों के क्रियान्वयन पर विचार करने के लिए एक ‘कार्यान्वयन समूह’ गठित करने का भी प्रस्ताव रखा है.
एक साथ चुनाव पर सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकार किया जाना ‘ऐतिहासिक’ : नड्डा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकार कर लिए जाने को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया और कहा कि इसे अपनाने से चुनाव से संबंधित खर्चों और सरकार पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी.
नड्डा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पहल पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव कराने की वर्तमान प्रणाली विकास के प्रयासों को बाधित करती है और राष्ट्रीय खजाने पर बोझ डालती है.” उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को अपनाने से चुनाव से संबंधित खर्चों और सरकार पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ”इस ऐतिहासिक निर्णय का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और बेहतर शासन सुनिश्चित करना है.”
एक साथ चुनाव की सिफारिशों को मंत्रीमंडल द्वारा स्वीकार किया जाना चुनाव सुधारों की ओर बड़ा कदम: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा स्वीकार कर लिए जाने को ऐतिहासिक चुनाव सुधारों की ओर ‘एक बड़ा कदम’ करार दिया और कहा कि यह लोकतंत्र को मजबूत करने तथा आर्थिक विकास को गति देने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘लौह इच्छाशक्ति’ को दर्शाता है.
शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत परिवर्तनकारी सुधारों का गवाह बन रहा है. आज इस दिशा में भारत ने ऐतिहासिक चुनाव सुधारों की ओर एक बड़ा कदम उठाया है और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.” उन्होंने कहा, ”यह स्वच्छ और वित्तीय रूप से मुफीद चुनावों के माध्यम से हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने और संसाधनों के अधिक उत्पादक आवंटन के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देने के लिए मोदी जी की लौह इच्छाशक्ति को दर्शाता है.”
‘एक देश, एक चुनाव’ पर बसपा का रुख सकारात्मक : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने पर उनकी पार्टी का रुख ‘सकारात्मक’ है. मायावती ने इस सिलसिले में अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, ”एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का रुख सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना जरूरी है.”