इंटरपोल नोटिस जारी होने के बावजूद केरल के आठ भगोड़े वर्षों से फरार

तिरुवनंतपुरम. इंटरपोल से कई साल पहले रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किए जाने के बावजूद तीन वांछित आतंकवादियों एवं एक महिला समेत केरल के आठ भगोड़े अब भी फरार हैं. इन आरोपियों में हत्या के मामले में कभी पकड़ में नहीं आया सुकुमारन कुरुप और जांच एजेंसी को चकमा देकर फरार हुई डॉ. ई ओमाना जैसे कुख्यात भगोड़े शामिल हैं.

इनमें से कई आरोपियों के खिलाफ कई साल पहले रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए गए थे और कई के खिलाफ तो दशकों पहले ये नोटिस  जारी किए गए थे, लेकिन ये अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी की पकड़ से अब भी परे हैं. इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए जाने के बाद अपराधियों की जानकारी दुनिया भर के हवाई अड्डों पर आव्रजन अधिकारियों के साथ साझा की जाती है, जिससे उनके लिए एक देश से दूसरे देश की यात्रा करना असंभव हो जाता है.

दिल्ली में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का एक इंटरपोल प्रभाग भारत से जारी किए गए रेड कॉर्नर नोटिस पर नजर रखता है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारी जांच एजेंसी जब आरोपी के ठिकाने का पता लगा लेती हैं, तो यह प्रभाग अन्य देशों से इस संबंध में सूचना साझा करता है, लेकिन कई देश जवाब ही नहीं देते.’’ उन्होंने कहा कि भगोड़ों की सूचना के आदान-प्रदान के संबंध में कई शर्तें हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘‘यानी तकनीकी रूप से केवल कागजी कार्रवाई होती है और अन्य देशों से कोई भी ठोस जानकारी मिलना मुश्किल होता है.’’ संसद में सरकार ने कहा था कि रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल द्वारा जारी किया जाता है और इसका उद्देश्य विदेश में किसी व्यक्ति के ठिकाने का त्वरित पता लगाना और उसकी गिरफ्तारी को संभव करना होता है तथा इसका लक्ष्य उस राष्ट्रीय एजेंसी / प्राधिकरण को सूचना प्रदान करना होता है जिसके अनुरोध पर नोटिस जारी किया गया था.

ऐसा जरूरी नहीं है कि नोटिस जारी होने पर भगोड़े अपराधी का प्रत्यर्पण हो. इसके लिए एक अलग कानूनी प्रक्रिया है. इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस सूची में केरल के जिन आरोपियों के नाम शामिल हैं, उनमें खतरनाक हथियारों के साथ दंगा करने और हत्या के प्रयास का आरोपी मोहम्मद हनीफा (45), हत्या का आरोपी सुधीन कुमार श्रीधरन (56), हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोपी सुकुमारन शिवराम कुरुप (74) और आपराधिक साजिश रचने एवं धोखाधड़ी का आरोपी चेरियावीट्टिल सिद्दिकी (44) शामिल है.

इस सूची में आतंकवाद के आरोपी कोचुपीदिकायिल साबिर (42) और चनमपरंबिल मोहम्मद बशीर (61), हत्या आरोपी कोलांजना मोहम्मद रफीक (34) और अपहरण, हत्या एवं सबूत नष्ट करने की आरोपी डॉ. ई ओमाना (69) शामिल है. केरल का सबसे कुख्यात भगोड़ा कुरुप हत्या के एक मामले में 1984 से फरार है. इसके अलावा 1996 में अपने पूर्व प्रेमी की हत्या करने के बाद उसके शरीर के कई टुकड़े करने की आरोपी डॉ. ओमाना पिछले 16 साल से फरार है. वह हत्या के इस मामले में चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) की जेल में कुछ दिन रही थी, लेकिन जमानत मिलने के बाद फरार हो गई.

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