ईरान और इजराइल को समझौता करना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे मैंने भारत, पाकिस्तान के बीच कराया था: ट्रंप

न्यूयॉर्क/ वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को दावा किया कि वह ईरान और इजराइल के बीच समझौता करा सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने अन्य कट्टर दुश्मनों के बीच करवाया था. ट्रंप ने एक बार फिर अपना यह दावा दोहराया कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को ”व्यापार का इस्तेमाल करके” रुकवाया था.

‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में, राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि ईरान-इजराइल मुद्दे पर ”अब कई कॉल की जा रही हैं और बैठकें हो रही हैं.” उन्होंने कहा, ”ईरान और इजराइल को एक समझौता करना चाहिए, और वे यह करेंगे, ठीक उसी तरह जैसा कि मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच कराया था. उस समय मैंने अमेरिका के साथ व्यापार का इस्तेमाल कर के बातचीत में समझदारी, एकता और संतुलन लाया. दोनों ही बेहतरीन नेताओं ने जल्दी फैसला लिया और सब कुछ रोक दिया.” भारत सरकार का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच, चार दिनों तक दोनों ओर से हुए ड्रोन एवं मिसाइल हमलों के बाद बिना किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी के संघर्ष समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी थी.

इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान पर हमला किया और उसके परमाणु, मिसाइल और सैन्य ढांचे को निशाना बनाया. ईरान ने इजराइल पर जवाबी हमले किए, जिसके बाद तेल अवीव में इमारतों पर ईरानी मिसाइलों के हमले के बाद इजराइल ने और भी जोरदार हमले की धमकी दी है. अपने पोस्ट में ट्रंप ने अन्य संघर्षों को सूचीबद्ध किया, जिसमें उन्होंने हस्तक्षेप करने और लड़ाई को रोकने का दावा किया.
उन्होंने कहा कि उनके पहले कार्यकाल के दौरान, र्सिबया और कोसोवो में ”भीषण” लड़ाई चल रही थी, जैसा कि वे कई दशकों से करते आ रहे थे और यह लंबे समय से चल रहा संघर्ष ”युद्ध” का रूप लेने वाला था.

ट्रंप ने कहा, ”मैंने इसे रोक दिया. एक और मामला मिस्र और इथियोपिया का है, और एक विशाल बांध को लेकर उनकी लड़ाई है, जो नील नदी को प्रभावित कर रहा है. मेरे हस्तक्षेप के कारण, कम से कम अभी शांति है, और यह इसी तरह बनी रहेगी!” उन्होंने कहा, ”इसी तरह, हम जल्द ही इजराइल और ईरान के बीच शांति स्थापित करेंगे! इस समय कई कॉल की जा रही हैं और बैठकें हो रही हैं. मैं बहुत कुछ करता हूं और कभी किसी चीज का श्रेय नहीं लेता. लेकिन ठीक है, लोग समझते हैं. पश्चिम एशिया को फिर से महान बनाओ!” जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 लोग मारे गए थे) के लगभग दो सप्ताह बाद, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था.

चार दिनों तक सीमा के दोनों ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले होने के बाद, भारत और पाकिस्तान 10 मई को संघर्ष रोकने के लिए सहमत हुए थे. नयी दिल्ली में, सरकारी सूत्रों ने बताया था कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच, सभी तरह की गोलाबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं है.

दस मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ”पूरी तरह और तत्काल” संघर्ष रोकने पर सहमत हो गए हैं. ट्रंप ने एक दर्जन से अधिक बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने में मदद की है. उन्होंने कहा कि उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा कि अगर वे संघर्ष रोक दें, तो अमेरिका उनके साथ ”बहुत ज्यादा व्यापार” करेगा.

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