डोकलाम में आधारभूत ढांचे के विकास से जुड़ा कोई नया घटनाक्रम नहीं: पूर्वी सैन्य कमान के कमांडर

कोलकाता. पूर्वी सैन्य कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर. पी. कलिता ने शुक्रवार को कहा कि डोकलाम में चीन द्वारा कोई नया आधारभूत ढांचा नहीं बनाया जा रहा है. रणनीतिक रूप से अहम भूटान के डोकलाम में तीनों देशों की सीमाएं मिलती हैं. यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट के मद्दनजर आया है जिसमें कहा गया था कि चीन की सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) डोकलाम के पास टोरसा नाला में एक रोपवे का निर्माण कर रही है.

इस क्षेत्र में वर्ष 2017 के दौरान भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा. उन्होंने कहा कि यदि इस तरह का कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो इसे स्थानीय स्तर पर खुद ही हल कर लिया जाएगा. पूर्वी सैन्य कमान के जनरल आॅफिसर कमांंिडग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, ‘‘ जहां तक डोकलाम का संबंध है, तो आधारभूत ढांचा विकास को लेकर अभी तक कोई नया घटनाक्रम नहीं देखने को मिला है.’’ क्या चीन डोकलाम क्षेत्र के अपने हिस्से में पूरी सक्रियता के साथ सड़क, रोपवे समेत अन्य आधारभूत ढांचे को बना रहा है?

इसके जवाब में लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, ‘‘ इसके बाद से यहां एक ‘प्रोटोकॉल’ है जिसका पालन डोकलाम इलाके में दोनों पक्ष करते हैं और इसके अंतर्गत स्थानीय कमांडरों के बीच नियमित बातचीत होती रहती है ताकि दोनों तरफ कोई नया निर्माण नहीं हो.’’ भारतीय सेना को डोकलाम पठार के रणनीतिक महत्व का अंदाजा है. भारतीय सेना जानती है कि ऊंचाई पर स्थित डोकलाम क्षेत्र का इस्तेमाल संकरे सिलीगुड़ी गलियारे को निशाना बनाने के लिये किया जा सकता है जो कि भारत की मुख्य भूमि को पूर्वोत्तर से जोड़ता है.

 

 

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