नेहरू की वजह से कश्मीर में ‘समस्या’ खड़ी हुई, मोदी ने इसे खत्म किया : शाह

झंझारका/उनाई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने संविधान में अनुच्छेद 370 जोड़कर जम्मू-कश्मीर में ‘समस्या पैदा’ की लेकिन नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले प्रावधान को 2019 में समाप्त कर उसे समाप्त किया.

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की ‘गौरव यात्रा’ को हरी झंडी दिखाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शाह ने कहा कि कांग्रेस अक्सर उनकी पार्टी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर ताने दिया करती थी, लेकिन अब उस भव्य मंदिर का निर्माण पूरे जोर-शोर से हो रहा है. गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने अहमदाबाद जिले के झंझारका से एक यात्रा को और नवसरारी जिले के उनाई से दो अन्य यात्राओं को हरी झंडी दिखायी. इस यात्राओं के लिए सुसज्जित वाहनों का उपयोग किया जा रहा है. शाह ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 लागू करने की जवाहर लाल नेहरू की गलती के कारण कश्मीर समस्याओं में फंसा था… उसे बाकी देश के साथ आसानी से शामिल नहीं किया जा सकता था. सभी चाहते थे कि अनुच्छेद 370 को हटा दिया जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक झटके में उसे हटा दिया और कश्मीर को बाकी देश के साथ एकजुट कर दिया.’’ गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में गुजरात दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जम्मू-कश्मीर में दशकों तक चली समस्याओं के लिए नेहरू को जिम्मेदार बताया था.

मोदी नीत केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर दिया, जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया और राज्य को दो संघशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में बांट दिया.

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर शाह ने रैली में एकत्र लोगों से सवाल किया कि क्या उन्होंने कभी सोचा था कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनाने का उनका सपना पूरा होगा? उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस हमें ‘मंदिर वही बनाएंगे, लेकिन तिथि नहीं बताएंगे’ जैसे नारे लगा कर ताना दिया करती थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन तिथि भी बतायी गई, भूमि पूजन भी हुआ और वादे के मुताबिक भव्य मंदिर का निर्माण भी हो रहा है.’’ शाह ने कहा कि मोदी सरकार महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों का विकास कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘सोमनाथ, द्वारका, काशी, केदारनाथ या उज्जैन जाएं. नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने उन सभी तीर्थस्थलों को विकसित किया है, जिन्हें कांग्रेस नीत सरकार के जमाने में अपने हाल पर छोड़ दिया गया था.’’ गृहमंत्री ने पाकिस्तान की सीमा में 2016 के र्सिजकल स्ट्राइक और 2019 के हवाई हमले का भी जिक्र किया और कहा कि मोदी नीत सरकार ने सीमापार से होने वाले आतंकवाद के खात्मे के लिए कठोर कदम उठाए.

शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान पाकिस्तान हमारे सैनिकों का सिर काट लेता था और उन्हें ले जाता था. जब हमारी सरकार आयी (2014 में) तो उन्होंने फिर वही करने का प्रयास किया. लेकिन वे भूल गए कि यह ‘मौनी बाबा’ (तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संदर्भ में) की सरकार नहीं है. आतंकी घटनाओं के कुछ ही दिन बाद नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने र्सिजकल स्ट्राइक और हवाई हमले से जवाब दिया.’’ भाजपा नेता ने दोहराया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) ना तो सुरक्षा मुहैया कराने में सक्षम है और ना ही भारत का विकास करने में. उन्होंने कहा कि सिर्फ भाजपा ऐसा करने में सक्षम है.

विपक्ष पर और निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस के शासनकाल में कर्फ्यू लगना आम बात थी, लेकिन राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर चीजें बदलीं. उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में जब कांग्रेस सत्ता में थी तो 365 दिनों में से 200 दिन राज्य में कर्फ्यू लगा रहता था. उन्होंने (कांग्रेस) सोचा कि अगर लोग आपस में लड़ते रहें तो उन्हें लाभ होगा. अब यह गुजरे दिनों की बात हो गई है.’’ शाह ने दावा किया, ‘‘गुजरात में नरेंद्र मोदी के सत्ता (2001 से मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे व 2014 में प्रधानमंत्री बने) में आने पर पिछले 20 साल में राज्य में कर्फ्यू नहीं लगा है.’’ उनाई में आदिवासी समुदायों के विकास की बात करते हुए शाह ने कहा कि समाज के वंचित तबकों के कल्याण के लिए मोदी नीत सरकार मेहनत कर रही है.

गौरतलब है कि भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बुधवार को दो यात्राओं को हरी झंडी दिखाई थी. वहीं, अहमदाबाद जिले के झंझारका से बृहस्पतिवार को रवाना हुई यात्रा सोमनाथ में समाप्त होगी. उनाई से निकली दो यात्राओं में से एक बनासकांठा जिले के अम्बाजी मंदिर तक जाएगी, जबकि दूसरी खेड़ा जिले के फगवेल मंदिर तक जाएगी.

पार्टी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भाजपा की गुजरात इकाई के नेता और पार्टी के केन्द्रीय नेता इन यात्राओं में हिस्सा लेंगे.
भाजपा राज्य में पांच यात्राएं निकाल रही है और प्रत्येक आठ से नौ दिन लंबी हैं. सत्तारूढ़ दल का लक्ष्य इन यात्राओं के माध्यम से कुल 182 में से 144 विधानसभा क्षेत्रों का भ्रमण करना और विधानसभा चुनावों से पहले जनता तक पहुंचना है.

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