सैनिकों, उनके परिजन की सहायता में दान की नहीं बल्कि कृतज्ञता की भावना आनी चाहिए : राजनाथ

नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्र की प्रगति की यात्रा में समय आ गया है कि देशवासी देश को कुछ वापस दें. सिंह ने लोगों से देश की प्रगति की इस यात्रा में खुद को ‘मुक्त सवार’ नहीं बल्कि ‘जिम्मेदार सवार’ समझने का आ’’ान किया. सिंह ने यहां युद्ध स्मारक परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वेबसाइट ‘मां भारती के सपूत’ (एमबीकेएस) की शुरुआत करते हुए अपने संबोधन के दौरान यह बात कही.

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ यह हमारा नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है कि हम शहीदों के परिवारों और घायल सैनिकों की सहायता करें क्योंकि सैनिकों ने देश के लिए जो किया है उसे हम कभी चुका नहीं सकते.’’ वेबसाइट के जरिये लोग ‘सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष’ (एएफबीसीडब्ल्यूएफ) में योगदान दे सकेंगे.

सिंह ने कहा, ‘‘सैनिकों और उनके परिजन की सहायता करने में दान की नहीं बल्कि कृतज्ञता की भावना आनी चाहिए.’’ सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एएफबीसीडब्ल्यूएफ एक कोष है, जिसका उपयोग सैन्य अभियानों में शहीद या गंभीर रूप से घायल होने वाले सैनिकों, नौसैनिकों और वायुसैनिकों के परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है.

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