
दुबई/वाशिंगटन. अमेरिका ने ईरान के फोर्दो परमाणु प्रतिष्ठानों पर रविवार को हमला किया जिससे पहाड़ के नीचे बने भूमिगत परमाणु स्थल का प्रवेश क्षतिग्रस्त हुआ है. यह जानकारी उपग्रह से प्राप्त तस्वीर में मिली है. ‘प्लैनेट लैब्स पीबीसी’ से प्राप्त तस्वीरों से पता चलता है कि भूरे रंग का पर्वत अब धूसर हो गया है. साथ ही इसकी आकृति पिछली तस्वीरों की तुलना में थोड़ी भिन्न दिखाई देती है, जिससे संकेत मिलता है कि विस्फोट के कारण इस स्थल के आसपास मलबा फैल गया है.
तस्वीरों से यह भी संकेत मिलता है कि परमाणु केन्द्र पर विशेष अमेरिकी बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया है. हवा में हल्के भूरे रंग का धुआं भी छाया हुआ है. ईरान ने अभी तक इस केन्द्र को पहुंचे नुकसान की जानकारी नहीं दी है. अन्य उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि ईरान ने हमले से पहले फोर्दो में सुरंग के प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया था.
इस बीच, वाशिंगटन में ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ के अध्यक्ष एयरफोर्स जनरल डैन केन ने पेंटागन में प्रेसवार्ता में कहा, ”अंतिम युद्ध क्षति (के आकलन) में कुछ समय लगेगा, लेकिन प्रारंभिक आकलन से संकेत मिलता है कि तीनों ठिकानों को अत्यधिक गंभीर क्षति पहुंची है और तबाही झेलनी पड़ी है.” केन ने कहा कि अभियन का लक्ष्य – फोर्दो, नतांज. और इस्फ.हान में परमाणु स्थलों को नष्ट करना – हासिल कर लिया गया है.
उन्होंने कहा कि रविवार को फोर्दो और दूसरे लक्ष्य पर हमले में 14 बमों का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि इस अभियान को “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” नाम दिया गया था. इसी प्रेस वार्ता में मौजूद अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इससे पहले कहा,”यह मिशन सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं था और न ही है.”
अमेरिका ने ईरान के फोर्दो संयंत्र पर ‘बंकर-बस्टर’ बम गिराए: ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ के अध्यक्ष
ईरान के खिलाफ इजराइल के युद्ध में खुद को शामिल करते हुए अमेरिका ने ईरान के फोर्दो परमाणु ईंधन संवर्धन संयंत्र पर अपने विशाल ‘बंकर-बस्टर’ बमों को गिराया जिसे इस संयंत्र को नुकसान पहुंचाने या नष्ट करने के तौर पर देखा जा रहा है. यह परमाणु संयंत्र पहाड़ के नीचे गहराई में बनाया गया है जो सप्ताहभर से जारी इजराइल के आक्रमण के दौरान अछूता रहा. ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ के अध्यक्ष और वायु सेना के जनरल डैन केन ने कहा कि रविवार को फोर्दो और दूसरे लक्ष्य पर हमले में 14 बमों का इस्तेमाल किया गया.
अमेरिका की सेना ही ही एकमात्र ऐसी सेना माना जाता है जो काफी गहराई में स्थित बंकरों को भेदने में सक्षम है. शनिवार को एशिया की ओर बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों की उड़ान ने ईरान में अमेरिका की संभावित गतिविधि का संकेत दे दिया था. इजराइली नेताओं ने अपनी उम्मीदों को छिपाया नहीं था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के खिलाफ उनके सप्ताहभर से जारी युद्ध में शामिल होंगे, हालांकि उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि उनके पास परमाणु केंद्रों को नष्ट करने की योजना है.
कुल मिलाकर अमेरिका ने तीन परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया. केन ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि ”युद्ध में क्षति के प्रारंभिक आकलन से संकेत मिलता है कि सभी तीन केंद्रों को अत्यधिक गंभीर नुकसान हुआ है.” इस मिशन के व्यापक परिणाम हो सकते हैं, जिसमें परमाणु कार्यक्रम पर ट्रंप की इच्छित वार्ता में ईरान के शामिल होने की संभावना को खतरे में डालना और अमेरिका को पश्चिम एशिया के एक और युद्ध में घसीटना शामिल है.
‘बंकर बस्टर’ एक व्यापक शब्द है जिसका इस्तेमाल उन बमों का वर्णन करने के लिए किया जाता है जिन्हें इस तरह तैयार किया गया है कि वे विस्फोट से पहले सतह के नीचे गहराई तक घुसते हैं. इस मामले में यह अमेरिकी शस्त्रागार के नवीनतम ‘जीबीयू-57 ए/बी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम’ को संर्दिभत करता है.
अमेरिकी वायु सेना के अनुसार, लगभग 30,000 पाउंड वजनी और सटीकता के साथ निशाना साधने वाला यह निर्देशित बम गहराई में स्थित कठोर बंकरों और सुरंगों पर हमला करने के लिए तैयार किया गया है. ऐसा माना जाता है कि यह विस्फोट से पहले सतह से लगभग 200 फुट नीचे घुसने में सक्षम है. खास बात यह कि एक के बाद एक कई बमों को एक जगह गिराया जा सकता है, जिससे प्रत्येक क्रमिक विस्फोट के साथ प्रभावी रूप से और अधिक गहराई में स्थित लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है.