कांग्रेस में हो विकेंद्रित व्यवस्था, ताकि सारे निर्णय दिल्ली से ही न लिए जाएं : थरूर

लखनऊ/नयी दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि थरूर ने पार्टी में विकेंद्रीकरण पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि यह इसलिए जरूरी है ताकि सारे निर्णय दिल्ली से ही न लिए जाएं. थरूर ने पार्टी के अपने कुछ साथियों पर पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में नेतागीरी करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर किसी के मन में कोई डर या संदेह हो तो उनके लिए पार्टी का यह स्पष्टीकरण काफी है कि अध्यक्ष पद के लिए गुप्त मतदान होगा.

पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों से वोट मांगने आए थरूर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि चाहे वह चुनाव जीतें या फिर उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खरगे विजयी हों, लेकिन जीत कांग्रेस की होनी चाहिए.
प्रांतीय कांग्रेस कमेटियों के प्रतिनिधियों की राय को भी महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस में विकेंद्रीकरण की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि सारे निर्णय दिल्ली से ही न लिया जाएं.” थरूर ने यह भी कहा कि पार्टी के अध्यक्ष तक सभी की पहुंच होनी चाहिए और यह व्यवस्था हर स्तर पर लागू की जानी चाहिए.

उन्होंने पार्टी के उदयपुर घोषणापत्र को लागू करने की जरूरत दोहराते हुए कहा कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ की व्यवस्था अमल में लाई जानी चाहिए. थरूर ने खरगे गुट पर निशाना साधते हुए कहा, “मैं जानता हूं कि मेरे कुछ साथी नेतागीरी में पड़े हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि उन्हें पता है कि सोनिया गांधी क्या चाहती हैं और किसे (अध्यक्ष बनाना) चाहती हैं. इस तरह की नेतागीरी सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है. यह अनेक राज्यों में फैली है. क्या आपको (पार्टी कार्यकर्ताओं) उन सोनिया गांधी की जुबान पर भरोसा नहीं है, जो पार्टी चला रही हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि आप चुनाव लड़ें और हम (गांधी परिवार) तटस्थ रहेंगे.”

उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी के मुख्य चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री को निर्देश दिए हैं कि वे पार्टी की तरफ से कहें कि गांधी परिवार (चुनाव में) तटस्थ है और उसका कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है, लिहाजा अगर किसी के मन में कोई डर या शंका है तो उसके लिए मिस्त्री का बयान काफी है जिसमें गुप्त मतदान की बात कही गई है. थरूर ने यह भी कहा कि वह पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी नहीं चाहते.

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं. इसके लिए मतदान 17 अक्टूबर को होगा और 19 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे. इस चुनाव प्रक्रिया में 9,300 प्रतिनिधि वोट डालेंगे. उत्तर प्रदेश में इन प्रतिनिधियों की संख्या 1,250 है.

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के कारण के बारे में पूछने पर थरूर ने कहा, “पिछले 22 वर्षों से पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव नहीं हुआ है. इस बार पार्टी कार्यसमिति ने चुनाव कराने का निर्णय लिया. राहुल गांधी ने न तो चुनाव लड़ने और न ही पार्टी में कोई पद लेने की इच्छा व्यक्त की. एक मजबूत कांग्रेस देश की जरूरत है और मुझे लगा कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए. हम देश की जनता को दिखाएंगे कि कांग्रेस बदलाव के लिए तैयार है.” थरूर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें पूरी ‘हिम्मत’ के साथ चुनाव लड़ने की सलाह देते हुए कहा कि उनका परिवार इस चुनाव से तटस्थ रहेगा. उन्होंने कहा कि सोनिया ने मतदाताओं से आग्रह किया है कि वे अपने दिल की आवाजÞ पर वोट देकर नया कांग्रेस अध्यक्ष चुनें.

थरूर ने कहा कि गांधी परिवार कांग्रेस के साथ पिछली एक सदी से जुड़ा है और “उनका खून हमारे डीएनए में है.” उधर, कांग्रेस अध्यक्ष पद के दूसरे प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कर्नाटक में कहा कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो वह निश्चित रूप से गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेंगे.

