क्या राहुल गांधी कांग्रेस के षडयंत्र का शिकार हुए? : अनुराग ठाकुर

राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना भारत का आंतरिक मामला: अनुराग ठाकुर

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को सवाल किया कि जब राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया गया था, तब कांग्रेस का कोई प्रतिष्ठित वकील उनकी मदद के लिए आगे क्यों नहीं आया, जिसके कारण उन्हें संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया.

ठाकुर ने ‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया डिजिटल फेस्ट’ को संबोधित करते हुए गांधी को ‘बेलगाम’ और ‘आदतन अपराधी’ करार दिया जिनके खिलाफ शीर्ष अदालत द्वारा आगाह किए जाने के बाद भी विभिन्न अदालतों में मानहानि के सात मामले दर्ज हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने में न तो सरकार और न ही लोकसभा सचिवालय की कोई भूमिका है.

ठाकुर ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल कैद की सजा सुनाए जाने के साथ ही वह अयोग्य घोषित हो गए. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आश्चर्य जताया कि कांग्रेस द्वारा राज्यसभा में भेजे गए किसी भी प्रतिष्ठित वकील से गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में कोई मदद क्यों नहीं मिल सकी.

ठाकुर ने कहा, ‘‘क्या यह जानबूझकर किया गया था? क्या कांग्रेस के भीतर कोई साजिश है? हैरानी की बात है कि वकीलों की एक पूरी फौज एक घंटे के अंदर पवन खेड़ा के बचाव में आ गई. कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में अदालत का रुख क्यों नहीं किया? यह एक बड़ा सवाल है.’’ केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया, ‘‘ये कौन लोग हैं जिन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ साजिश रची?’’ ठाकुर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में लिखित माफीनामा जारी करने के बाद भी राहुल गांधी समुदायों, लोगों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसे संगठनों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते रहे.

उन्होंने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक पत्रकार को झिड़कने और उसके सवालों का जवाब ना देने के लिए भी गांधी की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग नहीं जानते कि जिस पत्रकार से गांधी ने बात की थी, उसने 15 साल तक कांग्रेस पार्टी को कवर किया है. उन्होंने पत्रकार पर निशाना साधा और फिर भी वह प्रेस की स्वतंत्रता की बात करते हैं.’’

ठाकुर ने इन बातों को खारिज कर दिया कि भाजपा गांधी को लेकर अति-जुनूनी है और कहा कि यह कांग्रेस है जो गांधी परिवार के प्रभाव से बाहर नहीं आ पाई है. उन्होंने कांग्रेस पर संसद के मौजूदा बजट सत्र को पटरी से उतारने का भी आरोप लगाया क्योंकि उसे एहसास हुआ कि भाजपा विदेशी धरती पर ‘भारत को बदनाम’ करने वाली राहुल गांधी की टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगने पर जोर देगी.

मंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि भाजपा सरकार अडाणी मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में है और कहा कि एसबीआई, एलआईसी, आरबीआई, सेबी ने इस मामले पर बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है और उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की जांच चल रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. हमारे संस्थान मजबूत हैं. हमें उन पर भरोसा करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो सब कुछ अस्त-व्यस्त हो जाता.’’ ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना की और दावा किया कि वह गांधी परिवार से ग्रस्त है और राष्ट्र पर उन्हें प्राथमिकता देती है. उन्होंने कहा, ‘‘2013 से 12 सांसदों ने आपराधिक कृत्य में शामिल होने के कारण अपनी संसद सदस्यता खो दी है. लेकिन कांग्रेस देश की न्यायपालिका और जनता तथा संसद की कार्यवाही पर केवल एक परिवार को प्राथमिकता देती है.’’

राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना भारत का आंतरिक मामला: अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को एक अमेरिकी अधिकारी की इस टिप्पणी को खारिज कर दिया कि वांिशगटन राहुल गांधी के अदालती मामले को देख रहा है और कहा कि कांग्रेस नेता को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना भारत का आंतरिक मामला है.

‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया डिजिटल फेस्ट’ में भाग लेते हुए ठाकुर ने यह भी कहा कि अमेरिकी अधिकारी ने एक सामान्य बयान दिया था.
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा आंतरिक मामला है. कोई भी उच्चतम न्यायालय से ऊपर नहीं है. न्यायिक और संवैधानिक संस्थाएं हैं. उन्होंने (अमेरिका ने) सामान्य बयान दिया है.’’ गुजरात में सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराया था तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. इसके अगले दिन 24 मार्च को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया.

अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा था, ‘‘कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता का सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है. हम भारतीय अदालतों में श्री गांधी के मामले को देख रहे हैं. हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अपने भारतीय सहयोगियों के साथ हमारी बातचीत में, हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मानवाधिकारों के संरक्षण के महत्व को रेखांकित करना जारी रखेंगे.’’

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