कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से माफी मांगने, भाजपा सांसद जांगड़ा को बर्खास्त करने की मांग की

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रामचंद्र जांगड़ा की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई कि पहलगाम में पर्यटकों को आतंकवादियों से भिड़ जाना चाहिए था. पार्टी ने कहा कि सांसद को बर्खास्त किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए.

विपक्षी दल ने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा नेतृत्व की चुप्पी को जांगड़ा के बयान की ”मौन स्वीकृति” के तौर पर देखा जाना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि भाजपा नेता पहलगाम पीड़ितों और सशस्त्र बलों को बदनाम करने के लिए एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ कर रहे हैं. इससे पहले भाजपा के कई नेता भी इस तरह की टिप्पणी कर चुके हैं जिनमें मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह और राज्य के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा शामिल हैं. कांग्रेस ने दावा किया कि देवड़ा ने कहा था कि पूरी भारतीय सेना और बहादुर सैनिक मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं जबकि विजय शाह को पहलगाम हमले में संलिप्त आतंकवादियों के धर्म को कर्नल सोफिया कुरैशी के धर्म से जोड़ने वाली उनकी टिप्पणी के बाद माफी मांगनी पड़ी थी. विजय शाह की टिप्पणी के बाद आक्रोश पैदा हो गया था. कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ मीडिया को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानकारी दी थी.

खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ”भाजपा के राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा के शर्मनाक बयान ने एक बार फिर आरएसएस-भाजपा की ओछी मानसिकता को उजागर कर दिया.” उन्होंने कहा, ”मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने हमारी जांबाज सेना का अपमान किया, पर मोदी जी ने कोई कार्रवाई नहीं की. मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह ने हमारी वीर कर्नल पर भद्दी टिप्पणी की, पर आज तक बर्खास्त नहीं हुए.” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”जब पहलगाम में नौसेना के शहीद अफसर की पत्नी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा था, तब भी मोदी जी चुप थे.”

उन्होंने कहा, ”नरेन्द्र मोदी जी, आप कहते हैं कि आपकी रगों में सिंदूर बहता हैङ्घ अगर ऐसा है तो आपको महिलाओं के सम्मान के लिए अपने इन बदजुबान नेताओं को बर्खास्त करना चाहिए.” पार्टी प्रमुख के विचारों को दोहराते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता लगातार भारतीय सेना और शहीदों का अपमान कर रहे हैं, ”जो उनकी तुच्छ और ओछी मानसिकता को उजागर करता है.” उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ”राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा का यह शर्मनाक बयान बताता है कि सत्ता के नशे में चूर भाजपा इतनी संवेदनहीन हो चुकी है कि पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक को जिम्मेदार ठहराने के बजाय भाजपा सांसद शहीदों व उनकी पत्नियों पर ही सवाल उठा रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”विजय शाह और देवड़ा जैसे नेताओं पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब ये नया बयान घोर आपत्तिजनक है.”

कांग्रेस महासचिव ने सवाल उठाते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेतृत्व की चुप्पी को इन बयानों की मौन स्वीकृति क्यों न माना जाए? हमारी स्पष्ट मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी इस शर्मनाक बयान पर माफी मांगें और सांसद रामचंद्र जांगड़ा को पार्टी से बाहर करें.” बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने भाजपा नेताओं द्वारा सेना और मारे गए लोगों के परिवारों के ”अपमान” की निंदा की और प्रधानमंत्री तथा भाजपा अध्यक्ष से माफी मांगने की मांग की.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का पूरा श्रेय सशस्त्र बलों के बजाय प्रधानमंत्री मोदी को देने के लिए बेताब है. उन्होंने पूछा कि यदि विपक्षी सांसदों को प्रतिनिधिमंडल के रूप में दूसरे देशों में भेजा जा सकता है, तो इस मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता. लांबा ने हरियाणा के सांसद, मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और एक मंत्री सहित भाजपा नेताओं के कुछ कथित वीडियो साझा किए, जिनमें वे रक्षा बलों का ”अपमान” करते सुने जा रहे हैं.

महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कानून अपना काम करेगा क्योंकि एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है, और वह भी उच्च न्यायालय के कहने पर, और उच्चतम न्यायालय के आदेश पर एसआईटी गठित की गई है. लेकिन उन्होंने देवड़ा, शाह और जांगड़ा जैसे अपने नेताओं का ”बचाव” करने के लिए भाजपा पर सवाल उठाया. लांबा ने कहा कि ये नेता प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरित लगते हैं, जिन्होंने दावा किया था कि एक व्यापारी एक सैनिक से ज़्यादा साहसी होता है. उन्होंने प्रधानमंत्री के ऐसा कहने की कथित रिकॉर्डिंग भी साझा की. जांगड़ा ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर शनिवार को कहा कि पर्यटकों को संघर्ष करना चाहिए था और आतंकवादी हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं को ‘वीरांगना’ की तरह व्यवहार करना चाहिए था.

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. जांगड़ा शनिवार को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कहा था कि पर्यटकों को संघर्ष करना चाहिए था और आतंकी हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं को ‘वीरांगना’ की तरह व्यवहार करना चाहिए था. भाजपा सांसद ने अग्निवीर योजना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर प्रत्येक पर्यटक ने अग्निवीर का प्रशिक्षण लिया होता तो वे आतंकवादियों को घेर सकते थे और जान गंवाने वाले लोगों की संख्या भी कम होती.

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