इस सवाल पर कि क्या वह थरूर के लिए कोई संदेश देना चाहेंगे, खरगे ने कहा, “मैं किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहता. वह (थरूर) अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. मैं उनके विचारों पर कोई बहस नहीं करना चाहता. यह हमारे संगठन या परिवार का मामला है. थरूर जो चाहे कह सकते हैं. ठीक उसी तरह मैं भी अपनी बात रख सकता हूं. यह एक आंतरिक मित्रवत लड़ाई है.” भाषा सलीम नेत्रपाल

कांग्रेस चुनाव: थरूर की टीम ने मतपत्र में ‘1’ लिखने का मुद्दा उठाया, अब टिक का निशान लगाया जाएगा

कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर की टीम ने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण अध्यक्ष के साथ मतपत्रों पर पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे ‘1’ लिखने के विषय को उठाते हुए कहा कि इससे भ्रम पैदा हो सकता है जिसके बाद मतदाताओं को पसंदीदा प्रत्याशी के नाम के आगे ‘टिक’ का निशान लगाने को कहा गया है. सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी.

थरूर की टीम ने केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के उन दिशानिर्देश के विषय को उठाया जिसमें प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) के ‘डेलीगेट्स’ (निर्वाचित मंडल के सदस्य) को मतपत्र पर उनकी पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे ‘1’ लिखने को कहा गया है.
दरअसल मतपत्र में मल्लिकार्जुन खरगे का नाम क्रमांक ‘1’ पर और थरूर का नंबर ‘2’ पर है.

सूत्रों के मुताबिक थरूर की टीम द्वारा इस विषय को उठाये जाने के बाद केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें सूचित किया है कि अब पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे ‘1’ की जगह टिक का निशान मान्य होगा. मिस्त्री ने शनिवार को जारी मतदान दिशानिर्देशों में कहा था कि पीसीसी सदस्य मतपत्र पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे ‘1’ लिखेंगे और उसे मोड़कर मत पेटिका में डालेंगे.

सूत्रों के अनुसार थरूर की टीम ने इस विषय को मिस्त्री के साथ उठाया और कहा कि इस निर्देश से मतदाता भ्रमित हो सकते हैं क्योंकि खरगे का नाम क्रमांक ‘1’ पर है और थरूर का ‘2’ पर. मिस्त्री ने अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे ‘1’ लिखने के पीछे पार्टी के विधान का हवाला दिया था. मिस्त्री ने अंतत: रविवार दोपहर बाद थरूर की टीम को सूचित किया कि पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के आगे अब ‘1’ की जगह टिक का निशान लगाना होगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘ब्रेंिकग न्यूज: कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण ने बदलाव करके पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे ‘1’ लिखने के बजाय टिक लगाकर वोट देने का प्रावधान तय किया है. डेलीगेट्स कृपया संज्ञान लें- मेरे नाम के आगे के खाने में टिक का निशान लगाना जरूरी है.’’ थरूर की टीम ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत पार्टी पदाधिकारियों द्वारा खुलकर खरगे का समर्थन किये जाने का विषय भी पिछले दिनों उठाया था. कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मतदान सोमवार को होगा और मतगणना बुधवार को होगी.

कांग्रेस में बदलाव के लिए साहस जरूरी: शशि थरूर ने कांग्रेस के मतदाताओं से अंतिम अपील में कहा

मतदाताओं से ‘बदलाव अपनाने’ का साहस दिखाने का आ’’ान करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने रविवार को कहा कि वह जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं उनमें पार्टी के ‘मूल्य और निष्ठाएं’ ऐसी ही रहेंगी और केवल लक्ष्य पाने के तरीकों में परिवर्तन आएगा.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) के 9,000 से अधिक ‘डेलीगेट्स’ (निर्वाचित मंडल के सदस्य) से अपनी ‘अंतिम अपील’ में थरूर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुए उनके वार्तालापों से उन्हें महसूस हुआ कि कुछ प्रतिनिधियों को बदलाव के बारे में ंिचताएं या झिझक हो सकती हैं. इस चुनाव में थरूर ने जहां खुद को बदलाव लाने वाले उम्मीदवार के रूप में पेश किया है, वहीं अनेक वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के साथ खरगे को ‘अनधिकृत आधिकारिक उम्मीदवार’ माना जा रहा है.

थरूर ने ट्विटर पर एक वीडियो में अपनी अपील में कहा, ‘‘हमारे जैसे बड़े संगठन में बदलाव को लेकर ंिचताएं स्वाभाविक हैं, इसलिए मैं सीधे तौर पर इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिन में हमने जो बातचीत की हैं, मैंने महसूस किया कि आपमें से कई ने अभी तक अपना मन नहीं बनाया है (कि किसे वोट देना है). मेरा मानना है कि मेरा विकेंद्रीकरण, आधुनिकीकरण और समावेश का संदेश आपको प्रभावित कर सकता है, लेकिन फिर भी आपके मन में परिवर्तन को लेकर ंिचताएं और संकोच हैं.’’

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