अदालतों में ‘छुट्टियों की छुट्टी’ करने पर विचार करे सरकार: सुशील मोदी

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में ग्रीष्मकालीन और दशहरा अवकाश की व्यवस्था को अंग्रेजों के जमाने की परंपरा बताते हुए बुधवार को केंद्र सरकार से ऐसी ‘‘छुट्टियों की छुट्टी’’ पर विचार करने का आग्रह किया.

राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थतम केंद्र संशोधन विधेयक, 2022 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मोदी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में लाखों की संख्या में मामले लंबित हैं जबकि निचली अदालतों में चार करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था में देरी होने और उसके खर्चीले होने की वजह से आम जनता का न्यायापालिका पर से भरोसा उठता जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वैकेशन का सिस्टम है. ंिहदुस्तान में कहीं भी वैकेशन का कोई प्रावधान नहीं है. अगर कोई आदमी काम करता है तो उसे साल में 50 या 60 छुट्टियां मिलती हैं और इसके प्रावधान हैं. लेकिन ऐसा नहीं होता कि सचिवालय महीने के लिए बंद कर दिया गया हो.’’ मोदी ने कहा कि भारत के अंदर एक ऐसी पद्धति को स्वीकार कर लिया गया है कि उच्चतम न्यायालय र्गिमयों में डेढ़ महीने और जाड़े में 20 दिन बंद रहेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘आज देश के अंदर सारी संस्थाएं, सारे कार्यालय 365 दिन काम करते हैं. और अगर किसी को छुट्टी चाहिए… यानी एक आदमी छुट्टी पर जाएगा तो दूसरा आदमी काम करेगा, अगर दूसरा आदमी छुट्टी पर जाएगा तो तीसरा आदमी काम करेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई कह सकता है कि वैकेशन वेंच काम करता है लेकिन वैकेशन बेंच में कितना काम होता है, यह हम सब लोग जानते हैं.’’ भाजपा सदस्य ने इसे ब्रिटिश परंपरा बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ऐसी चीजों को समाप्त करने का आ’’ान किया है.

उन्होंने कहा कि आजादी के पहले उस जमाने में न्यायाधीश अंग्रेज होते थे और उन्हें भारत की गर्मी बर्दाश्त नहीं होती थी.
उन्होंने कहा कि उस समय हवाई जहाज नहीं चलता था तो उन्हें पानी के जहाज से इंग्लैंड जाने में एक महीना और लौटने में एक महीना लगता था और महीना छुट्टियां बिताने में लग जाते थे. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वैकेशन की जो परंपरा प्रारंभ हुई, खासकर स्कूलों में और अदालतों में, इस ब्रिटिश परंपरा की जड़ें वहां पर है.’’ उन्होंने कहा कि एक और आश्चर्य की बात है कि निचली अदालतों में किसी प्रकार की ‘वैकेशन’ नहीं है.

सुशील मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपके माध्यम से कहना चाहूंगा कि ‘वैकेशन वैकेट’ यानी छुट्टियों की छुट्टी करो. छुट्टियों के लिए छुट्टी की आवश्यकता नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू बहुत ही क्रांतिकारी मंत्री हैं और वह सुधार के भी बहुत सारे काम कर रहे हैं. उन्होंने रीजीजू से आग्रह किया, ‘‘इस विषय को भी कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसके बारे में विचार करना चाहिए.’’ भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अविनाश

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