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अमेरिका से भारतीयों को निर्वासित करने के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

अवैध प्रवासियों को हटा रहे हैं : अमेरिका

नयी दिल्ली. राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस की एक सदस्य ने अमेरिका द्वारा कुछ भारतीयों को निर्वासित किए जाने की खबरों पर चिंता जताते हुए सरकार से प्रश्न किया कि इस मामले के समाधान के लिए वह क्या कर रही है और इसमें आगे का रास्ता क्या हो सकता है? उच्च सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, ”आज की खबर है कि पढ़े-लिखे शिक्षित लड़कों को, जिन्हें हमने (अभिभावकों ने) विदेश भेजा है, अमेरिका में ट्रंप साहब सैन्य विमानों में उन्हें सैकड़ों की संख्या में बैठाकर वापस भिजवा रहे हैं. इस मामले में आगे का रास्ता क्या होगा…राष्ट्रपति अभिभाषण में मुद्दों के समाधान के लिए आगे का रास्ता बताया जाता है.”

चौधरी ने सवाल किया कि अमेरिका से भारतीय छात्रों को सैन्य विमानों से भरकर वापस भेजा जा रहा है, उसके बारे में राष्ट्रपति अभिभाषण में कुछ क्यों नहीं कहा गया? गौरतलब है कि अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही आव्रजन नियमों को कड़ाई से पालन किया जा रहा है तथा ऐसी खबरें हैं कि एक अमेरिकी सैन्य विमान से कुछ ”गैर-कानूनी प्रवासियों” को भारत भेजा जा रहा है. चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण स्वयं राष्ट्रपति नहीं लिखतीं बल्कि सरकार उन्हें अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में लिख कर देती है.

उन्होंने कहा, ”हमें महिलाओं का सम्मान करने की आदत है. हमारे पास इंदिरा गांधी एवं सोनिया गांधी जैसी कद्दावर नेता हैं.” उन्होंने भारतीय मुद्रा रूपये का मूल्य अमेरिकी डालर की तुलना में गिरते जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार कहा था कि रूपये का जो मूल्य गिर रहा है, वह देश में भ्रष्टाचार के कारण गिर रहा है. कांग्रेस सदस्य ने प्रधानमंत्री से प्रश्न किया कि आज रूपया जो गिर रहा है, उस पर प्रधानमंत्री मोदी का क्या कहना है? कांग्रेस सदस्य ने कहा कि आज महिलाओं को यह सलाह दी जा रही है कि वे अधिक बच्चे पैदा करें. उन्होंने कहा कि अधिक बच्चे पैदा करने से क्या होगा, सिवाय देश में बेरोजगारी बढ.ने के.

उन्होंने कहा कि देश के समक्ष आज जो ज्वलंत मुद्दे हैं, उनका राष्ट्रपति अभिभाषण में कोई समाधान नहीं दिया है, आगे का कोई रास्ता नहीं बताया गया है. चौधरी ने कहा कि वह एक आस्तिक हिन्दू हैं और वह जानती हैं कि कुंभ में गंगा स्नान करने से पाप धुल जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार यदि कुंभ स्नान में डुबकी लगाने पर टैक्स लगाती तो वह काफी धन संग्रह कर सकती है. उन्होंने प्रश्न किया कि भारतीय जनता पार्टी में ऐसी कौन सी डुबकी लगायी जाती है कि उसे लगाने के बाद लोगों के सारे आर्थिक पाप मिट जाते हैं.

कांग्रेस सदस्य ने सरकार को आगाह किया कि विपक्ष की आवाज को किसी भी स्थिति में दबाया नहीं जा सकता. उन्होंने सरकार पर ईडी, सीबीआई आदि सरकारी एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष इसके खिलाफ आवाज उठाता रहेगा और लोकतंत्र के स्तंभों की रक्षा के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगा.

उन्होंने प्रश्न किया कि संसद सत्र बुलाने की क्या आवश्यकता है, संसदीय समिति की बैठकों की आवश्यकता है, जब संसद में दिए गए आश्वासनों को पूरा नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोगों से संसद में कुछ वादे किए थे. उन्होंने कहा कि उन आश्वासनों को अभी तक क्यों नहीं पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में आदिवासी विश्वविद्यालय बनाने के लिए संसद में दिए गए आश्वासन के नौ साल बीत गये हैं किंतु आज तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा दी गयी कोई भीख नहीं बल्कि लोगों का अधिकार है.

