
नयी दिल्ली/हैदराबाद/प्रयागराज/जम्मू. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी दादी एवं भाजपा नेता दिवंगत विजयाराजे सिंधिया और आपातकाल का उल्लेख करते हुए बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधा, जिसको लेकर मुख्य विपक्षी दल ने पलटवार किया और कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ”दुष्प्रचार” फैलाते समय अपने पिता माधवराव सिंधिंया को नहीं भूलना चाहिए.
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि क्या सिंधिया ने अपने पिता माधवराव सिंधिया से कभी नहीं पूछा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विरोधी क्यों थे? संचार मंत्री सिंधिया ने आपातकाल की बरसी के मौके पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विजयराराजे सिंधिया की प्रशंसा किए जाने का एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा किया.
सिंधिया ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”मेरी पूज्य आजी अम्मा, श्रद्धेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी ने राजपथ को त्याग कर लोकपथ की राह चुनी थी. लोकतंत्र और जनसेवा के प्रति उनकी निष्ठा ने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी. आपातकाल के दिनों में भी लोकतंत्र की पुनस्र्थापना के लिए उन्होंने संघर्ष किया.” उन्होंने दावा किया, ”तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन्हें कई तरह की यातनाएं दी और अत्याचार किए. उनको जेल में भी डाला गया, लेकिन वह न झुकीं, न दबीं और न टूटीं. लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के सम्मान के लिए वह अडिग रहीं.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”उनके विराट व्यक्तित्व और कृतित्व पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचार हम सभी के लिए प्रेरणादायक है.” खेड़ा ने सिंधिया पर पलटवार करते हुए कहा, ”पूज्य पिताजी का भी तो ज.क्रि करिए. कभी महाराज या भाजपा के दुष्प्रचार को फैलाने के लिए उन्हें भुला ही देंगे? दिवंगत माधवराव सिंधिया जी 1980 की इंदिरा सरकार में सांसद बने.”
उन्होंने कहा, ”आपने कभी अपने पिताजी से नहीं पूछा कि वो संघ के विरोधी क्यों थे? वह आपातकाल के विरोध में संघ का समर्थन क्यों नहीं करते थे?” ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले कांग्रेस में थे, लेकिन 2020 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे. वर्तमान में वह मोदी सरकार में मंत्री हैं. उनके पिता माधवराव सिंधिया 1980 और 1990 के दशक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल थे. उनकी दादी विजयराजे भाजपा के संस्थापकों में से एक थीं.
भाजपा ने ‘अघोषित आपातकाल’ वाले बयान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की आलोचना की
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आलोचना की और कहा कि मुख्य विपक्षी दल ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाये जाने से घबरा गया है क्योंकि इसने 50 साल पहले इंदिरा गांधी सरकार द्वारा किये गये अत्याचारों की यादें ताजा कर दी हैं.
इस पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ खरगे की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि कांग्रेस इस बात से परेशान है कि देश 50 साल पहले इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल को ‘काला ??दिवस’ के रूप में मना रहा है, क्योंकि इससे उस समय किए गए अत्याचारों की यादें ताजा हो गई हैं.
पात्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बिना किसी कैबिनेट निर्णय के आपातकाल लागू कर दिया था. रातों-रात करीब डेढ़ लाख लोगों को जेल में डाल दिया गया था. मीडिया संस्थानों की बिजली काट दी गई थी ताकि अखबारों में सच न छप जाए. कई लोगों ने यातनाओं के कारण मौत को गले लगा लिया था. तब यही स्थिति थी.”
उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इतिहास को कभी नहीं भूलना चाहिए और इससे सबक लेना चाहिए, भाजपा तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल को ‘काला ??दिवस’ के रूप में प्रस्तुत करके लोगों को आपातकाल की अवधि के बारे में जागरूक करने का प्रयास कर रही है.
खरगे पर मोदी सरकार के खिलाफ टिप्पणी करके देश के लोकतंत्र का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए पात्रा ने कहा, ”यह साफ दिख रहा है कि कांग्रेस बौखला गई है.” भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस लोकतंत्र की महिमा को कैसे समझेगी, जब उसमें ही लोकतंत्र नहीं है. पिछले साल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि मोदी सरकार 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाएगी, ताकि आपातकाल के दौरान ”अमानवीय पीड़ा” सहने वालों के व्यापक योगदान को याद किया जा सके.
आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की ‘हत्या’ हुई, अब राहुल देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे: कुमार
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने की आलोचना करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि उनके पोते राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर यह दावा करके देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या की गई, लोगों की आवाज दबा दी गई, विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया और इस पर सवाल उठाने वाले विपक्षी सांसदों की सदस्यता तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने रद्द कर दी थी.
उन्होंने याद दिलाया कि अविभाजित आंध्र प्रदेश में आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और जनसंघ के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें वी रामा राव, जुपुडी यज्ञ नारायण, पी वी चलपति राव, पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और त्रिपुरा के वर्तमान राज्यपाल एन इंद्रसेन रेड्डी शामिल थे. संजय कुमार ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर अपनी सत्ता बचाने की कोशिश की, वहीं उनके पोते और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता की खातिर विदेशी धरती पर यह बयान देकर देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है.
‘नकली समाजवादी आपातकाल लगाने वालों की गोद में बैठ गए’: केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने देश में आपातकाल लगाये जानी की 50वीं बरसी पर बुधवार को विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि नकली समाजवादी आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी की गोद में बैठ गए हैं. मौर्य ने यहां ‘र्सिकट हाउस’ में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए, “आपातकाल के समय असली समाजवादी लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे थे. कांग्रेस के खिलाफ लोक नायक जयप्रकाश नारायण, जार्ज फर्नांडीस, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद इस आंदोलन का हिस्सा थे.” उन्होंने कहा, “जो कांग्रेस की गोद में बैठ गया, वह कांग्रेस की तरह ही हो गया. लोकतंत्र की हत्या करने वाली, इस देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी के साथ जो खड़ा है, उसे कांग्रेस ही समझना चाहिए.” उपमुख्यमंत्री ने कहा, “संविधान में आपातकाल लगाने की व्यवस्था है और वह भी तब जब देश संकट में हो. लेकिन उस समय देश पर संकट नहीं था, बल्कि गांधी परिवार की सत्ता पर संकट था.”
उन्होंने कहा, “इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश पर इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया गया था. न्यायपालिका का इतना साहस कैसे कि इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया जाए. उस समय भारत का मतलब कांग्रेस और इंदिरा गांधी था. कांग्रेस ने सत्ता को बचाने के लिए देश में आपातकाल लगाया, जो कांग्रेस के अहंकार का सूचक है.”
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “कांग्रेस ने सत्ता का दुरुपयोग कर वह कार्य किया, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था. अब कांग्रेस मुक्त भारत और सपा मुक्त प्रदेश बनाने का समय आ गया है. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में संविधान के हत्यारों के साथ सपा ने गठबंधन किया और प्रतिपक्ष के नेता के संविधान की किताब लेकर जनता को गुमराह किया.”
आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे अमानवीय कृत्य था : मनोज सिन्हा
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को आपातकाल की 50वीं बरसी पर जम्मू में एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और कहा कि अगर लोग युवा पीढ़ी को सही संदेश देने में सफल हो जाएं तो फिर देश में तानाशाही कभी नहीं आएगी. उन्होंने आपातकाल को ”भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे अमानवीय कृत्य” करार देते कहा कि आज ‘संविधान हत्या दिवस’ का आयोजन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि का भी अवसर है.
सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ”मेरा मानना ??है कि नयी पीढ़ी को इस काले अध्याय के बारे में पता होना चाहिए, जब लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था. अगर हम उन्हें और लोगों को यह संदेश देने में सफल हो जाते हैं, तो मेरा मानना है कि इस देश में फिर कभी कोई तानाशाह नहीं आएगा और लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा.” उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले दौर में देश की आत्मा को कुचल दिया गया, नागरिकों की स्वतंत्रता पर हमला किया गया, संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया गया और राष्ट्र निर्माण के सपनों को दफन कर दिया गया.
आपातकाल के पीड़ितों को सम्मानित करते हुए सिन्हा ने कहा, “हमें अपने लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने और अपने देश की वृहद सफलता के लिए पूर्ण समर्पण के साथ काम करने का संकल्प लेना चाहिए.” उन्होंने कहा, ”मैं आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे अमानवीय कृत्य मानता हूं और आज का ‘संविधान हत्या दिवस’ लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक नैतिकता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के गहन चिंतन का अवसर भी है.”