मंदिर में प्रवेश करने पर एक दलित को गालियां देने पर द्रमुक पदाधिकारी पार्टी से निलंबित

बरेली में भंडारे से अनुसूचित जाति के लोगों को भगाया, तीन पर मामला दर्ज

सलेम/बरेली. सलेम जिले में मंदिर में प्रवेश करने पर एक दलित को गालियां देते हुए कैमरे में कैद हुए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के एक पदाधिकारी को सोमवार को पार्टी ने निलंबित कर दिया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सलेम दक्षिण के यूनियन के सचिव टी मणिकम को एक स्थानीय मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति को गालियां देते हुए सुना जा सकता है. मणिकम को इस व्यक्ति के पिता को भी गालियां देते हुए सुना जा सकता है.

वीडियो में मणिकम कहते हैं, ‘‘ आधे तो मंदिर आना भी नहीं चाहते हैं…… तुमलोग भूमिगत कार्य कर रहे हो, जबकि मैं नौकरियां सुरक्षित करने की कोशिश कर रहा हूं. ’’ इस मंदिर का प्रबंधन तमिलनाडु हिंदू धार्मिक एवं परमार्थ धर्मादा विभाग करता है. राज्य में द्रमुक सत्तासीन है.

द्रमुक महासचिव दुरैमुरुगन ने एक बयान के माध्यम से घोषणा की कि मणिकम को पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन करने को लेकर निलंबित कर दिया गया है. इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने वीडियो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ एक द्रमुक सांसद को कल मंदिर गिराये जाने पर गर्व महसूस करते हुए देखा गया और हम तमिलनाडु के सलेम जिले में एक द्रमुक जिला पदाधिकारी को अनुसूचित जाति समुदाय के भाइयों एवं बहनों को मंदिर में प्रवेश करने से रोकते हुए देख रहे हैं. यह सामाजिक न्याय का द्रमुक मॉडल है.’’

बरेली में भंडारे से अनुसूचित जाति के लोगों को भगाया, तीन पर मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की आंवला तहसील के राजपुर कलां गांव में श्रीमद्भागवत पाठ के समापन पर हुए सार्वजनिक भंडारे में प्रसाद खाने पहुंचे अनुसूचित जाति के लोगों को आयोजकों कथित रूप से भगा दिया. रविवार की देर रात पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है .

बरेली के देहात पुलिस अधीक्षक राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में रविवार देर रात मामला दर्ज किया कर लिया गया है और इसकी विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी दीप शिखा को दी गयी है . पुलिस ने बताया कि मामला 26 जनवरी का बताया जा रहा है. इस दिन गांव में काली मंदिर परिसर पर श्रीमद्भागवत पाठ के अंतिम दिन भंडारा हुआ था और इसमें सभी जाति वर्ग के ग्रामीणों ने चंदा देकर सहयोग किया था.

उन्होंने बताया कि इसलिए अनुसूचित जाति के लोग भी भंडारे में पहुंचे, लेकिन उन्हें अलग बैठने को कहा गया, जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया. उन्होंने बताया कि आरोप है कि उन्हें वहां से भगा दिया गया. जानकारी मिलने पर रविवार को भीम आर्मी के बरेली मंडल के पूर्व संभाग प्रभारी अजय प्रधान पदाधिकारियों संग गांव पहुंचे.

पदाधिकारियों ने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा, इस पर पुलिस ने रविवार देर रात तीन सगे भाई सुंदरलाल, रोशन मौर्य तथा नन्हे मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय पुलिस के अनुसार पहले दिन तहरीर मिलने पर दूसरे पक्ष को बुलाकर जांच कराई गई थी, तब आरोपी पक्ष ने बताया था कि उन्होंने इन लोगों को सम्मान के साथ अलग बैठाया था, भगाया नहीं था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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