चौधरी ने आरोप लगाया कि दक्षिण भारत के राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल आदि को कुछ नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि दक्षिण राज्यों में आयी बाढ. के बाद भी केंद्र ने मदद के लिए कुछ नहीं किया.
द्रमुक की कानिमोझी एनवी सोमू ने चर्चा में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह तमिलनाडु के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की कई योजनाओं में कोई प्रगति नहीं हो रही है.

उन्होंने कहा कि कच्चातिवु द्वीप जब श्रीलंका को दिया गया तो द्रमुक के सदस्यों ने उसका कड़ा विरोध किया था. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में करूणानिधि नीत तत्कालीन द्रमुक सरकार ने राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था. उन्होंने कहा कि संसद में तत्कालीन द्रमुक सदस्यों ने भी उसका कड़ा विरोध किया था.

कानिमोझी ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद में कहा था कि कच्चातिवु द्वीप जब श्रीलंका को दिया गया था तो उस समय द्रमुक के नेताओं ने उसका समर्थन किया था. द्रमुक सदस्य नेता ने कहा कि भाजपा प्रमुख द्रमुक को लेकर जो दावा किया, वह पूरी तरह से निराधार है.

द्रमुक सदस्य ने राज्यों में राज्यपालों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन को संविधान के अनुरूप आचरण करना चाहिए. उन्होंने तमिलनाडु के राज्यपाल पर भी सवाल उठाये. राज्यपाल पर टिप्पणी किए जाने का भाजपा सदस्यों ने विरोध किया. सदन के नेता एवं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उपसभापति हरिवंश से अनुरोध किया कि चूंकि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है, इसलिए उनके विरूद्ध कोई टिप्पणी सदन की कार्यवाही में नहीं जानी चाहिए. इस पर द्रमुक नेता तिरूचि शिवा ने सफाई देते हुए कहा कि उनके दल की सदस्य ने किसी व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी नहीं की बल्कि वह यह कह रही थीं कि राज्यपाल संवैधानिक पद होता है और इस पद पर बैठे व्यक्ति को संविधान के अनुरूप आचरण करना चाहिए.

अवैध प्रवासियों को हटा रहे हैं : अमेरिका

अमेरिका के एक सैन्य विमान द्वारा कुछ अवैध प्रवासियों को भारत लाने की खबरों के बीच यहां अमेरिकी दूतावास ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका आव्रजन कानूनों को सख्त कर रहा है. डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के करीब दो सप्ताह बाद अवैध भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने का पहला दौर शुरू हुआ है.

ट्रंप ने अमेरिका में रहने वाले अवैध प्रवासियों से निपटने के लिए सख्त नीतिगत दृष्टिकोण अपनाने का वादा किया है और वह पहले ही आव्रजन से संबंधित कई शासकीय आदेशों पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. अवैध प्रवासियों के एक समूह को भारत लाने वाली उड़ान के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन जोर देकर कहा कि अमेरिका अवैध प्रवासियों को निकाल रहा है.

अधिकारी ने कहा, ”मैं उन जांच के बारे में कोई विवरण साझा नहीं कर सकता, लेकिन मैं रिकॉर्ड पर साझा कर सकता हूं कि अमेरिका अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सख्त है, आव्रजन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है.” उन्होंने कहा, ”ये कार्रवाइयां एक स्पष्ट संदेश हैं कि अवैध प्रवास जोखिम से भरा है.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 27 जनवरी को फोन पर बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के मामले में ”वही करेगा जो सही होगा”.

पिछले महीने विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा था कि वह अवैध आव्रजन का विरोध करता है और अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस लेने के लिए तैयार है, बशर्ते उनकी राष्ट्रीयता सत्यापित हो. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 24 जनवरी को कहा कि भारत अवैध आव्रजन का विरोध करता है, क्योंकि इसका संबंध संगठित अपराध के कई रूपों से है. उन्होंने कहा, ”हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते हमारे साथ दस्तावेज साझा किए जाएं ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता सत्यापित कर सकें और यह पता लगा सकें कि वे वास्तव में भारतीय हैं.” जायसवाल ने कहा कि अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या के बारे में अभी बात करना ”जल्दबाजी” होगी.

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