ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल के पीए से पूछताछ की

नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार से बृहस्पतिवार को पूछताछ की. अधिकारियों ने बताया कि कुमार ने यहां संघीय जांच एजेंसी के समक्ष बयान दर्ज कराया और जांचकर्ताओं ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया.

ऐसा माना जा रहा है कि उनसे अदालत के समक्ष ईडी के उन आरोपों के संबंध में पूछताछ की गयी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बिभव कुमार समेत कम से कम 36 आरोपियों ने कथित घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ के सबूत छिपाने के लिए 170 फोन ‘‘नष्ट किए या उनका इस्तेमाल किया’’. एक स्थानीय अदालत में दाखिल ईडी के आरोपपत्र के अनुसार, बिभव के मोबाइल नंबर का आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल एक्विपमेंट आइडेंटिटी) सितंबर 2021 से जुलाई 2022 के बीच चार बार बदला गया.

एजेंसी द्वारा कुमार से आबकारी नीति 2021-22 बनाए जाने की प्रक्रिया के दौरान हुई बैठकों और इन बैठकों में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ किए जाने की संभावना है. ईडी ने दूसरे आरोपपत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री को नामजद करते हुए दावा किया था कि पहले सिसोदिया के सचिव रहे दानिक्स अधिकारी सी अरंिवद ने पीएमएलए के तहत दर्ज कराए अपने बयान में कहा था कि उन्हें आबकारी नीति में मंत्री समूह की रिपोर्ट मार्च 2021 के बीच में दी गयी जब उनके बॉस (सिसोदिया) ने उन्हें केजरीवाल के आवास पर बुलाया था.
ईडी ने इस मामले में अभी तक दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं और कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.

ईडी ने अदालत में दिए आरोपपत्र में आरोप लगाया कि दिल्ली आबकारी नीति के तहत कथित तौर पर ली गयी 100 करोड़ रुपये की ‘‘रिश्वत’’ का ‘‘इस्तेमाल’’ अरंिवद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी के 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में किया गया. आबकारी नीति 2021-22 पिछले साल अगस्त में रद्द की गयी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कथित अनियमितताओं की जांच करने के लिए कहा. ईडी के धन शोधन का मामला सीबीआई की प्राथमिकी से निकला है.

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