रक्षा क्षेत्र पर अधिक खर्च करना महत्वपूर्ण है: शशि थरूर

जयपुर. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार को कहा कि वह केंद्रीय बजट का बड़ा हिस्सा रक्षा क्षेत्र को सर्मिपत करने संबंधी केंद्र के फैसले का समर्थन करते हैं, क्योंकि इससे यह संदेश जाएगा कि भारत कोई कमजोर देश नहीं है और इसे हल्के में नहीं किया जा सकता.
जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) के दौरान मीडिया से बात करते हुए थरूर ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर जो कुछ हुआ, उसे दोहराया नहीं जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए रक्षा पर धन खर्च करना महत्वपूर्ण है.
तिरुवनंतपुरम से सांसद ने कहा, ”मुझे लगता है कि भारत की सुरक्षा पर पैसा खर्च करना बहुत महत्वपूर्ण है. हम युद्ध छेड़ने के लिए रक्षा बजट पर खर्च नहीं करते, बल्कि हम ऐसा इसलिए करते हैं ताकि दूसरे देश यह न सोचें कि हम कमजोर हैं और वे हमारे खिलाफ कोई अनुचित कदम उठा सकते हैं.” उन्होंने कहा, ”चीन की सीमा पर जो हुआ, वह फिर कभी नहीं होना चाहिए. हमें बहुत मजबूत होना होगा और उन्हें यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि हम मजबूत हैं और हमारे साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. इसलिए रक्षा बजट पर खर्च करना महत्वपूर्ण है. मैं इसके खिलाफ नहीं हूं.” उन्होंने कहा, ”वास्तव में मैं काफी समय से यह कह रहा हूं कि हमें अपना रक्षा बजट बढ़ाने की जरूरत है, खासकर इसलिए क्योंकि हमारी तटरेखा बहुत बड़ी है. हमें नौसेना को मजबूत बनाना चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि सेना में अधिकारियों की कमी है और हमारी सेना इस कमी को नहीं झेल सकती.
उनसे राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव के बारे में भी पूछा गया, जहां ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ‘इंडिया’ गठबंधन के भविष्य के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि गठबंधन की स्थापना के समय यह समझ बनी थी कि यह हर राज्य में काम नहीं करेगा.
थरूर ने कहा, ”तमिलनाडु में, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सभी एक साथ गठबंधन में थे और मेरे निर्वाचन क्षेत्र तथा पूरे केरल में मैं कम्युनिस्टों के साथ लड़ रहा हूं, जो ‘इंडिया’ गठबंधन में मेरे सहयोगी हैं. इसलिए यह समझ रहती है कि कि यह इसी तरह काम करेगा.” उन्होंने कहा कि यह कल्पना करना कठिन है कि केरल में वाम मोर्चा और कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा कभी एक साथ आ सकेंगे.
उन्होंने कहा, ”दिल्ली में हम लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ एक ही मंच पर रहने में कामयाब रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव में अन्य अंर्तिवरोध सामने आए हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि वास्तविकता राज्य दर राज्य अलग-अलग होगी.” थरूर ने कहा कि यह संभव है कि अगले चुनाव में सभी पार्टियां एक साथ आएं और फिर से अलग हो जाएं.