इजराइल-हमास युद्ध पर भारत का रुख रचनात्मक: केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि इजराइल-हमास युद्ध पर भारत का रुख ‘रचनात्मक’ है और उन्होंने दो राष्ट्र के समाधान (टू-स्टेट सॉल्यूशन) पर जोर दिया. मंत्री ने हमास को एक ”आतंकवादी समूह” कारार देते हुए कहा कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है. पुरी ने जोर देकर कहा कि वह व्यक्तिगत हैसियत से यह बयान दे रहे हैं और उनका यह बयान भारत सरकार के रुख को नहीं दर्शाता है.

इस बीच, भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि गाजा संकट पर भारत का रुख पहले दिन से ही ‘उल्लेखनीय’ रहा है.
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को सख्त रुख अपनाना चाहिए और क्या उसका रुख यूक्रेन-रूस युद्ध और इजराइल-हमास युद्ध पर तटस्थ रहा है, तो इसपर पुरी ने कहा कि ”इजराइल पर हमास के हमले को लेकर भारत तटस्थ नहीं है और उसने इस आतंकवादी कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की”.

पुरी ने कहा, ” हमास एक आतंकवादी समूह है और उसने लोकतंत्र पर हमला किया है. हम इस संबंध में हमास के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई का समर्थन करते हैं. लेकिन हम फलस्तीनी लोगों के खिलाफ उसकी कार्रवाई का समर्थन नहीं करते, जहां 20 लाख लोग रहते हैं. किसी व्यक्ति को इन दोनों के बीच अंतर करना होगा.”

पुरी ने कहा, ”इसपर हमारा रुख रचनात्मक रहा है. हम आतंकवाद के खिलाफ हैं, क्योंकि इसने हमारे देश में भी तबाही मचाई है– हम समस्या के लिए ‘दो राष्ट्र’ के समाधान का सुझाव देते हैं, जिसमें फलस्तीन और इजराइल दोनों को अपने-अपने देश की स्थापना का अधिकार होना चाहिए.” रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष पर बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि इस युद्ध का ऊर्जा क्षेत्र पर बड़ा असर पड़ा है और समय के साथ भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ी है.

इस बीच, इजराइली राजदूत गिलोन ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में गाजा संकट पर भारत के रुख को पहले दिन से ही ‘उल्लेखनीय’ करार दिया. उन्होंने खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का जिक्र किया, जिसमें सात अक्टूबर को इजराइल पर किये गये हमास के हमले की कड़ी निंदा की गई थी.

उन्होंने कहा कि इजराइल की सेना ने उत्तरी गाजा में भूमिगत सुरंग को छोड़कर हमास की अवसंरचना को पूरी तरह तबाह कर दिया है.
उन्होंने कहा कि इजराइली सेना का अब मौजूदा संघर्ष विराम के अंत में ध्यान गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से में भी हमास का सफाया करने पर होगा.

गिलोन ने कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के लगभग 15 साल बाद इजराइल द्वारा लश्कर-ए-तैयबा पर एक आतंकवादी समूह के रूप में प्रतिबंध लगाना एक ‘संकेत’ था. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद विरोधी सहयोग का विस्तार कर रहे हैं.
इजराइली राजदूत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करेगा और उनकी सरकार ने पहले ही नयी दिल्ली को उसके (हमास)खिलाफ सभी आवश्यक जानकारी प्रदान कर दी है.

सात अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइली शहरों पर हमले के कुछ दिनों बाद, इजराइल ने भारत से समूह को एक आतंकवादी संगठन घोषित करने की अपील की थी, जैसा कि कई अन्य देशों ने किया था. जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत से इस बारे में कोई संकेत दिया गया है कि वह इजराइल के अनुरोध पर ध्यान देगा, तो गिलोन ने कहा, ”हमारी ओर से जो भी अपेक्षित था, हमने वह किया. अब यह भारत सरकार को फैसला करना है – क्या, कहां, कैसे, कितनी तेजी से.”

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