पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह को अग्रिम जमानत मिली

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी को सशर्त मंजूरी दे दी है. अमन सिंह के अधिवक्ता विवेक शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी को सशर्त मंजूर कर लिया है. न्यायालय ने पिछले दिनों मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर शुक्रवार को आदेश जारी किया गया.

शर्मा ने बताया कि रायपुर की अदालत में अमन सिंह और उनकी पत्नी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में शरण ली थी. इस प्रकरण में 20 मार्च को अंतिम सुनवाई हुई थी. राज्य शासन की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतोदास और सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा की ओर से जमानत देने का विरोध किया गया था.

उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता अमन सिंह और उनकी पत्नी की ओर से जबलपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे, अभिषेक सिन्हा और विवेक शर्मा ने बहस की. उनका तर्क था राज्य शासन राजनीतिक दुर्भावनावश कार्य कर रहा है जबकि याचिकाकर्ता ने अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत कर दिया है, जिसमें आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बनता है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है. विगत छह मार्च को वह ईओडब्ल्यू और एसीबी के समक्ष पेश भी हुए जहां उन्होंने सभी प्रश्नों के जवाब दिया है. अधिवक्ता शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय में जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की एकल पीठ के समक्ष 20 मार्च को मामले की अंतिम सुनवाई हुई. सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत अर्जी को सशर्त मंजूर कर लिया. न्यायालय ने दोनों याचिकाकर्ताओं को दो-दो लाख रुपयों का व्यक्तिगत बांड प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि आवेदक जांच एजेंसी और प्रकरण की सुनवाई के दौरान निचली अदालत को सहयोग करेंगे.

उन्होंने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा की शिकायत पर अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू और एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. इसे निरस्त करने के लिए अमन सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए एसीबी और ईओडब्ल्यू की ओर से दर्ज आपराधिक प्रकरण को निराधार मानते हुए इसे निरस्त करने का आदेश दिया था.

शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राज्य शासन और शिकायतकर्ता उचित शर्मा ने उच्चतम न्यायालय में अपील की थी. उच्चतम न्यायालय ने अपील को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले को निरस्त कर दिया था और अमन सिंह को तीन सप्ताह तक की अंतरिम राहत देते हुए राज्य शासन को इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिये थे.

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