नौकरी के बदले जमीन ‘घोटाला’: लालू परिवार, राजद नेताओं के परिसरों पर ईडी की छापेमारी

नयी दिल्ली/पटना. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाला’ मामले में धनशोधन की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को बिहार के कई शहरों एवं कई अन्य जगहों पर छापेमारी की. छापेमारी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की तीन पुत्रियों और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं के परिसरों में की गई.

अधिकारियों ने कहा कि छापे पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), रांची और मुंबई में लालू प्रसाद की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव और राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना से जुड़े परिसरों में मारे जा रहे हैं. केंद्रीय सुरक्षा बलों के सुरक्षा घेरे के साथ करीब दो दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रसाद के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दक्षिण दिल्ली स्थित एक घर पर भी छापा मारा गया. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि तेजस्वी यादव वहां मौजूद हैं या नहीं.

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता मनोज झा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ छापेमारी में केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई और ईडी ‘‘किसी और की पटकथा’’ का अनुसरण कर रही हैं. झा ने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ ‘‘छापे’’ बिहार में पिछले साल अगस्त में सरकार बदलने की ‘‘प्रतिक्रिया’’ हैं.

अधिकारियों ने कहा कि यह मामला, लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान उनके परिवार को तोहफे में भूखंड प्राप्त होने या इसे बेचने के बदले में लोगों को रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिये जाने से संबद्ध है. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत प्रसाद, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया है और सभी आरोपियों को 15 मार्च को तलब किया गया है.

ईडी का मामला सीबीआई की शिकायत से उपजा है जिसे धनशोधन रोकथाम अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है. इस मामले में सीबीआई ने हाल ही में राजद के नेता लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से पूछताछ की थी. सीबीआई का आरोप है कि प्रसाद के रेल मंत्री के रूप में 2004-09 के कार्यकाल के दौरान भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए मध्य रेलवे में अनियमित उम्मीदवारों की नियुक्ति की गईं.

आरोप है कि नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में ‘सब्सिट्यूट’ के रूप में नियुक्त किया गया. आरोप है कि इसके बदले में उम्मीदवारों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित रूप से प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीनें बेचीं. तेजस्वी यादव ने हाल में अपने माता-पिता से सीबीआई की पूछताछ के बाद संवाददाताओं से कहा था कि तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के पास अनुग्रह के बदले में रोजगार देने की ‘‘कोई शक्ति नहीं’’ थी.

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